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आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोक कर किया प्रदर्शन - workers

चूरू में आशा सहयोगिनियों का विभिन्न मांगों को लेकर 17वें दिन भी प्रदर्शन जारी रखा. आशा सहयोगिनियो ने कलेक्ट्रेट गेट के सामने सरकार के खिलाफ नारे लगा कर 10 मिनट तक रास्ता रोककर प्रदर्शन किया.

churu aanganwadi workers protest
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Published : Aug 2, 2019, 5:33 PM IST

चूरू. आशा सहयोगिनियों का विभिन्न मांगों को लेकर किया जा रहा धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 17वें दिन भी जारी रहा. मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर हर दिन आशा सहयोगिनी कलेक्ट्रेट के गेट के सामने सरकार के खिलाफ नारे लगा कर अपनी मांगों को पूरी करने के लिए ध्यान आकर्षित कर रही है.

इसी के तहत शुक्रवार को आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के ठीक सामने करीब 10 मिनट तक रास्ता रोककर प्रदर्शन किया. इस दौरान जहां सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई, वहीं पुलिस भी एकाएक सकते में आ गई. प्रदर्शन के बाद आशा सहयोगिनी वापस कलेक्ट्रेट के सामने दिए जा रहे धरना प्रदर्शन स्थल पर आ गई.

पढ़ें : अजमेर में फिर झमा-झम

थाली बजाकर किया ध्यानाकर्षण-
कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोकने से पहले आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के गेट के सामने थालियां बजाकर अपनी मांगों के समर्थन में सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. इसके बाद आशा सहयोगिनियों ने करीब 10 मिनट के लिए रास्ता रोक दिया. बाद में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने रास्ता खुलवाया.

आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोक कर किया प्रदर्शन

महज 2500 रुपए ही है मानदेय-
आशा सहयोगिनियों का कहना है कि उनका मानदेय महज 2500 रुपए ही है जबकि वे अपने काम के लिए 24 घंटे तैयार रहती है. इतने कम मानदेय में घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. इसी कारण उनकी मांग है कि उनका मानदेय 18 हजार रुपए किया जाए. इसके साथ ही उन्हें राज्य सरकार का नियमित कर्मचारी भी माना जाए.

पढ़ें : अदालत परिसर में गोली चलने से दो पुलिसकर्मी घायल...कोर्ट में मचा हड़कंप

आशा सहयोगिनी संगीता शर्मा का कहना है कि मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 17 जुलाई से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. कुछ देर के लिए सांकेतिक रूप से कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोका गया है. इससे पहले थाली बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई थी. सरकार जब तक मांग नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

चूरू. आशा सहयोगिनियों का विभिन्न मांगों को लेकर किया जा रहा धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 17वें दिन भी जारी रहा. मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर हर दिन आशा सहयोगिनी कलेक्ट्रेट के गेट के सामने सरकार के खिलाफ नारे लगा कर अपनी मांगों को पूरी करने के लिए ध्यान आकर्षित कर रही है.

इसी के तहत शुक्रवार को आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के ठीक सामने करीब 10 मिनट तक रास्ता रोककर प्रदर्शन किया. इस दौरान जहां सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई, वहीं पुलिस भी एकाएक सकते में आ गई. प्रदर्शन के बाद आशा सहयोगिनी वापस कलेक्ट्रेट के सामने दिए जा रहे धरना प्रदर्शन स्थल पर आ गई.

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थाली बजाकर किया ध्यानाकर्षण-
कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोकने से पहले आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के गेट के सामने थालियां बजाकर अपनी मांगों के समर्थन में सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. इसके बाद आशा सहयोगिनियों ने करीब 10 मिनट के लिए रास्ता रोक दिया. बाद में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने रास्ता खुलवाया.

आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोक कर किया प्रदर्शन

महज 2500 रुपए ही है मानदेय-
आशा सहयोगिनियों का कहना है कि उनका मानदेय महज 2500 रुपए ही है जबकि वे अपने काम के लिए 24 घंटे तैयार रहती है. इतने कम मानदेय में घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. इसी कारण उनकी मांग है कि उनका मानदेय 18 हजार रुपए किया जाए. इसके साथ ही उन्हें राज्य सरकार का नियमित कर्मचारी भी माना जाए.

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आशा सहयोगिनी संगीता शर्मा का कहना है कि मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 17 जुलाई से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. कुछ देर के लिए सांकेतिक रूप से कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोका गया है. इससे पहले थाली बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई थी. सरकार जब तक मांग नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

Intro:चूरू। आशा सहयोगिनियों का विभिन्न मांगों को लेकर 17 जुलाई से किया जा रहा धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 17वें दिन भी जारी रहा। मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर हर दिन आशा सहयोगिनी कलेक्ट्रेट के गेट के सामने सरकार के खिलाफ नारे लगा कर अपनी मांगों को पूरी करने के लिए ध्यान आकर्षित कर रही है।
इसी के तहत शुक्रवार को आशा सहयोगिनियों ने कलेक्ट्रेट के ठीक सामने करीब 10 मिनट तक रास्ता रोककर प्रदर्शन किया। इस दौरान जहां सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई वहीं पुलिस भी एकाएक सकते में आ गई। प्रदर्शन के बाद आशा सहयोगिनी वापस कलेक्ट्रेट के सामने दिए जा रे धरना प्रदर्शन स्थल पर आ गई।


Body:थाली बजाकर किया ध्यानाकर्षण
कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोकने से पहले आशा सहयोगिनियों ने कलेक्टेड के गेट के सामने थालियां बजाकर अपनी मांगों के समर्थन में सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। इसके बाद आशा सहयोगिनियों ने करीब 10 मिनट के लिए रास्ता रोक दिया। बाद में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने रास्ता खुलवाया।
महज 2500 रुपए ही है मानदेय
आशा सहयोगिनी उनका कहना है कि उनका मानदेय महज 2500 रुपए ही है जबकि वे अपने काम के लिए 24 घंटे तैयार रहती है। इतने कम मानदेय में घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। इसी कारण उनकी मांग है कि उनका मानदेय 18000 रुपए किया जाए। इसके साथ ही उन्हें राज्य सरकार का नियमित कर्मचारी भी माना जाए।



Conclusion:बाइट: संगीता शर्मा, आशा सहयोगिनी चुरू
आशा सहयोगिनी संगीता शर्मा का कहना है कि मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 17 जुलाई से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। आज कुछ देर के लिए सांकेतिक रूप से कलेक्ट्रेट के सामने रास्ता रोका गया है, इससे पहले थाली बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई थी। सरकार जब तक मांग नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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