चूरू. प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था और 16 मार्च को राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और 15 कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद दर्ज हुए राजकार्य में बाधा के मुकदमे के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरना प्रदर्शन किया.
इसके साथ ही चूरू एसपी को पुलिस महानिदेशक के नाम ज्ञापन सौपा. प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकताओं ने कहा कि प्रदेश में लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है आए दिन बाल यौन शोषण की घटना हो या बलात्कार और उत्पीड़न के मामले आए दिन प्रदेश में घटित हो रहे हैं.
प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब तो प्रदेश के पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं चाहे वो अलवर के खेरली पुलिस थाने में फरियाद लेकर पहुंची पीड़ित महिला के साथ थाने में बलात्कार की घटना हो चाहे दौसा में रिश्वतखोरी मामले में एसीबी की ओर से एसपी मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार करना हो.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से पुलिस महानिदेशक के नाम दिए ज्ञापन में बताया गया कि जोधपुर में न्याय मांगने गए नाबालिक बच्चे को पुलिस थाने में पीटा गया, रिश्वतखोरी के मामले में ही सरकार की ओर से दो पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया गया. ऐसी ही तमाम घटनाएं प्रदेश के पुलिस प्रसाशन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है.
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प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने कहा कि 16 मार्च को राजस्थान विश्वविद्यालय में हड़ताल पर बैठे विद्यार्थी जब कुलपति से मिलने गए तो विद्यार्थियों पर जो बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया जो शिक्षा के मंदिर को कलंकित करने जैसा है पुलिस की ओर से बिना जांच-पड़ताल के ही 15 कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करना शर्मसार करने वाला कृत्य है इसलिए विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज करने वाले और मुकदमा दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारवाई की जाए.