जयपुर. अजमेर, जयपुर, टोंक और दौसा जिलों के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है. बीसलपुर बांध में शुक्रवार तक इतना पानी आ चुका है कि यह पानी चार जिलों के लोगों की 2 साल तक प्यास बुझा सकेगा. शुक्रवार रात तक बीसलपुर बांध में पानी 313 आरएल मीटर के करीब पहुंच चुका है और बांध में पानी की आवक लगातार जारी है. 16 अगस्त को एक ही दिन में 1 मीटर से ज्यादा पानी आ चुका है.
जलदाय विभाग का दावा है कि शुक्रवार रात को ही ही बीसलपुर बांध का पानी 313 आरएल मीटर तक पहुंच जाएगा. जयपुर, अजमेर, टोंक और दूसरा जिलों की लोगों को 2 साल तक पानी के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं होगी. इन चारों जिलों के लोगों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में शुक्रवार शाम तक पानी 313 आरएल मीटर के करीब पहुंच चुका है. जलदाय विभाग की मुख्य चीफ इंजीनियर आईडी खान ने कहा कि यह पानी 2 साल तक इन चारों जिलों की लोगों की प्यास बुझा सकेगा. बांध में पानी की आवक भी लगातार जारी है और बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर तक है.
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बीसलपुर बांध चार बार हुआ ओवरफ्लो
विभाग का मानना है कि इस मानसून में जिस तरह से पानी की आवक बनी हुई है, उससे लगता है कि बीसलपुर बांध अपनी क्षमता को पार कर जाएगा और इसके गेट भी खोलने पड़ेंगे. आखिरी बार 2016 में बीसलपुर बांध ओवरफ्लो हुआ था. इससे पहले 2004, 2006 और 2014 में ओवरफ्लो हुआ था.
16 अगस्त के दिन रहा खास
25 जुलाई को बीसलपुर बांध का जलस्तर 304. 85 आरएल मीटर था. अगस्त महीने की शुरुआत में मानसून के साथ ही बांध में बारिश के पानी की आवक शुरू हो गई. 16 अगस्त का दिन बीसलपुर बांध के लिए खास दिन है. इस दिन बांध में 8 घंटे में ही 1 मीटर से ज्यादा पानी की आवक हुई इतने कम समय में एक ही मीटर से ज्यादा पानी आने से यह रिकॉर्ड बन गया. बांध में पानी की आवक अभी भी जारी है. शुक्रवार रात 8:00 बजे तक बीसलपुर बांध में 312. 90 आरएल मीटर तक पानी आ चुका है.
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भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में अच्छी बारिश के चलते बांध में पानी की आवक एकाएक बढ़ गई. पिछले साल बीसलपुर बांध में 310 आरएल मीटर तक पानी आया था, जिसके चलते इस साल लोगों को पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ा. बीसलपुर बांध से विभाग में जो पानी कम किया था. वह उसने नए खोदे गए ट्यूबवेल से लिया और लोगों को सप्लाई किया. इस साल मानसून लेट आने के कारण विभाग ने कंटीन्जेसी प्लान बनाने की तैयारी कर ली थी. चारों जिलों के लिए 110 करोड रुपए का कंटीन्जेसी प्लान बनाया था, लेकिन विभाग अब यह कंटीन्जेसी प्लान नहीं बनाएगा.