जयपुर. बजट से ना उम्मीद हुए कोविड स्वास्थ्य सहायक (सीएचए) शुक्रवार देर शाम गांधीनगर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए. उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. विरोध के बीच पिछले 24 घंटे से सीएचए टंकी पर चढ़े हुए हैं. इस बीच पुलिस से हुई वार्ता भी विफल रही है.
जिसके बाद कोविड स्वास्थ्य सहायक पानी की टंकी पर डटे रहने का फैसला किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब हम लोगों ने आंदोलन किया था तब सरकार के कुछ मंत्रियों ने हमसे वादा किया था कि बजट में आपकी मांगे पूरी की जाएगी. लेकिन बजट में कोविड स्वास्थ्य सहायकों को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई. यह सभी कोविड स्वास्थ्य सहायक का अलग से कैडर बनाकर स्थाई करने की मांग कर रहे हैं.
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टंकी पर चढ़कर विरोध करने वाले कोविड स्वास्थ्य सहायकों का आंदोलन जारी है. पुलिस से हुई वार्ता में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिले पर सीएचए ने पानी की टंकी पर डटे रहने का फैसला किया है. उनका कहना है कि जब तक सरकार के किसी व्यक्ति से वार्ता नही होती और हमे रोजगार देने की गारंटी नहीं मिलती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इससे पहले भी प्रदेश भर के कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने अपनी मांगों को लेकर एक लंबा आंदोलन किया था.
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इन स्वास्थ्य सहायकों का कहना है कि आंदोलन के दौरान सरकार ने हमसे वादा किया था कि बजट में उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो बजट पेश किया है उसमें मांगें पूरी नहीं हुई. बजट पेश होने के बाद करीब 5 कॉविड स्वास्थ्य सहायक गांधीनगर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. बता दें कि अपनी मांगों को लेकर इन स्वास्थ्य सहायकों ने शहीद स्मारक पर लंबे समय तक आंदोलन किया था. प्रदेश जब कोविड-19 संक्रमण की चपेट में था तब सरकार की ओर से सीएचए की भर्ती की गई थी. लेकिन कोविड-19 संक्रमण के मामले कम होने के बाद सरकार ने बीते साल 31 मार्च को इन सभी को हटा दिया था. जिसके बाद बेरोजगार हुए इन सीएचए ने शहीद स्मारक पर धरना दिया था. इस दौरान कई विधायक और राजनीतिक दलों के नेता इन अभ्यर्थियों से मिलने पहुंचे थे.