हनुमानगढ़. न्यायालय ने पति और पत्नी को राजकीय सेवा में अलग-अलग जिलों में पदस्थापन होने पर एक ही जिले में पदस्थापन करने के राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं. जिसके बाद दम्पति ने राहत की सांस ली है. मामला हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा ब्लॉक का है. परिवादी ज्योति की ओर से अधिवक्ता जितेन्द्र भलेरिया ने बताया कि पीलीबंगा ब्लॉक में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 36 एसएसडब्ल्यू में ज्योति के पति विनीत कुमार अध्यापक पद पर कार्यरत है, उनकी पत्नी चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कपासन में अध्यापिका पद पर कार्यरत है.
पति-पत्नी ने दोनों का पदस्थापन हनुमानगढ़ जिले में करने के लिए निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर को प्रार्थना पत्र दिया है, जो लम्बित है. इस संबंध में पत्नी ज्योति ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी. अधिवक्ता जितेन्द्र भलेरिया ने न्यायालय को तर्क दिया कि परिवादी और उसके पति अलग-अलग जिलों में अध्यापक पद पर पदस्थापित हैं, जबकि राज्य सरकार का स्थानांतरण और पदस्थापन नियुक्ति के तहत यदि पति-पत्नि दोनों राजकीय सेवा में हो, तो उनका पदस्थापन समीपवर्ती स्थानों पर करने का प्रावधान है.
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याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश दिनेश महेता ने निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर को याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय आदेश प्राप्ति से तीन सप्ताह में आदेश पारित करते हुए उसे हनुमानगढ़ जिले में पति के निकटवर्ती विद्यालय में पदस्थापन जारी करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि हनुमानगढ़ और राज्य में ऐसे सैंकड़ों मामले हैं, जिनमे पति-पत्नी दोनों ही सरकारी नौकरी के चलते वर्षों से अलग-अलग या हर रोज कई किलोमीटर आना-जाना करने को मजबूर है. इसके चलते उनका परिवारिक जीवन अस्त-व्यस्त रहता है. इसका प्रभाव उनके बच्चों की जिंदगी पर भी पड़ता है.