ETV Bharat / state

गोवर्धन पूजा: धौलपुर में धूमधाम से मनाया गया त्योहार, गायों को मिष्ठान खिलाकर उतारी गई आरती

दीपावली के दूसरे दिन यानि सोमवार को धौलपुर में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई गई. जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने विधि-विधान से गोवर्धन महाराज की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की.

धौलपुर की खबर, govardhan puja
author img

By

Published : Oct 28, 2019, 5:59 PM IST

धौलपुर. पांच दिवसीय दीपोत्सव के चौथे दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को जिले भर में लोगों ने गोवर्धन पूजा की. इस मौके पर लोगों ने गाय माता, बैल सहित अन्य पशुओं को स्नान करवाकर फूल, माला, धूप, चंदन सहित अन्य सामग्रियों से पूजा की. लोगों ने गायों को मिष्ठान खिलाकर उनकी आरती उतारी.

धौलपुर में धूमधाम से की गई गोवर्धन पूजा

बता दें कि वैदिक काल में यह पूजा ‘इन्द्रयाग’ के रूप में की जाती थी, लेकिन द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने इस याग के स्थान पर गोवर्धन याग का प्रारम्भ किया. लोगों ने अपने घरों में गोबर से गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा-अर्चना कर जमकर आतिशबाजी की.

पढ़ें: गोवर्धन पूजन के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

दरअसल, धौलपुर जिला ब्रज क्षेत्र के नजदीक है, इससे यहां पर गोवर्धन पूजा का असर देखने को मिलता है. यहां के लोग भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं में रमे हुए होते हैं.

धौलपुर. पांच दिवसीय दीपोत्सव के चौथे दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को जिले भर में लोगों ने गोवर्धन पूजा की. इस मौके पर लोगों ने गाय माता, बैल सहित अन्य पशुओं को स्नान करवाकर फूल, माला, धूप, चंदन सहित अन्य सामग्रियों से पूजा की. लोगों ने गायों को मिष्ठान खिलाकर उनकी आरती उतारी.

धौलपुर में धूमधाम से की गई गोवर्धन पूजा

बता दें कि वैदिक काल में यह पूजा ‘इन्द्रयाग’ के रूप में की जाती थी, लेकिन द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने इस याग के स्थान पर गोवर्धन याग का प्रारम्भ किया. लोगों ने अपने घरों में गोबर से गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा-अर्चना कर जमकर आतिशबाजी की.

पढ़ें: गोवर्धन पूजन के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

दरअसल, धौलपुर जिला ब्रज क्षेत्र के नजदीक है, इससे यहां पर गोवर्धन पूजा का असर देखने को मिलता है. यहां के लोग भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं में रमे हुए होते हैं.

Intro:दीपावली के दूसरे दिन धौलपुर जिले भर में गोवर्धन पूजा धूमधाम से की गई. धौलपुर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने विधि-विधान पूर्वक गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की दुआ मांगी.



Body:पांच दिनी दीपोत्सव के चौथे दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को आज धौलपुर जिले भर में लोगो ने गोवर्धन पूजा की.इस मौके पर लोगो ने गाय माता,बैल सहित अन्य पशुओं को स्नान कराकर फूल,माला,धूप,चंदन सहित अन्य सामग्री से उनका पूजन किया। लोगो ने गायों को मिष्ठान खिलाकर उनकी आरती उतारी.वैदिक काल में यह पूजा ‘इन्द्रयाग’ के रूप में की जाती थी किन्तु द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने इस याग के स्थान पर गोवर्धन याग का प्रारम्भ करवाया.घरो में गोबर से गोवर्धन बना कर लोगो ने परिवार सहित उनकी पूजा-अर्चना कर जमकर आतिशबाजी की। यह परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है। उससे पूर्व ब्रज में भी इंद्र की पूजा की जाती थी। मगर भगवान कृष्ण ने यह तर्क देते हुए कि इंद्र से कोई लाभ नहीं प्राप्त होता.जबकि गोवर्धन पर्वत गौधन का संवर्धन एवं संरक्षण करता है,जिससे पर्यावरण भी शुद्ध होता है इसलिए इंद्र की नहीं गोवर्धन की पूजा की जानी चाहिए। हालांकि,इसके बाद इंद्र ने ब्रजवासियों को भारी वर्षा के द्वारा डराने का प्रयास किया, लेकिन ब्रजवासी भगवान कृष्ण का आसरा पाकर अपने निर्णय पर अडिग रहे। उन्होंने अपना विचार नहीं बदला और इंद्र के बजाए गोवर्धन की पूजा शुरू कर दी।






Conclusion: धौलपुर जिला ब्रज क्षेत्र के नजदीकी होने पर यहां गोवर्धन पूजा का असर पूरे जिले में देखा जाता है. यहां लोग भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं में रमे हुए होते. द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का अहंकार दूर कर गोवर्धन की पूजा की शुरुआत कराई थी.
Byte:-रविंद्र शर्मा
Report
Neeraj Sharma
Dholpur
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.