जयपुर. ग्रेटर नगर निगम महापौर के उपचुनाव में बीजेपी के बाद कांग्रेस के पार्षदों की भी शनिवार (Congress councilor fencing for mayor by election) को बाड़ाबंदी हुई. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर पार्षद दल की बैठक के बाद यहां से पार्षदों को सीधे मानसरोवर मुहाना मंडी स्थित रिसॉर्ट ले जाया गया. हालांकि कांग्रेस के 53 पार्षद भी यहां जुट नहीं पाए. वहीं कांग्रेस पार्षदों की बाड़ाबंदी (Khachariyawas on Congress councilor fencing) करने की आवश्यकता पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यदि बीजेपी के पार्षद आएंगे, तो उन्हें कहां ठहराएंगे.
10 नवंबर को ग्रेटर नगर निगम को नया महापौर मिलेगा. इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस की ओर से अपने-अपने पार्षदों को एकजुट रखने के लिए (Congress councilor fencing) प्रशिक्षण शिविर के नाम पर बाड़ाबंदी की गई है. शनिवार को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर विधायक गंगा देवी, कांग्रेस नेता सीताराम अग्रवाल की मौजूदगी में पार्षद दल की बैठक हुई. इस दौरान चुनावी समीकरणों पर मंथन किया गया.
ईटीवी भारत से बातचीत में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि महापौर पद पर कैंडिडेट उनकी इच्छा से नहीं बल्कि पार्षदों की इच्छा से लड़ाया जा रहा है. पार्षदों के साथ बैठक में उन्होंने पहले ही नंबर गैप ज्यादा होने की स्थिति में चुनाव लड़ना जरूरी नहीं होने की बात कही थी. लेकिन पार्षदों ने बीजेपी पार्षदों के संपर्क में होने की बात कहते हुए चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि नंबर गेम में वो पीछे हैं लेकिन गणित बदलने में समय नहीं लगता. पहले 2019 में भी वह निगम में उलटफेर कर चुके हैं. इस बार बीजेपी के पार्षद टूट कर आते हैं, तो उलटफेर हो सकता है. उन्होंने कहा कि कल की तस्वीरों से स्पष्ट है कि बीजेपी में बिखराव है. इसका कांग्रेस फायदा उठाएगी और नगरीय निकायों में दल बदल कानून लागू भी नहीं होता.
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खाचरियावास ने कहा कि चाहते तो यही है कि कांग्रेस की हिम्मत सिंघानिया चुनाव जीते, लेकिन इसमें कितना सफल हो पाते हैं, ये समय बताएगा. वहीं बीजेपी के आरोप पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के पार्षदों को उन्होंने फोन नहीं किया, हो सकता है पार्षदों की आपस में बात हुई हो. बीजेपी की आदत झूठ बोलने की है, अगर वो खुद फोन करेंगे तो दिक्कत आ जाएगी. वहीं शील धाभाई को लेकर खाचरियावास ने कहा कि जबरन उन्हें हाथ लगाकर रोका गया वो कानूनी तौर पर गलत है. यदि वो मुकदमा दर्ज कराएंगी तो पुलिस जरूर भेजेंगे.
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इस दौरान उन्होंने पार्टी की ओर से 3 कैंडिडेट के नॉमिनेशन फाइल करने और पार्षद दल की बैठक में भी सभी कांग्रेसी पार्षदों के उपस्थित नहीं होने से फूट नजर आने के सवाल पर कहा कि जो भी है, सब 10 नवंबर को सामने आ जाएगा. वहीं आखिर में कांग्रेस पार्टी के पार्षदों की बाड़ाबंदी की आवश्यकता को लेकर उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी के पार्षद टूट कर आते हैं, तो उन्हें कहां रखेंगे?.
चूंकि 150 में से 4 पार्षद बर्खास्त हो चुके हैं. ऐसे में 146 पार्षद इन चुनावों में वोट डालेंगे और महापौर पद पर जीतने के लिए कैंडिडेट को 74 का जादुई आंकड़ा छूना होगा. इस पर कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी हेमा सिंघानिया ने कहा कि 74 का आंकड़ा जरूर पूरा होगा. कांग्रेस इन चुनावों में जीत कर आएगी. कांग्रेस के भले ही 53 पार्षद हैं, लेकिन बीजेपी के पार्षद भी उनके संपर्क में हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी जीत का दावा भी किया.