जयपुर. राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल गहलोत सरकार 15 मार्च को विधानसभा में पेश करेगी. एडवोकेट संघर्ष समिति और सरकार के बीच गुरुवार को सचिवालय में हुई बैठक में इसको लेकर सहमति बनी है. बैठक में सरकार ने आश्वस्त किया है कि 21 मार्च को बिल पास हो जाएगा. अब शुक्रवार को संघर्ष समिति आगे की रणनीति पर फैसला लेगी.
बन गई सहमति: दरअसल गुरुवार को सचिवालय में एडवोकेट संघर्ष समिति और सरकार के बीच हुई वार्ता सकारात्मक रही. बैठक के बाद एडवोकेट संघर्ष समिति के प्रतिनिधि और दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा ने कहा कि सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए अच्छे वातावरण में बातचीत की है. सरकार ने आश्वस्त किया है कि 15 मार्च को विधानसभा में राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पेश करेगी और 21 मार्च को बहुमत के साथ इस बिल को सदन में पास करा देंगे. दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह कहा कि सरकार पर हमें भरोसा है कि जो सहमति आज की बैठक में बनी है. उस पर जल्द ही सरकार कार्रवाई करेगी. संघर्ष समिति ने कहा कि कार्य बहिष्कार को लेकर शुक्रवार को संघर्ष समिति अपनी बैठक करेगी और उसके बाद ही आगे की रणनीति पर फैसला होगा.
धारीवाल जुड़े वीसी से: एडवोकेट संघर्ष समिति और सरकार के बीच हुई बैठक की अध्यक्षता विधि मंत्री शांति धारीवाल ने की. धारीवाल कोटा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े. जबकि खाद्य नगरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास बैठक में सीधे जुड़े. शांति धारीवाल ने कहा कि एडवोकेट संघर्ष समिति के साथ में सहमति बनी है कि जो एक्ट बना हुआ है, उसे इसी स्थिति में पेश किया जाए. उस पर हमने आश्वस्त किया है कि 15 मार्च को सदन में बिल पेश कर देंगे और 21 मार्च को बिल पास करवाने की कोशिश करेंगे. धारीवाल ने कहा कि सरकार के घोषणा पत्र में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर जिक्र है. सरकार पूरी मनसा है कि वकीलों की सुरक्षा को लेकर कानून बने.
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20 दिन से हड़ताल: बता दें कि वकीलों के साथ आए दिन होने वाली मारपीट और दुर्व्यवहार के विरोध में राजस्थान के 70 हजार से ज्यादा वकील पिछले 20 दिन से हड़ताल पर हैं. वकीलों के कार्य बहिष्कार का मुद्दा मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में भी उठाया गया था. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के सदस्य गुजराज चौहान के साथ आसोप थाने में मारपीट और एक अन्य वकील के साथ चैपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस की ओर से दुर्व्यवहार के विरोध में सभी वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. वकीलों की हड़ताल प्रदेशव्यापी है, जिससे अदालतों का कामकाज चरमरा सा गया है. वकील संघर्ष समिति ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं.