कोटा : मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस के लिए कोटा देशभर में सबसे ज्यादा सिलेक्शन देने वाला शहर है. यही वजह है कि इसे शिक्षा की काशी कहा जाता है. साल 2024 में भले यहां आने वाले विद्यार्थियों की संख्या घटी हो, बावजूद इसके इस साल हुई परीक्षाओं में कोटा ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट यूजी हो या इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईई मेन या एडवांस्ड दोनों में अपनी धाक जमाई है. यहां तक कि टॉपर्स भी कोटा से आए. जेईई एडवांस्ड की परीक्षा में कोटा से तीन कैंडिडेट ऑल इंडिया रैंक टॉप 10 में रहे. साथ ही नीट यूजी में भी दो कैंडिडेट टॉप और परफेक्ट स्कोरर रहे.
एलन कोचिंग संस्थान के प्रेसिडेंट विनोद कुमावत ने बताया कि रिजल्ट के लिहाज से कोटा 2024 में काफी बेहतरीन रहा. कोटा में रहकर स्टडी कर रहे स्टूडेंट्स का परिणाम काबिले तारीफ रहा है. बच्चों ने मेडिकल और इंजीनियरिंग में अच्छी तैयारी की और उन्हें टीचर्स का भरपूर सहयोग मिला. इसके साथ ही कोटा के स्थानीय लोगों ने भी केयरिंग और सपोर्ट दिया. आईआईटी रैंक वन भी कोटा से आई. मेडिकल एंट्रेंस नीट यूजी में भी दो बच्चों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए. टॉपर्स की बात की जाए, तो शहर से 1200 से ज्यादा बच्चे आईआईटी में गए. इसके अलावा एम्स में 225 बच्चे कोटा से पढ़कर गए हैं.
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वेद का जेईई एडवांस्ड में रिकॉर्ड : मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी वेद लाहोटी जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड में अब तक सबसे ज्यादा नंबर लाने वाले कैंडिडेट बने. उन्हें इस परीक्षा में 98.61 फीसदी अंक प्राप्त हुए यानी 360 में से 355 अंक आए. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. वेद ने अपनी सफलता का श्रेय कोटा को दिया था. उनका कहना था कि टफ कंपटीशन मिला. साथ ही पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का स्तर भी एक जैसा ही था. ऐसे में टेस्ट में एक-एक अंक को लेकर पूरा कंपटीशन दोस्तों के बीच था. क्लास में भी डाउट्स को लेकर बहुत अच्छे डिस्कशन होते थे. यही कारण रहा कि टॉपिक्स क्लीयर होते चले गए और सब्जेक्ट स्ट्रांग हो गए. फिलहाल आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस ब्रांच में दाखिला लेकर बीटेक कर रहे हैं. इसके बाद वो देश के लिए रिसर्च के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं.
रिदम केडिया की चौथी और राजदीप मिश्रा की छठी रैंक : कोटा से ही कोचिंग कर रहे रिदम केडिया आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम जेईई एडवांस्ड में चौथी रैंक लेकर आए. वे भी फिलहाल आईआईटी बॉम्बे से बीटेक कर रहे हैं. उसके बाद साइंस में रिसर्च करने की इच्छा है. रिदम मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रायपुर के निवासी हैं. इसी तरह जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैकिंग में छठा स्थान हासिल करने वाले गुजरात के जामनगर निवासी राजदीप मिश्रा ने 2 साल तक कोटा में रहकर तैयारी की थी. उनका कहना है कि कोटा का उनके सफलता में बड़ा योगदान रहा है.
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3 स्टूडेंट लेकर आए 100 परसेंटाइल : जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन में देशभर के 56 कैंडिडेट्स 100 परसेंटाइल के क्लब में शामिल हुए. इसमें कोटा से कोचिंग कर रहे तीन कैंडिडेट भी शामिल हैं. भीलवाड़ा जिले के रहने वाले अक्षय चपलोत ने जेईई मेन 2024 में 100 परसेंटाइल हासिल की. साथ ही गुरुग्राम से कोटा आकर 2 साल कोचिंग करने वाले ईशान गुप्ता भी इसी क्लब में शामिल हुए. इसी के साथ बिहार से कोटा आकर कोचिंग कर आदित्य कुमार भी 100 परसेंटाइल की लिस्ट में शामिल हुए. वहीं, परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक लेकर आए थे.
कोटा सिखा देता है स्ट्रगल करना : विनोद कुमावत का कहना है कि कोटा में कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए काफी अच्छी सुविधा है. कोटा में रहकर बच्चे कंपटीशन में फाइट करना सीखते हैं. इसके बाद भी ये बच्चे अगर मेडिकल और इंजीनियरिंग स्ट्रीम के अलावा दूसरे फील्ड में भी जाते हैं, तो भी अच्छा करते हैं. वहां भी यह काफी एडवांस और अच्छी पढ़ाई करते हैं, क्योंकि कोटा उन्हें स्ट्रगलर बनाता है.
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केयरिंग की मदद से ही बन रहे टॉपर्स : कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि कोटा का काफी अच्छा रिजल्ट रहा है. यह हर साल बेहतर होता जा रहा है. जिस तरह से कोटा शिक्षा की काशी कहा जाता है. वह अपना खुद का ही रिकॉर्ड बनाते जा रहा है और कोटा जैसी केयरिंग पूरे हिंदुस्तान में कहीं नहीं है. यहां बच्चे हॉस्टल और पीजी में रहते हैं. सभी जगह उन्हें अच्छी केयरिंग मिलती है. बच्चों के सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक पूरा शेड्यूल बनाकर हॉस्टल में लोग जुटे रहते हैं. नाइट अटेंडेंस से लेकर सब कुछ यहां पर हो रहा है. बायोमेट्रिक मशीन के जरिए उनकी उपस्थिति दर्ज होती है और उन्हें डिसिप्लिन सिखाया जाता है. इस तरह की केयरिंग पूरे देश में किसी भी शहर में नहीं हो रही है.