ETV Bharat / state

सरदारशहर उपचुनाव 2022: कांग्रेस ने अनिल कुमार शर्मा को दिया टिकट, आरएलपी ने लालचंद मूंड को बनाया प्रत्याशी

चूरू के सरदारशहर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव (Sardarshahar by election 2022) के लिए कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. पार्टी ने अनिल कुमार शर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं, भाजपा ने अशोक पिंचा पर दांव खेला है. हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है . हनुमान बेनीवाल ने जाट समुदाय के लालचंद मूंड को उम्मीदवार बनाया है .

Sardarshahar by election 2022
अनिल कुमार शर्मा
author img

By

Published : Nov 16, 2022, 12:52 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 12:30 AM IST

जयपुर. सरदारशहर विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव (Sardarshahar by election 2022) होने जा रहे हैं. बीजेपी ने यहां से अशोक पिंचा को टिकट दिया है. ऐसे में पिछले उप चुनावों के रिकॉर्ड को देखते हुए कांग्रेस ने एक बार फिर सहानुभूति कार्ड खेला है. कांग्रेस ने यहां से दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को उम्मीदवार घोषित (Sardarshahar by election Congress Candidate) कर दिया है. अनिल शर्मा अभी राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड (EWS) के चैयरमेन हैं. उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी प्राप्त है. सितम्बर में ही अनिल पीसीसी सदस्य निर्वाचित हुए थे. वे राजस्थान ब्राह्मण महासभा जयपुर के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. अनिल शर्मा 17 सितम्बर को नामांकन दाखिल करेंगे.

सरदारशहर से कांग्रेस उम्मीदवार होंगे अनिल शर्मा- सरदारशहर के दिवंगत विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा सरदारशहर की राजनीति में नए नहीं हैं. सन 1995 में वे सरदारशहर नगरपालिका के चैयरमेन बन गए थे. साल 2000 तक वे इस पद पर रहे. इसके बाद साल 2000 से लेकर साल 2018 तक वे सरदारशहर कांग्रेस ब्लॉक के अध्यक्ष रहे. इसके बाद उन्होंने सरदारशहर के अलावा प्रदेश की राजनीति में भी अपना कदम रखा. साल 2018 से लेकर साल 2022 तक वे प्रदेश कांग्रेस के शहरी निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. इसके बाद उन्हें गहलोत सरकार ने राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड (EWS) का चैयरमेन बनाया और राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया. साल 2022 में वे पीसीसी सदस्य निर्वाचित हुए. इसके अलावा अनिल शर्मा राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं.

पढ़ें- Sardarshahar By Election: उपचुनावों में परम्परा बनेगी या टूटेगी इस पर नजर, क्या चलेगा कांग्रेस का Sympathy Card!

पिछले उप चुनावों में सहानुभूति की लहर ने किया काम- दरअसल गहलोत सरकार अपने इस शासनकाल में अब तक 7 उपचुनाव लड़ चुकी है, जिसमें से 5 में कांग्रेस को जीत मिली है. वहीं 1 बीजेपी और 1 रालोपा ने जीता है. 5 सीटें सीटिंग एमएलए की मृत्यु से खाली हुई थी. यहां सहानुभूति की लहर ने पूरा काम किया. सुजानगढ़, सहाड़ा और वल्लभनगर में कांग्रेस ने दिवंगत विधायक के परिवार से टिकट दिया. यह तीनों सीटें कांग्रेस ने जीती. वहीं 2 सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा था. राजसमंद सीट पर बीजेपी ने किरण माहेश्वरी की मृत्यु के बाद उनकी बेटी दिप्ती माहेश्वरी को टिकट दिया और वो चुनाव जीत गई. वहीं धरियावाद में बीजेपी ने दिवंगत विधायक गौतमलाल मीना के परिवार से टिकट नहीं देकर खेत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा. नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस ने यह उप चुनाव जीता और बीजेपी तीसरे नम्बर पर रही.

इनके निधन से खाली हुई थी सीट- राजस्थान की सियासत में भाजपा के भैरों सिंह शेखावत और कांग्रेस के अशोक गहलोत की सरकार को हिला देने वाले सूबे के दबंग नेता पंडित भंवरलाल शर्मा का निधन गत 9 अक्टूबर को हुआ था. 77 वर्षीय शर्मा ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था. इसके बाद सरदारशहर सीट खाली हो गई है. इस सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होगा और 8 दिसंबर को नतीजे सामने आएंगे.

