डूंगरपुर. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में 16 दिनों से फंसे डूंगरपुर के 5 छात्रों का दल शनिवार को डूंगरपुर लौट (Dungarpur students returned from Ukraine) आया. बच्चों के घर आते ही परिवार के लोग उनसे लिपट गए. यूक्रेन से लौटे इन छात्रों ने कहा कि बमबारी, फायरिंग के बीच भूखे और प्यासे रहकर बहुत कठिन दिन निकाले.
जिले के 250 से ज्यादा मेडिकल छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे. उनमें से आखिरी 5 छात्रों का दल आज डूंगरपुर लौट आया. छात्रों के डूंगरपुर कलेक्ट्री पहुंचने पर परिजनों और भाजपा नगर मंडल ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान परिजन अपने बेटों की सकुशल वापसी से भावुक हो गए और उनके गले लग कर रो पड़े. इस दौरान अतरिक्त जिला कलेक्टर केपी सिंह, नगर परिषद् सभापति अमृत कलासुआ और भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष दिलीप जैन ने भी यूक्रेन से लौटे छात्रों का स्वागत किया.
यूक्रेन के सुमी से लौटे मेडिकल छात्र अक्षय जैन ने बताया कि वो शादी के कुछ महीनों बाद यूक्रेन चला गया. इस दौरान उनकी पत्नी गर्भवती थी. 6 महीने पहले उनके बेटा हुआ था, लेकिन उन्होंने उसको सिर्फ विडियो कॉल पर ही देखा था. यूक्रेन पर हुए रूस के हमले के बाद एक बार तो उन्हें लगा कि वह अब अपने घर जा भी पाएंगे या नहीं. लेकिन अब अपने बेटे व परिवार से मिलकर वे खुश हैं.
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यूक्रेन से लौटे वैभव जैन ने बताया कि सैकड़ों भारतीय छात्र 15 दिनों तक सुमी में बंकरो में छिपे रहे. इस दौरान उन्हें लगातार फायरिंग और बमबारी की आवाजें आ रही थीं. साथ ही उन्हें पानी और भोजन को लेकर भी काफी परेशानियां उठानी पड़ी. यूक्रेन से लौटे छात्रों ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए सरकार का आभार जताया.