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SPECIAL: कोरोना काल में चुनौतियों के आगे खाकी ने बदला अपना स्टाइल, कुछ इस तरह से जारी है जंग - Rajasthan police fight against corona

बदमाशों पर लगाम लगाने वाली पुलिस इन दिनों कोरोना महामारी और जनता के बीच चट्टान बनकर खड़ी हुए है. कोरोना संदिग्ध और संक्रमित लोगों को अस्पताल तक पहुंचाना, सुरक्षा चौकसी करना, लोगों की मदद करना और खुद को भी इस संक्रमण से बचाने की इस चुनौती से वर्दीधारी लड़ रहे हैं.

fighting  against corona, rajasthan police, राजस्थान पुलिस, कोरोना वायरस
कोरोना काल में कुछ इस तरह जंग लड़ रही है राजस्थान पुलिस
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Published : Jul 23, 2020, 8:11 AM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से समाज का हर तबका और वर्ग काफी प्रभावित हुआ है. इस दौरान लोगों को अपने कामों को पूरा करने के लिए कई तरह की चुनौतियों से सामना करना पड़ा. राजस्थान पुलिस के सामने भी कई बड़ी चुनौतियां आकर खड़ी हो गई. जो पुलिस, लॉ-एंड-ऑर्डर और क्राइम कंट्रोल के लिए काम कर रही थी उसे कोरोना वायरस की रोकथाम में लगा दिया गया.

कोरोना काल में कुछ इस तरह जंग लड़ रही है राजस्थान पुलिस
इसके साथ ही चिकित्सा विभाग की टीम के साथ मिलकर फिजिकल ट्रेसिंग का एक महत्वपूर्ण काम सौंपा गया. राजस्थान पुलिस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब खूंखार बदमाशों को पकड़ने वाली पुलिस कोरोना संक्रमित पाए जा रहे या फिर कोरोना संदिग्ध लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम कर रही है. एक तरफ कोरोना संदिग्ध या कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है तो वहीं दूसरी तरफ खुद के संक्रमित होने का एक बड़ा खतरा भी पुलिसकर्मियों पर मंडरा रहा था.
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लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी
कोरोना काल में जहां राजस्थान पुलिस सामाजिक सरोकार निभाने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ अपराधियों में कोरोना का कोई ख़ौफ नहीं देखा जा रहा है. कोरोना काल में अपराध पर लगाम लगाना और किसी भी प्रकरण की जांच करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. प्रदेश में जब कोरोना के प्रकरण बढ़ने लगे तो उसका संक्रमण रोकने के लिए अलग-अलग जिलों में जिन स्थानों पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाया जा रहा था. वहां पर कर्फ्यू लगाना और कर्फ्यू की सख्ती से पालना कराना पुलिस की प्राथमिकता रही. इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने लाखों की संख्या में लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया.

प्रदेश में कई प्रकरण ऐसे भी सामने आए जब किसी बदमाश को गिरफ्तार करने के बाद थाने लाया गया और वह कोरोना संक्रमित पाया गया. बदमाश को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए. इसके बाद पुलिस कर्मियों को अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों को दबोचने में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए.

fighting  against corona, rajasthan police, राजस्थान पुलिस, कोरोना वायरस
जरूरतमंद लोगों को राशन सामाग्री बांटते हुए पुलिसकर्मी
अपराधियों की कराई गई कोरोना जांच-
प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पुलिस मुख्यालय से कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए निर्देश दिए गए कि किसी भी बदमाश को गिरफ्तार करने से पहले उसकी कोरोना जांच कराना अति आवश्यक है. राजधानी जयपुर के सांगानेर थाना पुलिस द्वारा तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार किया गया जिसमें से एक वाहन चोर कोरोना संक्रमित में पाया गया. जिसके चलते पूरे थाने के स्टाफ को क्वारेंटाइन करना पड़ा.