पढ़ें- सरदारशहर की सियासी पिच पर बीजेपी ने अशोक पिंचा पर लगाया दांव

यह है वोटों का गणित: सरदारशहर के मतदाता की बात करें तो यहां पर अब तक जातिगत प्रभाव न रहकर व्यक्ति प्रभाव ज्यादा रहता है. ब्राह्मण वोटर संख्या बल के लिहाज से तीसरे नंबर पर हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चुनाव ब्राह्मण समाज से आने वाले दिवंगत भंवर लाल शर्मा ने जीते. सरदारशहर विधानसभा में कुल वोटरों की संख्या करीब 2 लाख 80 हजार के करीब है. संख्या बल के लिहाज से करीब 70 हजार जाट पहले नंबर पर हैं, दूसरे स्थान पर SC मतदाता आते हैं जिनके वोटों की संख्या करीब 55,000 है. तीसरे नंबर ब्राह्मण आते हैं जिनकी संख्या 40 हजार के करीब है.

पढ़ें: सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव में दांव पर BJP के दो नेताओं की प्रतिष्ठा, एक की जन्मभूमि तो दूसरे की है कर्मभूमि

चौथे नंबर पर मुस्लिम वोटर जिनकी संख्या 25,000 के करीब है. पांचवें नंबर पर राजपूत समाज है जिनकी वोटर संख्या 20000 के करीब है. उसके बाद माली-11000, कुम्हार-10000, स्वामी-9000, सोनी-8000, सुथार-7000, जैन-5000 और अग्रवाल समाज के करीब 4500 मतदाता हैं. अन्य जातियों के करीब 30 हजार वोटर हैं. सरदारशहर में सर्वाधिक जाट मतदाता हैं. इसलिए जाटों के वोट बहुत ज्यादा महत्व रखेंगे.

आरएलपी ने खेला जाट प्रत्याशी पर दांवः सरदारशहर उपचुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बाद अब हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है . हनुमान बेनीवाल ने जाट समुदाय के लालचंद मूंड को उम्मीदवार बनाया है . कांग्रेसी और बीजेपी ने नॉन जाट फेस को चुनाव में उम्मीदवार बनाया तो , आरएलपी ने संख्या बल के हिसाब से सबसे ज्यादा जाट समुदाय के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार के मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है . बता दें कि सरदारपुरा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा जाट समुदाय के मतदाता है , हालांकि पहले बीजेपी को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि इस बार बीजेपी अपने परंपरागत उम्मीदवार अशोक पींचा की जगह किसी जाट उम्मीदवार पर दांव खेलेगी , लेकिन ऐन वक्त पर बीजेपी ने अशोक पींचा पर दांव खेला. जबकि कांग्रेस ने स्वर्गीय भंवर लाल शर्मा के बेटे पर ही अपना विश्वास जताया है .

जयपुर. सरदारशहर विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव (Sardarshahar by election 2022) होने जा रहे हैं. बीजेपी ने यहां से अशोक पिंचा को टिकट दिया है. ऐसे में पिछले उप चुनावों के रिकॉर्ड को देखते हुए कांग्रेस ने एक बार फिर सहानुभूति कार्ड खेला है. कांग्रेस ने यहां से दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को उम्मीदवार घोषित (Sardarshahar by election Congress Candidate) कर दिया है. अनिल शर्मा अभी राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड (EWS) के चैयरमेन हैं. उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी प्राप्त है. सितम्बर में ही अनिल पीसीसी सदस्य निर्वाचित हुए थे. वे राजस्थान ब्राह्मण महासभा जयपुर के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. अनिल शर्मा 17 सितम्बर को नामांकन दाखिल करेंगे.

सरदारशहर से कांग्रेस उम्मीदवार होंगे अनिल शर्मा- सरदारशहर के दिवंगत विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा सरदारशहर की राजनीति में नए नहीं हैं. सन 1995 में वे सरदारशहर नगरपालिका के चैयरमेन बन गए थे. साल 2000 तक वे इस पद पर रहे. इसके बाद साल 2000 से लेकर साल 2018 तक वे सरदारशहर कांग्रेस ब्लॉक के अध्यक्ष रहे. इसके बाद उन्होंने सरदारशहर के अलावा प्रदेश की राजनीति में भी अपना कदम रखा. साल 2018 से लेकर साल 2022 तक वे प्रदेश कांग्रेस के शहरी निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. इसके बाद उन्हें गहलोत सरकार ने राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड (EWS) का चैयरमेन बनाया और राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया. साल 2022 में वे पीसीसी सदस्य निर्वाचित हुए. इसके अलावा अनिल शर्मा राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं.

पढ़ें- Sardarshahar By Election: उपचुनावों में परम्परा बनेगी या टूटेगी इस पर नजर, क्या चलेगा कांग्रेस का Sympathy Card!

