हनुमानगढ़ : इतना तो इंसान भी अनुशासन का पालन नहीं करता लेकिन फिर ये तो चप्पलें हैं! इनके मालिक जानते हैं कि धोखा नहीं देंगी. इनकी इसी फितरत के कायल हनुमानगढ़ वाले भी हैं. तभी कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) सेंटर पर चप्पलों को काम पर लगा दिया है. गुजरने वाले कतारबद्ध चप्पलें देखकर हैरान हो जाते हैं.
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इसे कोरोना से भय की पराकाष्ठा कह सकते हैं या फिर जागरूकता का एहसास. लोगों ने घंटों के इंतजार की बलि चढ़ाते हुए नायाब तरीका निकाल डाला. कुछ तो ये भी कहते हैं कि किल्लत के बहाने से लौटना भी नहीं पड़ेगा. चप्पलों की कतार वाली रोचक तस्वीरें हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील की हैं. यहां हाई स्कूल को स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीनेशन सेंटर बनाया है. लोग यहीं जुटते हैं.
कैसे लगती है ये कतार: स्थानीय लोग मानते हैं कि कोरोना महामारी के बढ़ते भय के कारण वैक्सीन (Corona Vaccination)के लिए मारामारी खूब है. कई बार तो बैरंग ही लौट जाना पड़ता है. सो इसका जुगाड़ भी चप्पलों की मदद से निकाल लिया. होता यूं है कि लोग एक रात पहले ही सेंटर के बाहर लाइन लगानी शुरू कर देते हैं. घंटों का लंबा इंतजार ना करना पड़े इस लिए पेड़ों के नीचे बैठ जाते हैं या फिर किसी को चप्पल की जिम्मेदारी सौंप कर निकल जाते हैं.
यहां हर वर्ग के लोग जुटते हैं. ये तस्वीरें जितनी दिलचस्प हैं उतनी ही अपने साथ कई सवाल समेटे भी हैं. व्यवस्था को लेकर चोट करती हैं. पूछती हैं कि आखिर ये कैसी व्यवस्था है जो लोगों को अपने हक के लिए रात-दिन चैन से रहने नहीं देता? क्यों वैक्सीन (Corona Vaccination)की किल्लत की बात लोग करते हैं? क्यों लोग टोकन व्यवस्था से अपना भला होने की आस छोड़ चुके हैं? दरअसल, जिले में टोकन व्यवस्था तो है लेकिन लोगों का आरोप है कि सरकारी बाबू अपनी पहुंच के दम पर अपने अपनों को इसका फायदा पहुंचा देते हैं.