कोरोना काल में पुलिस ने अपने सिस्टम में कई बदलाव किए-

इसी तरह से जयपुर जिला ग्रामीण के फागी थाने का एक कॉन्स्टेबल कोरोना संक्रमित पाया गया और बाद में थानाधिकारी और उनका पुत्र व कुछ अन्य लोग भी कोरोना की चपेट में आ गए. इन तमाम घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस ने अपने सिस्टम में बदलाव करते हुए किसी भी अपराध में लिप्त बदमाश को गिरफ्तार करने से पहले उसकी कोरोना जांच करवाई. कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही बदमाश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाता और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है. वहीं, यदि बदमाश की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती तो उसे पुलिस के पहरे में आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए भर्ती करवाया जाता है.

fighting  against corona, rajasthan police, राजस्थान पुलिस, कोरोना वायरस
कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने के लिए गस्त करती पुलिस
जेल में अंडर ट्रायल कैदियों का आना हुआ कम-
कोरोना काल में प्रदेश के तमाम सेंट्रल जेल व जिला जेल में आने वाले अंडर ट्रायल कैदियों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है. जेल विभाग से प्राप्त हुए आंकड़ों के अनुसार यदि जयपुर सेंट्रल जेल की बात की जाए तो जहां वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर अप्रैल महीने तक प्रतिदिन 30 से 35 अंडर ट्रायल कैदी जेल पहुंचते थे, तो वहीं कोरोना काल में मई से लेकर जून तक अंडर ट्रायल कैदियों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई. कोरोना काल में महज 3 से 5 अंडर ट्रायल कैदी ही जेल में आए है.
जेल में कैदियों के लिए आइसोलेशन वार्ड-
कोरोना का प्रकोप प्रदेश की अनेक सेंट्रल जेल में भी देखने को मिला और कई कैदी कोरोना की चपेट में आ गए. जयपुर के जमवा रामगढ़ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया एक कैदी कोरोना संक्रमित पाया गया था. जिसके संपर्क में आए जयपुर सेंट्रल जेल के अनेक कैदी संक्रमण का शिकार हो गए थे. जयपुर सेंट्रल जेल से संक्रमण जयपुर जिला कारागार में पहुंचा जहां पर जेल कर्मचारी और अनेक कैदी संक्रमण का शिकार हुए.
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जयपुर पुलिस आयुक्तालय

कोरोना काल में COVID जेल का निर्माण-

जेल प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया और 15 मई से जेल आने वाले सभी नए कैदियों को जयपुर जेल में ना रख कर दौसा जेल में भेजा गया. दौसा जेल को जेल प्रशासन द्वारा कोविड जेल का नाम दिया गया और कोरोना काल में जो भी कैदी पकड़े गए उन तमाम कैदियों को दौसा जेल में ही भेजा गया. जो भी नया कैदी जेल में आता है उसे पहले 14 दिन तक दूसरे कैदियों से अलग आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता. 14 दिन बाद ही उस कैदी को दूसरे कैदियों के साथ शिफ्ट किया जाता. जेल प्रशासन द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद ही जयपुर सेंट्रल जेल और जयपुर जिला जेल में कोरोना की चेन टूटी और कोई भी नया कैदी कोरोना की चपेट में नहीं आया.

ये भी पढ़ें: Special: सावधानी हटी दुर्घटना घटी...कोरोना काल में नियमों की अनदेखी पड़ेगी भारी

34 पुलिसकर्मी हुए कोरोना संक्रमित-
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच जयपुर का परकोटा एक बड़ा हॉट-स्पॉट बन गया था. ऐसे में जयपुर पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती परकोटे में कर्फ्यू की सख्ती से पालना करवाना और कोरोना संक्रमित पाए गए व्यक्तियों को मेडिकल टीम के साथ अस्पताल तक पहुंचाना रही. इस दौरान पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वाह करते हुए जयपुर पुलिस के 34 पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: सस्ते का लालच परिवार पर पड़ेगा महंगा, घटिया हेलमेट ले सकती है आपकी जान, इसलिए रहे सावधान...

