जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से समाज का हर तबका और वर्ग काफी प्रभावित हुआ है. इस दौरान लोगों को अपने कामों को पूरा करने के लिए कई तरह की चुनौतियों से सामना करना पड़ा. राजस्थान पुलिस के सामने भी कई बड़ी चुनौतियां आकर खड़ी हो गई. जो पुलिस, लॉ-एंड-ऑर्डर और क्राइम कंट्रोल के लिए काम कर रही थी उसे कोरोना वायरस की रोकथाम में लगा दिया गया.
प्रदेश में कई प्रकरण ऐसे भी सामने आए जब किसी बदमाश को गिरफ्तार करने के बाद थाने लाया गया और वह कोरोना संक्रमित पाया गया. बदमाश को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए. इसके बाद पुलिस कर्मियों को अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों को दबोचने में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए.
कोरोना काल में पुलिस ने अपने सिस्टम में कई बदलाव किए-
इसी तरह से जयपुर जिला ग्रामीण के फागी थाने का एक कॉन्स्टेबल कोरोना संक्रमित पाया गया और बाद में थानाधिकारी और उनका पुत्र व कुछ अन्य लोग भी कोरोना की चपेट में आ गए. इन तमाम घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस ने अपने सिस्टम में बदलाव करते हुए किसी भी अपराध में लिप्त बदमाश को गिरफ्तार करने से पहले उसकी कोरोना जांच करवाई. कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही बदमाश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाता और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है. वहीं, यदि बदमाश की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती तो उसे पुलिस के पहरे में आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए भर्ती करवाया जाता है.
कोरोना काल में COVID जेल का निर्माण-
जेल प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया और 15 मई से जेल आने वाले सभी नए कैदियों को जयपुर जेल में ना रख कर दौसा जेल में भेजा गया. दौसा जेल को जेल प्रशासन द्वारा कोविड जेल का नाम दिया गया और कोरोना काल में जो भी कैदी पकड़े गए उन तमाम कैदियों को दौसा जेल में ही भेजा गया. जो भी नया कैदी जेल में आता है उसे पहले 14 दिन तक दूसरे कैदियों से अलग आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता. 14 दिन बाद ही उस कैदी को दूसरे कैदियों के साथ शिफ्ट किया जाता. जेल प्रशासन द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद ही जयपुर सेंट्रल जेल और जयपुर जिला जेल में कोरोना की चेन टूटी और कोई भी नया कैदी कोरोना की चपेट में नहीं आया.
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34 पुलिसकर्मी हुए कोरोना संक्रमित-
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच जयपुर का परकोटा एक बड़ा हॉट-स्पॉट बन गया था. ऐसे में जयपुर पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती परकोटे में कर्फ्यू की सख्ती से पालना करवाना और कोरोना संक्रमित पाए गए व्यक्तियों को मेडिकल टीम के साथ अस्पताल तक पहुंचाना रही. इस दौरान पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वाह करते हुए जयपुर पुलिस के 34 पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए.
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जयपुर पुलिस में जवानों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद आला अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तमाम पुलिसकर्मियों को सैनिटाइजर, मास्क, इम्युनिटी बूस्टअप काढ़ा, ग्लव्स, चश्में, पीपीई किट जैसी आवश्यक वस्तुएं मुहैया करवाई गई. इसके साथ ही जो पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भी तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई गई. कोरोना की चपेट में आए पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों का भी जयपुर पुलिस द्वारा ध्यान रखा गया और उन्हें भी हर संभव मदद पहुंचाई गई. कोरोना की चपेट में आए पुलिसकर्मी जल्द ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौटे जिसके चलते अन्य पुलिसकर्मियों का जोश पहले की तुलना में और भी ज्यादा बढ़ गया.