डूंगरपुर. रीट परीक्षा 26 सितंबर को होने वाली है, लेकिन दो दिन पहले रीट परीक्षा (REET Exam) में होने वाले बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया है. आदिवासी इलाके में गरीब युवाओं को रीट परीक्षा पास करवाने के लिए फर्जी परीक्षार्थी बैठाने का खेल एक सरकारी शिक्षक खेल रहा है. फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के एवज में प्रति विद्यार्थी 5 से 8 लाख रुपए तक ले रहा था. पुलिस की कार्रवाई में उसके कमरे से 12 लाख रुपए, फर्जी आधार कार्ड और रीट समेत अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं, जिस पर फिलहाल पुलिस जांच कर रही है.
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सीमलवाड़ा डीएसपी रामेश्वलाल ने बताया कि मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि पीठ कस्बे में एक कॉम्प्लेक्स में रहने वाला सरकारी स्कूल का शिक्षक फर्जी परीक्षार्थी बैठाने की एवज में परीक्षार्थियों से मोटी रकम ले रहा है. इस पर डीएसपी के नेतृत्व में धंबोला थाना प्रभारी रमेश कटारा की टीम ने पीठ कस्बे में छापेमार कार्रवाई की. राउप्रावि कड़वासफला डूंका में कार्यरत शिक्षक भंवरलाल विश्नोई निवासी बाड़मेर रीट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के खेल को रच रहा था. पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली तो कमरे से 12 लाख रुपए कैश मिले.
डीएसपी ने बताया कि उसके कमरे से 8 आधार कार्ड मिले हैं, जिसमें दूसरे लोगों के नाम-पते हैं, लेकिन सभी आधार कार्ड में शिक्षक भंवरलाल के फोटो लगे हुए हैं. इसके अलावा रीट परीक्षा के करीब 10 अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र, अंक तालिकाएं, ओएमआर शीट समेत अन्य कई दस्तावेज मिले हैं, जिसमे पटवार भर्ती से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
पुलिस ने बताया कि आरोपी शिक्षक भंवरलाल पिछले 15 सालों से डूंगरपुर जिले में कार्यरत है. आरोपी रीट समेत तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में पास करवाने और फर्जी परीक्षार्थी बैठाने की एवज में मोटी रकम ले रहा था. रीट परीक्षा को लेकर 5 से 8 लाख रुपये में सौदा कर रहा था. मामले में पुलिस ने आरोपी शिक्षक भंवलाल को गिरफ्तार कर लिया है और उसके कमरे को सील कर दिया है.
बाड़मेर पुलिस ने ई-मित्र संचालक हरीश जाट को पकड़ा
इसके बाद बाड़मेर पुलिस ने भी डूंगरपुर में पकड़े गए भंवर लाल जाट के संपर्क में आए ई मित्र संचालक हरीश जाट को पकड़ा है. आरोप है कि ई-मित्र धारक फर्जी आधार कार्ड बनाता था. पुलिस की कई टीमें हरीश के अलग-अलग ठिकानों पर जाकर दबिश दे रही है. फिलहाल, पुलिस हरीश से पूछताछ कर रही है.
जानकारी के अनुसार जब हरीश को डूंगरपुर पुलिस की कार्रवाई की भनक लगी तो वह अपने घर से फरार हो गया था, जिसके बाद बाड़मेर पुलिस लगातार दबिश दे रही थी. पुलिस ने हरीश को उसके घर के पास एक झाड़ी से पकड़ा.