पिछले उप चुनावों में सहानुभूति की लहर ने किया काम- दरअसल गहलोत सरकार अपने इस शासनकाल में अब तक 7 उपचुनाव लड़ चुकी है, जिसमें से 5 में कांग्रेस को जीत मिली है. वहीं 1 बीजेपी और 1 रालोपा ने जीता है. 5 सीटें सीटिंग एमएलए की मृत्यु से खाली हुई थी. यहां सहानुभूति की लहर ने पूरा काम किया. सुजानगढ़, सहाड़ा और वल्लभनगर में कांग्रेस ने दिवंगत विधायक के परिवार से टिकट दिया. यह तीनों सीटें कांग्रेस ने जीती. वहीं 2 सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा था. राजसमंद सीट पर बीजेपी ने किरण माहेश्वरी की मृत्यु के बाद उनकी बेटी दिप्ती माहेश्वरी को टिकट दिया और वो चुनाव जीत गई. वहीं धरियावाद में बीजेपी ने दिवंगत विधायक गौतमलाल मीना के परिवार से टिकट नहीं देकर खेत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा. नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस ने यह उप चुनाव जीता और बीजेपी तीसरे नम्बर पर रही.

इनके निधन से खाली हुई थी सीट- राजस्थान की सियासत में भाजपा के भैरों सिंह शेखावत और कांग्रेस के अशोक गहलोत की सरकार को हिला देने वाले सूबे के दबंग नेता पंडित भंवरलाल शर्मा का निधन गत 9 अक्टूबर को हुआ था. 77 वर्षीय शर्मा ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था. इसके बाद सरदारशहर सीट खाली हो गई है. इस सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होगा और 8 दिसंबर को नतीजे सामने आएंगे.

पढ़ें- सरदारशहर की सियासी पिच पर बीजेपी ने अशोक पिंचा पर लगाया दांव

यह है वोटों का गणित: सरदारशहर के मतदाता की बात करें तो यहां पर अब तक जातिगत प्रभाव न रहकर व्यक्ति प्रभाव ज्यादा रहता है. ब्राह्मण वोटर संख्या बल के लिहाज से तीसरे नंबर पर हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चुनाव ब्राह्मण समाज से आने वाले दिवंगत भंवर लाल शर्मा ने जीते. सरदारशहर विधानसभा में कुल वोटरों की संख्या करीब 2 लाख 80 हजार के करीब है. संख्या बल के लिहाज से करीब 70 हजार जाट पहले नंबर पर हैं, दूसरे स्थान पर SC मतदाता आते हैं जिनके वोटों की संख्या करीब 55,000 है. तीसरे नंबर ब्राह्मण आते हैं जिनकी संख्या 40 हजार के करीब है.

पढ़ें: सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव में दांव पर BJP के दो नेताओं की प्रतिष्ठा, एक की जन्मभूमि तो दूसरे की है कर्मभूमि

चौथे नंबर पर मुस्लिम वोटर जिनकी संख्या 25,000 के करीब है. पांचवें नंबर पर राजपूत समाज है जिनकी वोटर संख्या 20000 के करीब है. उसके बाद माली-11000, कुम्हार-10000, स्वामी-9000, सोनी-8000, सुथार-7000, जैन-5000 और अग्रवाल समाज के करीब 4500 मतदाता हैं. अन्य जातियों के करीब 30 हजार वोटर हैं. सरदारशहर में सर्वाधिक जाट मतदाता हैं. इसलिए जाटों के वोट बहुत ज्यादा महत्व रखेंगे.

आरएलपी ने खेला जाट प्रत्याशी पर दांवः सरदारशहर उपचुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बाद अब हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है . हनुमान बेनीवाल ने जाट समुदाय के लालचंद मूंड को उम्मीदवार बनाया है . कांग्रेसी और बीजेपी ने नॉन जाट फेस को चुनाव में उम्मीदवार बनाया तो , आरएलपी ने संख्या बल के हिसाब से सबसे ज्यादा जाट समुदाय के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार के मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है . बता दें कि सरदारपुरा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा जाट समुदाय के मतदाता है , हालांकि पहले बीजेपी को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि इस बार बीजेपी अपने परंपरागत उम्मीदवार अशोक पींचा की जगह किसी जाट उम्मीदवार पर दांव खेलेगी , लेकिन ऐन वक्त पर बीजेपी ने अशोक पींचा पर दांव खेला. जबकि कांग्रेस ने स्वर्गीय भंवर लाल शर्मा के बेटे पर ही अपना विश्वास जताया है .

Last Updated : Nov 17, 2022, 12:30 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.