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जयपुर निगम की समितियों को भंग करना लोकतांत्रिक नहीं...भाजपा उतरेगी सड़कों पर : अशोक लाहोटी

पूर्व महापौर और भाजपा के मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी ने चेतावनी दी है कि यदि नियम को दरकिनार कर जयपुर नगर निगम में समितियों को बदला गया तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी.

भाजपा विधायक अशोक लाहोटी
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Published : Mar 4, 2019, 8:46 PM IST

जयपुर. शहर के नगर निगम उपचुनाव में भीतरघात का दंश झेल चुकी भाजपा पर अब निगम में बनी भाजपारूढ़ समितियों के भंग होकर बदलने का खतरा मंडरा रहा है. इसी खतरे को भांपते हुए भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार और मौजूदा महापौर विष्णु लाटा के संभावित अगले कदम का विरोध शुरू कर दिया है.

पूर्व महापौर और भाजपा के मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी ने चेतावनी दी है कि यदि नियम को दरकिनार कर जयपुर नगर निगम में समितियों को बदला गया तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी. और जरूरत पड़ने पर राज्यपाल व न्यायालय की शरण भी लेंगी. लाहोटी के अनुसार स्थानीय निकायों का संचालन नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत होता है और सरकार यह चुने हुए स्थानीय निकाय और समितियों के काम में हस्तक्षेप कर लोकतंत्र का गला घोटने में जुटी है.

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लाहोटी के अनुसार नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 में समितियों के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया गया है और इसमें कहीं पर भी राज्य सरकार को बनी हुई समितियों को भंग कर नई समितियां बनाने का अधिकार नहीं दिया गया है. समितियों के अनुमोदन का अधिकार केवल निकाय को बोर्ड ही कर सकता है. लाहोटी ने कहा कि उनके महापौर बनने के बाद समितियों के चेयरमैन द्वारा त्यागपत्र देने के कारण समितियां भंग हो गई थी इसलिए समितियों का गठन वापस किया गया था.

उन्होंने कहा उस समय समितियां नहीं होने के कारण बोर्ड द्वारा महापौर को अधिकृत किया गया था. उसी आधार पर नई समिति या राज्य सरकार से अनुमोदित करवाई की गई थी. अशोक लाहोटी ने आरोप लगाया कि जयपुर महापौर विष्णु लाटा और कांग्रेस के कुछ नेता मिलकर नगर निगम में बंदरबांट का खेल कर अपनी सियासी रोटियां सेक रहे हैं. जिसे भारतीय जनता पार्टी कभी भी होने नहीं देगी. गौरतलब है कि जयपुर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है लेकिन हाल ही में हुए महापौर उपचुनाव में भाजपा के बागी विष्णु लाटा महापौर बन गए. ऐसे में निगम में पहले से बनी भाजपा की संचालन समितियों को भंग कर नई समितियां बनाए जाने की कवायद चल रही है. जिसका भाजपा विरोध कर रही है.

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जयपुर. शहर के नगर निगम उपचुनाव में भीतरघात का दंश झेल चुकी भाजपा पर अब निगम में बनी भाजपारूढ़ समितियों के भंग होकर बदलने का खतरा मंडरा रहा है. इसी खतरे को भांपते हुए भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार और मौजूदा महापौर विष्णु लाटा के संभावित अगले कदम का विरोध शुरू कर दिया है.

पूर्व महापौर और भाजपा के मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी ने चेतावनी दी है कि यदि नियम को दरकिनार कर जयपुर नगर निगम में समितियों को बदला गया तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी. और जरूरत पड़ने पर राज्यपाल व न्यायालय की शरण भी लेंगी. लाहोटी के अनुसार स्थानीय निकायों का संचालन नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत होता है और सरकार यह चुने हुए स्थानीय निकाय और समितियों के काम में हस्तक्षेप कर लोकतंत्र का गला घोटने में जुटी है.

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लाहोटी के अनुसार नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 में समितियों के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया गया है और इसमें कहीं पर भी राज्य सरकार को बनी हुई समितियों को भंग कर नई समितियां बनाने का अधिकार नहीं दिया गया है. समितियों के अनुमोदन का अधिकार केवल निकाय को बोर्ड ही कर सकता है. लाहोटी ने कहा कि उनके महापौर बनने के बाद समितियों के चेयरमैन द्वारा त्यागपत्र देने के कारण समितियां भंग हो गई थी इसलिए समितियों का गठन वापस किया गया था.