जयपुर पुलिस में जवानों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद आला अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तमाम पुलिसकर्मियों को सैनिटाइजर, मास्क, इम्युनिटी बूस्टअप काढ़ा, ग्लव्स, चश्में, पीपीई किट जैसी आवश्यक वस्तुएं मुहैया करवाई गई. इसके साथ ही जो पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भी तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई गई. कोरोना की चपेट में आए पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों का भी जयपुर पुलिस द्वारा ध्यान रखा गया और उन्हें भी हर संभव मदद पहुंचाई गई. कोरोना की चपेट में आए पुलिसकर्मी जल्द ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौटे जिसके चलते अन्य पुलिसकर्मियों का जोश पहले की तुलना में और भी ज्यादा बढ़ गया.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से समाज का हर तबका और वर्ग काफी प्रभावित हुआ है. इस दौरान लोगों को अपने कामों को पूरा करने के लिए कई तरह की चुनौतियों से सामना करना पड़ा. राजस्थान पुलिस के सामने भी कई बड़ी चुनौतियां आकर खड़ी हो गई. जो पुलिस, लॉ-एंड-ऑर्डर और क्राइम कंट्रोल के लिए काम कर रही थी उसे कोरोना वायरस की रोकथाम में लगा दिया गया.

कोरोना काल में कुछ इस तरह जंग लड़ रही है राजस्थान पुलिस
इसके साथ ही चिकित्सा विभाग की टीम के साथ मिलकर फिजिकल ट्रेसिंग का एक महत्वपूर्ण काम सौंपा गया. राजस्थान पुलिस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब खूंखार बदमाशों को पकड़ने वाली पुलिस कोरोना संक्रमित पाए जा रहे या फिर कोरोना संदिग्ध लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम कर रही है. एक तरफ कोरोना संदिग्ध या कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है तो वहीं दूसरी तरफ खुद के संक्रमित होने का एक बड़ा खतरा भी पुलिसकर्मियों पर मंडरा रहा था.
fighting  against corona, rajasthan police, राजस्थान पुलिस, कोरोना वायरस
लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी
कोरोना काल में जहां राजस्थान पुलिस सामाजिक सरोकार निभाने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ अपराधियों में कोरोना का कोई ख़ौफ नहीं देखा जा रहा है. कोरोना काल में अपराध पर लगाम लगाना और किसी भी प्रकरण की जांच करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. प्रदेश में जब कोरोना के प्रकरण बढ़ने लगे तो उसका संक्रमण रोकने के लिए अलग-अलग जिलों में जिन स्थानों पर कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाया जा रहा था. वहां पर कर्फ्यू लगाना और कर्फ्यू की सख्ती से पालना कराना पुलिस की प्राथमिकता रही. इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने लाखों की संख्या में लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया.

प्रदेश में कई प्रकरण ऐसे भी सामने आए जब किसी बदमाश को गिरफ्तार करने के बाद थाने लाया गया और वह कोरोना संक्रमित पाया गया. बदमाश को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए. इसके बाद पुलिस कर्मियों को अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों को दबोचने में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए.

fighting  against corona, rajasthan police, राजस्थान पुलिस, कोरोना वायरस
जरूरतमंद लोगों को राशन सामाग्री बांटते हुए पुलिसकर्मी
अपराधियों की कराई गई कोरोना जांच-
प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पुलिस मुख्यालय से कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए निर्देश दिए गए कि किसी भी बदमाश को गिरफ्तार करने से पहले उसकी कोरोना जांच कराना अति आवश्यक है. राजधानी जयपुर के सांगानेर थाना पुलिस द्वारा तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार किया गया जिसमें से एक वाहन चोर कोरोना संक्रमित में पाया गया. जिसके चलते पूरे थाने के स्टाफ को क्वारेंटाइन करना पड़ा.


कोरोना काल में पुलिस ने अपने सिस्टम में कई बदलाव किए-

इसी तरह से जयपुर जिला ग्रामीण के फागी थाने का एक कॉन्स्टेबल कोरोना संक्रमित पाया गया और बाद में थानाधिकारी और उनका पुत्र व कुछ अन्य लोग भी कोरोना की चपेट में आ गए. इन तमाम घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस ने अपने सिस्टम में बदलाव करते हुए किसी भी अपराध में लिप्त बदमाश को गिरफ्तार करने से पहले उसकी कोरोना जांच करवाई. कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही बदमाश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाता और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है. वहीं, यदि बदमाश की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती तो उसे पुलिस के पहरे में आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए भर्ती करवाया जाता है.

