जयपुर. जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम होने के साथ ही सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए विभिन्न भर्तियों को 'अनलॉक' करने की कवायद शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार शाम को कंप्यूटर अनुदेशक का नया कैडर सृजित करने के साथ ही कंप्यूटर अनुदेशक के 10,453 पदों के सृजन और इन पर संविदा के आधार पर तत्काल भर्ती की मंजूरी दे दी है. लेकिन इससे राजस्थान के करीब 3 लाख कंप्यूटर शिक्षित बेरोजगार युवा खुश नहीं हैं.
दरसअल, कंप्यूटर शिक्षकों का कैडर सृजित कर इन पदों पर भर्ती की बेरोजगारों की मांग पुरानी है. लेकिन सरकार ने अब इन पदों पर संविदा के आधार पर भर्ती की मंजूरी जारी की है. जबकि करीब तीन लाख कंप्यूटर शिक्षित बेरोजगार नियमित रूप से भर्ती की मांग पर अड़े हुए हैं.
साल 2018 में चुनाव से पहले कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था प्रदेश के करीब 3 लाख बेरोजगारों को एक उम्मीद जगी थी. सत्ता में आने के करीब ढाई साल बाद गहलोत सरकार ने कंप्यूटर शिक्षक भर्ती संविदा पर निकाली है.
सरकार को अपना चुनावी वादा याद दिलाने के लिए कंप्यूटर शिक्षित बेरोजगार लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में इन बेरोजगारों ने अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए वर्चुअल अभियान चलाया और सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का प्रयास किया.
अब कंप्यूटर शिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि सरकार नियमित भर्ती के बजाए संविदा पर कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती करने की तैयारी कर रही है. कंप्यूटर शिक्षित विरोध करना शुरू कर दिया है.
कंप्यूटर शिक्षक दीपेश कहते हैं- राजस्थान में करीब 3 लाख कंप्यूटर शिक्षक बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं. भर्ती नहीं होने से प्रदेश की सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 83 लाख बच्चे भी कंप्यूटर शिक्षा से वंचित हैं.
ऐसे में राजस्थान की युवा पीढ़ी और बच्चे भी चाहते हैं कि स्कूलों में नियमित तौर पर कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती हो. अपनी मांग को लेकर कंप्यूटर शिक्षित बेरोजगार लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. पिछले 15 दिन से सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर वर्चुअल धरना दिया जा रहा है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कंप्यूटर शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी तो अब पूरा भी करे.
कंप्यूटर शिक्षकों की क्या हैं मांगे-
कंप्यूटर शिक्षितों की मांग है कि भर्ती नियमित तौर पर ही होनी चाहिए. इनका कहना है कि 10,453 पदों पर भर्ती करने का फैसला मुख्यमंत्री गहलोत ने लिया है लेकिन अभी भी करीब 2 लाख 90 हजार शिक्षक इंतजार में हैं. इसके आलावा संविदा पर नहीं बल्कि नियमित आधार पर भर्ती की जाए.
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राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि कंप्यूटर शिक्षक भर्ती पहली बार प्रदेश में होने जा रही है. ऐसे में यह भर्ती संविदा के माध्यम से नहीं होनी चाहिए.
उपेन यादव ने शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक और अन्य अधिकारियों से मिलकर मांग उठाई है. उनका कहना है कि हर स्तर पर इस मामले को लेकर अपनी आवाज उठाई जा रही है. उम्मीद है सरकार जल्द इस मामले का निस्तारण कर प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को राहत देगी.