जयपुर. पश्चिमी बंगाल में हुई चिकित्सकों के साथ मारपीट के बाद प्रदेश के चिकित्सक संगठन भी विरोध पर उतर चुके हैं. इसी के तहत रेजिडेंट एसोसिएशन ऑफ डॉक्टर्स, सेवारत चिकित्सक संघ ने प्रदेश भर में अपनी सेवाएं देने से साफ तौर पर मना कर दिया है. जहां रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर चले जाने से मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में खासा असर देखने को मिल रहा है, तो वहीं सेवारत चिकित्सक संघ के चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश भर में करीब 3000 से अधिक सीएचसी और पीएचसी के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं.
हालांकि मेडिकल कॉलेज और सरकार की ओर से वैकल्पिक सुविधाओं के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे हैं. वहीं अस्पताल आ रहे मरीजों का कहना है कि इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं तो ऐसे में उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ मरीज तो जयपुर के बाहर से अपना इलाज करवाने पहुंचे हैं लेकिन अस्पताल पहुंचते ही जब डॉक्टर्स नदारद मिले तो उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है. मेडिकल कॉलेज की ओर से जो चिकित्सक उपलब्ध कराए जा रहे हैं वह काफी कम है तो ऐसे में हालात धीरे-धीरे अस्पताल में बिगड़ने लगे हैं.