fighting  against corona, rajasthan police, राजस्थान पुलिस, कोरोना वायरस
कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने के लिए गस्त करती पुलिस
जेल में अंडर ट्रायल कैदियों का आना हुआ कम-
कोरोना काल में प्रदेश के तमाम सेंट्रल जेल व जिला जेल में आने वाले अंडर ट्रायल कैदियों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है. जेल विभाग से प्राप्त हुए आंकड़ों के अनुसार यदि जयपुर सेंट्रल जेल की बात की जाए तो जहां वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर अप्रैल महीने तक प्रतिदिन 30 से 35 अंडर ट्रायल कैदी जेल पहुंचते थे, तो वहीं कोरोना काल में मई से लेकर जून तक अंडर ट्रायल कैदियों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई. कोरोना काल में महज 3 से 5 अंडर ट्रायल कैदी ही जेल में आए है.
जेल में कैदियों के लिए आइसोलेशन वार्ड-
कोरोना का प्रकोप प्रदेश की अनेक सेंट्रल जेल में भी देखने को मिला और कई कैदी कोरोना की चपेट में आ गए. जयपुर के जमवा रामगढ़ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया एक कैदी कोरोना संक्रमित पाया गया था. जिसके संपर्क में आए जयपुर सेंट्रल जेल के अनेक कैदी संक्रमण का शिकार हो गए थे. जयपुर सेंट्रल जेल से संक्रमण जयपुर जिला कारागार में पहुंचा जहां पर जेल कर्मचारी और अनेक कैदी संक्रमण का शिकार हुए.
fighting  against corona, rajasthan police, राजस्थान पुलिस, कोरोना वायरस
जयपुर पुलिस आयुक्तालय

कोरोना काल में COVID जेल का निर्माण-

जेल प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया और 15 मई से जेल आने वाले सभी नए कैदियों को जयपुर जेल में ना रख कर दौसा जेल में भेजा गया. दौसा जेल को जेल प्रशासन द्वारा कोविड जेल का नाम दिया गया और कोरोना काल में जो भी कैदी पकड़े गए उन तमाम कैदियों को दौसा जेल में ही भेजा गया. जो भी नया कैदी जेल में आता है उसे पहले 14 दिन तक दूसरे कैदियों से अलग आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता. 14 दिन बाद ही उस कैदी को दूसरे कैदियों के साथ शिफ्ट किया जाता. जेल प्रशासन द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद ही जयपुर सेंट्रल जेल और जयपुर जिला जेल में कोरोना की चेन टूटी और कोई भी नया कैदी कोरोना की चपेट में नहीं आया.

ये भी पढ़ें: Special: सावधानी हटी दुर्घटना घटी...कोरोना काल में नियमों की अनदेखी पड़ेगी भारी

34 पुलिसकर्मी हुए कोरोना संक्रमित-
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच जयपुर का परकोटा एक बड़ा हॉट-स्पॉट बन गया था. ऐसे में जयपुर पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती परकोटे में कर्फ्यू की सख्ती से पालना करवाना और कोरोना संक्रमित पाए गए व्यक्तियों को मेडिकल टीम के साथ अस्पताल तक पहुंचाना रही. इस दौरान पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वाह करते हुए जयपुर पुलिस के 34 पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: सस्ते का लालच परिवार पर पड़ेगा महंगा, घटिया हेलमेट ले सकती है आपकी जान, इसलिए रहे सावधान...

जयपुर पुलिस में जवानों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद आला अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तमाम पुलिसकर्मियों को सैनिटाइजर, मास्क, इम्युनिटी बूस्टअप काढ़ा, ग्लव्स, चश्में, पीपीई किट जैसी आवश्यक वस्तुएं मुहैया करवाई गई. इसके साथ ही जो पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भी तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई गई. कोरोना की चपेट में आए पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों का भी जयपुर पुलिस द्वारा ध्यान रखा गया और उन्हें भी हर संभव मदद पहुंचाई गई. कोरोना की चपेट में आए पुलिसकर्मी जल्द ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौटे जिसके चलते अन्य पुलिसकर्मियों का जोश पहले की तुलना में और भी ज्यादा बढ़ गया.

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