भरतपुर: जिले में इस साल अपराध दर में 7.28% की गिरावट दर्ज की गई है, जो बेहतर पुलिसिंग और सामुदायिक सहयोग का परिणाम मानी जा रही है. इन आंकड़ों के पीछे का कड़वा सच यह है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध, खासकर दुष्कर्म और अत्याचार के मामले अभी भी पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. इन मामलों में बढ़ोतरी ने अभी भी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रखे हैं. हालांकि, पॉक्सो के मामलों में काफी कमी आई है, जो कि राहत देने वाली है.
दावे और हकीकत : विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में बीते साल कुल 6549 आपराधिक मामले दर्ज हुए. चोरी में 10.64% और नकबजनी में 31.69% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन दुष्कर्म के मामलों में 7.94% की वृद्धि हुई, जो कि पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.
महिला सुरक्षा और पॉक्सो मामलों में सुधार : जिले में इस साल, गत वर्ष 2023 की तुलना में पॉक्सो एक्ट के मामलों में 32.20% की कमी आई. पुलिस अधीक्षक कच्छावा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए पुलिस की गश्त, हेल्पलाइन सेवाएं और स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाया गया है.
चोरी और नकबजनी पर नियंत्रण : पुलिस की सख्ती और तकनीकी उपायों के कारण चोरी में 10.64% और नकबजनी में 31.69% की कमी आई है. एसपी कच्छावा ने बताया कि चोरी, नकबजनी जैसी वारदातों पर लगाम लगाने के लिए संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के साथ ही रात्रि गश्त को और प्रभावी बनाया गया है. वहीं, जिले में अनुसूचित जाति के खिलाफ 288 और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ 34 मामले दर्ज हुए, जो कि वर्ष 2023 की तुलना में क्रमशः 17.48% और 47.69% कम हैं.
अपराध पर लगाम के लिए ये कदम -
तकनीकी उपाय: जिले में अपराधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी और डिजिटल डेटा का उपयोग बढ़ाया गया है.
सामुदायिक सहयोग: स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों को अपराध रोकथाम अभियानों में जोड़ा गया.
तेज कार्रवाई: अपराध के मामलों में त्वरित एफआईआर दर्ज कर जांच और गिरफ्तारी की गति तेज की गई.
गश्त बढ़ाई गई: संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त और रात्रि सुरक्षा बढ़ाई.
पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि हमारा उद्देश्य भरतपुर को पूरी तरह सुरक्षित बनाना है. इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग, अधिक जागरूकता अभियान और सामुदायिक सहयोग को मजबूत किया जाएगा.