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शराब से राजस्व में पिछड़ा डूंगरपुर: 235 करोड़ का टारगेट, 133.80 करोड़ ही मिले - डूंगरपुर जिला

शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व के मामले में आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला पिछड़ता जा रहा है. इस बार डूंगरपुर जिले को लक्ष्य के मुकाबले 101 करोड़ रुपये का राजस्व कम हासिल हुआ है. इसे लेकर आबकारी विभाग कोरोना को सबसे बड़ा कारण बता रहा हैं और लक्ष्य के अनुसार, कम शराब बिक्री करने वाले ठेकेदारों से पैनल्टी वसूल कर राजस्व प्राप्ति की जाएगी.

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शराब से राजस्व में पिछड़ा डूंगरपुर
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Published : Mar 25, 2021, 11:29 AM IST

डूंगरपुर. शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व के मामले में आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला पिछड़ता जा रहा है. इस बार डूंगरपुर जिले को लक्ष्य के मुकाबले 101 करोड़ रुपये का राजस्व कम हासिल हुआ है. इसे लेकर आबकारी विभाग कोरोना को सबसे बड़ा कारण बता रहा हैं और लक्ष्य के अनुसार, कम शराब बिक्री करने वाले ठेकेदारों से पैनल्टी वसूल कर राजस्व प्राप्ति की जाएगी.

शराब से राजस्व में पिछड़ा डूंगरपुर...

प्रदेश को शराब से सबसे बड़ा राजस्व मिलता है. वहीं, आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला हमेशा ही शराब से राजस्व के मामले में अव्वल रहा है. लेकिन, इस साल कोरोना के कारण डूंगरपुर जिले के टारगेट से काफी कम राजस्व प्राप्त हुआ हैं. जिला आबकारी अधिकारी देवेंद्रगिरी ने बताया कि डूंगरपुर जिले को वित्तिय वर्ष 2020-21 के लिए 235 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया था, लेकिन इस वित्तिय में डूंगरपुर जिला 133 करोड़ 80 लाख रुपये का राजस्व ही हासिल कर सका है.

पढ़ें: सरसों और चने की MSP पर खरीद के लिए आज से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, यहां जानें पूरी प्रक्रिया

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि इस साल लक्ष्य के मुकाबले 101 करोड़ 20 लाख रुपये का कम राजस्व मिला है. उन्होंने कहा कि कम राजस्व को लेकर सबसे बड़ा कारण कोरोना है. कोरोना के कारण पिछले साल अप्रैल में शराब की दुकानें बंद रही, जब मई महीने में शराब की दुकानें खुली, लेकिन उस समय भी शराब का ज्यादा उठाव नहीं हुआ. कम राजस्व को लेकर उन्होंने कहा कि जिन ठेकेदारों ने लक्ष्य के मुकाबले शराब का कम उठाव किया है, उनसे नियमानुसार पैनल्टी वसूली जाएगी.

डूंगरपुर. शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व के मामले में आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला पिछड़ता जा रहा है. इस बार डूंगरपुर जिले को लक्ष्य के मुकाबले 101 करोड़ रुपये का राजस्व कम हासिल हुआ है. इसे लेकर आबकारी विभाग कोरोना को सबसे बड़ा कारण बता रहा हैं और लक्ष्य के अनुसार, कम शराब बिक्री करने वाले ठेकेदारों से पैनल्टी वसूल कर राजस्व प्राप्ति की जाएगी.

शराब से राजस्व में पिछड़ा डूंगरपुर...

प्रदेश को शराब से सबसे बड़ा राजस्व मिलता है. वहीं, आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला हमेशा ही शराब से राजस्व के मामले में अव्वल रहा है. लेकिन, इस साल कोरोना के कारण डूंगरपुर जिले के टारगेट से काफी कम राजस्व प्राप्त हुआ हैं. जिला आबकारी अधिकारी देवेंद्रगिरी ने बताया कि डूंगरपुर जिले को वित्तिय वर्ष 2020-21 के लिए 235 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया था, लेकिन इस वित्तिय में डूंगरपुर जिला 133 करोड़ 80 लाख रुपये का राजस्व ही हासिल कर सका है.

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जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि इस साल लक्ष्य के मुकाबले 101 करोड़ 20 लाख रुपये का कम राजस्व मिला है. उन्होंने कहा कि कम राजस्व को लेकर सबसे बड़ा कारण कोरोना है. कोरोना के कारण पिछले साल अप्रैल में शराब की दुकानें बंद रही, जब मई महीने में शराब की दुकानें खुली, लेकिन उस समय भी शराब का ज्यादा उठाव नहीं हुआ. कम राजस्व को लेकर उन्होंने कहा कि जिन ठेकेदारों ने लक्ष्य के मुकाबले शराब का कम उठाव किया है, उनसे नियमानुसार पैनल्टी वसूली जाएगी.

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