डूंगरपुर. शराब के ठेके और उनके कलेक्शन ऑफिस से चोरी की दो बड़ी वारदातों के बाद जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने इसे गंभीरता से लेते हुए दो जांच टीमें गठित की, जिसमें कोतवाली और बिछीवाड़ा थाना पुलिस के साथ ही जिला स्पेशल टीम को जांच में लगाया गया. एसपी ने बताया कि चोरी की वारदातों को लेकर पुराने और शातिर बदमाशों पर निगरानी रखना शुरू किया. वहीं, मामले की छानबीन शुरू की तो पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे.
एसपी ने बताया कि चोरी की वारदातों के मामले में लाला उर्फ कालिया निवासी धामोद बिछीवाड़ा, अशोक होता मीणा निवासी अणसोल गुजरात और विपिन मोलात मीणा निवासी चूंडावाड़ा बिछीवाड़ा पर निगरानी रखना शुरू किया. इस दौरान तीनों की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने पर गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पूछताछ में आरोपियों ने चोरी की वारदात करना कबूल कर लिया.
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बता दें कि 27 जुलाई को विपिन महात्मा निवासी उदयपुर ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसमें बताया कि 26 जुलाई की रात को शहर की 6 शराब दुकानों के इंडस्ट्रीज एरिया स्थित कलेक्शन ऑफिस की जाली तोड़कर अलमारी से 16 लाख रुपए का कैश चोरी कर ले गए थे. वहीं 21 जून की रात को बिछीवाड़ा में एक शराब ठेके के कलेक्शन के 12 लाख रुपए भी चोरी हो गए थे. दोनों ही वारदातों का पुलिस ने खुलासा किया है.
मुख्य सरगना लाला गुजरात का हिस्ट्रीशीटर...
एसपी ने बताया कि मामले में गिरफ्तार मुख्य सरगना लाला उर्फ कालिया निवासी धामोद गुजरात के हिम्मतनगर बी डिवीजन पुलिस स्टेशन का हिस्ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ गुजरात में चोरी और नकबजनी की आधा दर्जन से ज्यादा वारदातें दर्ज हैं. उसने गुजरात के हिम्मतनगर, प्रांतिज, मेहसाणा, बीजापुर और माणसा में लाखों रुपए की वारदातें करना कबूल किया है. आरोपी चोरी के पैसों से मौज-मस्ती और शराब पीने में खर्च करते थे.
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वहीं आरोपी अशोक होता निवासी अणसोल लाला का साला है, जो शराब तस्करी में लिप्त है और उसके खिलाफ शामलाजी थाने में शराब तस्करी का मुकदमा दर्ज है. वहीं आरोपी विपिन मोलात शराब की दुकानों की रेकी करता था और फिर वारदातों को अंजाम देते थे. विपिन डूंगरपुर में एक निजी कॉलेज में बीएससी सेकंड ईयर का छात्र भी है.
इस टीम को मिली सफलता...
चोरी की दो बड़ी वारदातों के खुलासे में कोतवाली और डीएसटी टीम को सफलता मिली. टीम में कोतवाली सीआई चांदमल सिंगारिया, एसआई सुरेश कुमार, हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह, डीएसटी से धर्मवीर सिंह, नवीन, मुकेश, सोहनलाल, आशीष, मनिन्दर सिंह, जितेंद्र, मानशंकर, महावीर और सुरेंद्र शामिल रहें. इस खुलासे में साइबर सेल के पुलिसकर्मी स्वर्गीय राजेन्द्र कुमार का भी योगदान रहा, जिनकी पिछले दिनों हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.