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राजस्थान की बेटियों ने बैंकॉक में लहराया परचम...ताइक्वांडो प्रतियोगिता में जीता स्वर्ण

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित हुए मूऐ थाई खेल प्रतियोगिता में हनुमानगढ़ की दो बेटियों ने स्वर्ण और कांस्य पदक जीत देश का नाम रौशन किया है. ऐसे में हनुमानगढ़ आगमन पर जिला प्रशासन द्वारा स्वागत किया गया.

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Published : Mar 20, 2019, 12:03 AM IST

राजस्थान की बेटियों ने बैंकॉक में लहराया परचम

हनुमानगढ़. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित हुए मूऐ थाई खेल प्रतियोगिता में हनुमानगढ़ की दो बेटियों ने स्वर्ण और कांस्य पदक जीत देश का नाम रौशन किया है. ऐसे में हनुमानगढ़ आगमन पर जिला प्रशासन द्वारा स्वागत किया गया.


बता दें, हनुमानगढ़ जंक्शन की रहने वाली साइना वसीम ताइक्वांडो की खिलाड़ी हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है. कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया है. हाल ही में 8 से 17 मार्च को आयोजित हुई बैंकॉक थाईलैंड में क्रू मूऐ थाई संघ, टूरिज्म अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड और मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर एंड फॉरेन अफेयर्स थाईलैंड द्वारा आयोजित खेलों में दोनों खिलाड़ियों ने सीनियर महिला 60 किलो भार वर्ग में 55 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक जीता.

राजस्थान की बेटियों ने बैंकॉक में लहराया परचम

साथ ही एशियन जीत कुनेडो फेडरेशन द्वारा आयोजित चौथी अंतरराष्ट्रीय जीत कुनेडो प्रतियोगिता में अपने अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत देश का नाम गौरवान्वित किया है. खिलाड़ियों के मंगलवार हनुमानगढ़ पहुंचने पर जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने स्वागत किया साथ ही आर्थिक रूप से मदद भी की गई.
बता दें, खिलाड़ी मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए इनके पास इतना रुपया नहीं था कि वो इस खेल में हिस्सा ले सकें. जिसके बाद जिला प्रशासन ने मदद की और प्रतियोगिता में भेजने का जिम्मा उठाया. वहां जाकर उन्होंने साबित किया कि उनकी प्रतिभा किसी से कम नहीं है. अगर उन्हें थोड़ी सी और मदद मिल जाए तो वे देश का और भी नाम रौशन कर सकती हैं.

हनुमानगढ़. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित हुए मूऐ थाई खेल प्रतियोगिता में हनुमानगढ़ की दो बेटियों ने स्वर्ण और कांस्य पदक जीत देश का नाम रौशन किया है. ऐसे में हनुमानगढ़ आगमन पर जिला प्रशासन द्वारा स्वागत किया गया.


बता दें, हनुमानगढ़ जंक्शन की रहने वाली साइना वसीम ताइक्वांडो की खिलाड़ी हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है. कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया है. हाल ही में 8 से 17 मार्च को आयोजित हुई बैंकॉक थाईलैंड में क्रू मूऐ थाई संघ, टूरिज्म अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड और मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर एंड फॉरेन अफेयर्स थाईलैंड द्वारा आयोजित खेलों में दोनों खिलाड़ियों ने सीनियर महिला 60 किलो भार वर्ग में 55 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक जीता.

राजस्थान की बेटियों ने बैंकॉक में लहराया परचम

साथ ही एशियन जीत कुनेडो फेडरेशन द्वारा आयोजित चौथी अंतरराष्ट्रीय जीत कुनेडो प्रतियोगिता में अपने अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत देश का नाम गौरवान्वित किया है. खिलाड़ियों के मंगलवार हनुमानगढ़ पहुंचने पर जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने स्वागत किया साथ ही आर्थिक रूप से मदद भी की गई.
बता दें, खिलाड़ी मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए इनके पास इतना रुपया नहीं था कि वो इस खेल में हिस्सा ले सकें. जिसके बाद जिला प्रशासन ने मदद की और प्रतियोगिता में भेजने का जिम्मा उठाया. वहां जाकर उन्होंने साबित किया कि उनकी प्रतिभा किसी से कम नहीं है. अगर उन्हें थोड़ी सी और मदद मिल जाए तो वे देश का और भी नाम रौशन कर सकती हैं.

Intro:बैंकॉक थाईलैंड में आयोजित हुए मूऐ थाई खेल प्रतियोगिता में हनुमानगढ़ की दो बेटियों ने स्वर्ण और कांस्य पदक जीत देश का नाम रोशन किया है इन के हनुमानगढ़ आगमन पर जिला प्रशासन द्वारा स्वागत किया गया


Body:गौरतलब है कि हनुमानगढ़ जंक्शन की रहने वाली साइना वसीम नाम ताइक्वांडो की खिलाड़ी है उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है कई पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है हाल ही में 8 से 17 मार्च को आयोजित हुई बैंकॉक थाईलैंड में क्रू मूऐ थाई संघ व सहयोग करता टूरिज्म अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड तथा मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर एंड फॉरेन अफेयर्स थाईलैंड द्वारा आयोजित खेलों में दोनों खिलाड़ियों ने सीनियर महिला 60 किलो भार वर्ग में 55 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक व एशियन जीत कुनेडो फेडरेशन द्वारा आयोजित चौथी अंतरराष्ट्रीय जीत कुनेडो प्रतियोगिता में अपने अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत देश का नाम गौरवान्वित किया है खिलाड़ियों के आज हनुमानगढ़ पहुंचने पर जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन वह भामाशाह द्वारा स्वागत किया गया और आर्थिक रूप से मदद की गई आपको बता दें कि खिलाड़ी मध्यम वर्गीय परिवार से है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए इनके पास इतना रुपया नहीं था जिसके चलते जिला प्रशासन की मदद की और प्रतियोगिता में भेजने का जिम्मा उठाया वहां जाकर उन्होंने साबित किया कि उनकी प्रतिभा किसी से कम नहीं है अगर उन्हें थोड़ी सी और मदद मिल जाए तो वे देश का और भी नाम रोशन कर सकते हैं


Conclusion:हनुमानगढ़ के अकरम खान की बेटियां निरंतर सफलता के झंडे गाड़ रही है लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते इनका खेलना आगे संभव नहीं हो पा रहा था तब जिला प्रशासन द्वारा इनकी मदद की गई और उन्होंने हनुमानगढ़ी नहीं देश का भी नाम रोशन किया
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