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चूरू : गैरों ने निभाया इंसानियत का धर्म, महिला की मौत के बाद किया अंतिम संस्कार

जिला मुख्यालय के नए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में आश्रय लेने वाली 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई. दो लोगों ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए महिला का मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार करवाया.

अंतिम संस्कार कर निभाया इंसानियत का धर्म...
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Published : Jan 4, 2021, 10:47 PM IST

चूरू. जिले में गैरों ने महिला का अंतिम संस्कार कर इंसानियत का धर्म निभाया है. जिला मुख्यालय के नए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में आश्रय लेने वाली 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई. जिसके बाद पति के सामने अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार करने की विकट समस्या खड़ी हो गई थी. जिसके बाद शहर के दो लोगों ने उसके दर्द को समझा और सामाजिक सरोकार निभाते हुए महिला का मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार करवाया.

महिला की मौत के बाद गैरों ने किया अंतिम संस्कार...

पढ़ें: कार में आग लगने से जिंदा जला युवक, नहीं हो सकी शिनाख़्त...पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

दरअसल, जिला मुख्यालय के वार्ड संख्या 30 की पूनम और उसका पति लंबे समय से रैन बसेरे में अपना जीवन यापन कर रहे थे. दोनों सड़कों पर भीख मांग कर पेट भरते थे. सोमवार सुबह अचानक 50 वर्षीय पूनम की तबियत बिगड़ गई. उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पति ने पत्नी के अंतिम संस्कार करने में असमर्थता जाहिर की. इसके बाद शहर के सोमेंद्र शर्मा और विप्र फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने अंतिम संस्कार की सामग्री की व्यवस्था की. मृतका का शहर के बाग्ला मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार करवाया.

चूरू. जिले में गैरों ने महिला का अंतिम संस्कार कर इंसानियत का धर्म निभाया है. जिला मुख्यालय के नए बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में आश्रय लेने वाली 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई. जिसके बाद पति के सामने अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार करने की विकट समस्या खड़ी हो गई थी. जिसके बाद शहर के दो लोगों ने उसके दर्द को समझा और सामाजिक सरोकार निभाते हुए महिला का मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार करवाया.

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दरअसल, जिला मुख्यालय के वार्ड संख्या 30 की पूनम और उसका पति लंबे समय से रैन बसेरे में अपना जीवन यापन कर रहे थे. दोनों सड़कों पर भीख मांग कर पेट भरते थे. सोमवार सुबह अचानक 50 वर्षीय पूनम की तबियत बिगड़ गई. उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पति ने पत्नी के अंतिम संस्कार करने में असमर्थता जाहिर की. इसके बाद शहर के सोमेंद्र शर्मा और विप्र फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने अंतिम संस्कार की सामग्री की व्यवस्था की. मृतका का शहर के बाग्ला मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार करवाया.

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