उन्होंने कहा उस समय समितियां नहीं होने के कारण बोर्ड द्वारा महापौर को अधिकृत किया गया था. उसी आधार पर नई समिति या राज्य सरकार से अनुमोदित करवाई की गई थी. अशोक लाहोटी ने आरोप लगाया कि जयपुर महापौर विष्णु लाटा और कांग्रेस के कुछ नेता मिलकर नगर निगम में बंदरबांट का खेल कर अपनी सियासी रोटियां सेक रहे हैं. जिसे भारतीय जनता पार्टी कभी भी होने नहीं देगी. गौरतलब है कि जयपुर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है लेकिन हाल ही में हुए महापौर उपचुनाव में भाजपा के बागी विष्णु लाटा महापौर बन गए. ऐसे में निगम में पहले से बनी भाजपा की संचालन समितियों को भंग कर नई समितियां बनाए जाने की कवायद चल रही है. जिसका भाजपा विरोध कर रही है.

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Intro:जयपुर नगर निगम में समितियों के बदलाव से पहले ही शुरू हुआ विरोध
पूर्व महापौर व भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने किया विरोध
कहा- समितियों को बदलने का अधिकार ना तो सरकार को ना ही मेयर को
कहा- निगम में समितियां की भंग तो भाजपा करेगी विरोध,कोर्ट की लेगी शरण
कहा- कांग्रेस का इतिहास लोकतंत्र की हत्या करने का रहा


जयपुर (इंट्रो एंकर)

जयपुर नगर निगम उपचुनाव में भीतरघात का दंश झेल चुकी भाजपा पर अब निगम में बनी भाजपारूढ़ समितियों के सरकार के स्तर पर बदलने का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि इस खतरे को भांपते हुए भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार और मौजूदा महापौर विष्णु लाटा के संभावित अगले कदम का विरोध शुरू कर दिया है। पूर्व महापौर और भाजपा के मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी ने चेतावनी दी है कि यदि नियम को दरकिनार कर जयपुर नगर निगम में समितियों को बदला गया तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी और जरूरत पड़ने पर राज्यपाल व न्यायालय की शरण भी लेंगी। लाहोटी के अनुसार स्थानीय निकायों का संचालन नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत होता है और सरकार यह चुने हुए स्थानीय निकाय और समितियों के काम में हस्तक्षेप कर लोकतंत्र का गला घोटने में जुटी है। लाहोटी के अनुसार नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 में समितियों के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया गया है और इसमें कहीं पर भी राज्य सरकार को बनी हुई समितियों को भंग कर नई समितियां बनाने का अधिकार नहीं दिया गया है। समितियों अनुमोदन का अधिकार केवल निकाय को बोर्ड ही कर सकता है। लाहोटी ने कहा कि उनके महापौर बनने के बाद समितियों के चेयरमैन द्वारा त्यागपत्र देने के कारण समितियां भंग हो गई थी इसलिए समितियों का गठन पुनः किया गया था । उनके अनुसार उस समय समितियां नहीं होने के कारण बोर्ड द्वारा महापौर को अधिकृत किया गया था उसी आधार पर नई समिति या राज्य सरकार से अनुमोदित करवाई गई थी। अशोक लाहोटी ने आरोप लगाया कि जयपुर महापौर विष्णु लाटा और कांग्रेस के कुछ नेता मिलकर नगर निगम में बंदरबांट का खेल कर अपनी सियासी रोटियां सेक रहे हैं, जिसे भारतीय जनता पार्टी कभी भी होने नहीं देगी। गौरतलब है कि जयपुर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है लेकिन हाल ही में हुए महापौर उपचुनाव में भाजपा के बागी विष्णु लाटा महापौर बन गए। ऐसे में निगम में पहले से बनी भाजपा की संचालन समितियों को भंग कर नई समितियां बनाए जाने की कवायद चल रही है, जिसका भाजपा विरोध कर रही है।


बाइट-अशोक लाहोटी,पूर्व महापौर व मौजूदा भाजपा विधायक
विसुअल्स-लाहोटी व विष्णु लाटा के।



Body:बाइट-अशोक लाहोटी,पूर्व महापौर व मौजूदा भाजपा विधायक
विसुअल्स-लाहोटी व विष्णु लाटा के।


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