हनुमानगढ़. नगर-परिषद में परिसीमन के बाद कुल 60 वार्ड बनाए गए हैं. इन वार्डों में चुनाव हो रहे हैं. जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे प्रत्याशी अपना पूरा जोर लगा रहे हैं. जीत हासिल करने के लिए वहीं दूसरी ओर मतदाता क्या सोचकर मतदान करते हैं. क्या उम्मीदें अपने पार्षद से रखते हैं. 5 वर्षों में क्या काम उनके वादों के हुए, क्या वार्ड शहर की हुए और क्या काम बाकी रह गए. यह सब जानने का प्रयास हमारे संवाददाता ने किया.
आमजन ने स्पष्ट कर दिया कि नगर परिषद के चुनाव पार्टी विशेष को अधिक महत्व नहीं देते, बल्कि व्यक्तिगत चेहरा इन चुनाव में मायने रखता है. लोग विकास के नाम पर वोट करते हैं और यही उम्मीद वे अपने पार्षद से करते हैं कि वह वार्ड का विकास करवाएंगे. बिजली-पानी की समस्या उनके वार्ड में नहीं रहेगी. साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी रहेगी. यही सोचकर वे मतदान करते हैं.
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बता दें कि जिले में 16 नवंबर को मतदान होगा. उसके बाद सभापति का चुनाव होगा. हनुमानगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां उम्मीद लगाए हुए हैं कि बोर्ड उनकी पार्टी का बनेगा, लेकिन यह तो मतदान के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. जिस पार्टी के ज्यादा पार्षद जीतकर आएंगे बोर्ड उन्हीं का बनेगा.