ETV Bharat / state

चूरूः प्लेग महामारी के हीरो 'स्वामी गोपालदास'

कोरोना संक्रमण की तरह 104 साल पहले चूरू में प्लेग महामारी फैली थी. जिसमें हजारों लोगों की जान भी गई थी. उस समय इस महामारी को मात देने के लिए आयुर्वेद के जानकार स्वामी गोपालदास आगे आए. जिन्होंने प्लेग महामारी से ग्रसित लोगों का इलाज किया था.

चूरू प्लेग महामारी खबर,  Corona infection news
प्लेग महामारी के हीरो
author img

By

Published : May 17, 2020, 12:51 PM IST

Updated : May 17, 2020, 2:02 PM IST

चूरू. वैश्विक महामारी कोविड 19 से देश में 90 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित है तो करीब तीन हजार लोगों की जान जा चुकी है. इस संक्रमण का खौफ इतना है कि देश में कोविड 19 से मौत के शिकार हुए कई लोगों के परिजन उनका अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा ही मंजर 104 साल पहले प्लेग महामारी के दौरान चूरू में देखने को मिला था. उस समय चूरू में प्लेग महामारी से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. तब इस महामारी को मात देने के लिए आयुर्वेद के जानकार और समाज सुधारक स्वामी गोपालदास आगे आए. जिन्होंने उस समय प्लेग से संक्रमित लोगों का इलाज किया था. साथ ही मौत के शिकार लोगों का अंतिम संस्कार भी किया करते थे.

प्लेग महामारी के हीरो

पढ़ेंः चूरू में गलघोंटू रोग से बचाव के लिए पशुओं का टीकाकरण शुरू, ऐसे करें बचाव

परिजन नहीं करते थे दाह संस्कार
वरिष्ठ इतिहासकार भंवर सिंह सामौर बताते हैं कि प्लेग महामारी छूत की बीमारी मानी जाती थी. जिसे स्थानीय भाषा में मरी कहते थे. इस बीमारी के डर से उस दौरान कई गांव एकाएक खाली हो गए थे. वहीं इस महामारी से बचने के लिए लोग अपनों का अंतिम संस्कार तक नहीं करते थे.ऐसे समय में स्वामी गोपालदास प्लेग के रोगियों का इलाज भी करते थे और जिन मृत लोगों के परिजन उनका अंतिम संस्कार नहीं करते थे. गोपालदास खुद उनका अंतिम संस्कार करते थे.

चूरू प्लेग महामारी खबर,  Corona infection news
प्लेग महामारी से हुई थी सैकड़ों मौत

महान समाज सुधारक
स्वामी गोपालदास चूरू के महान समाज सुधारक थे. जिन्होंने रचनात्मक कार्यों के लिए 1907 में चूरू में सर्व हितकारिणी सभा गठित की. इसके अलावा की गांव में पानी के कुंड बनवाए, भामाशाहों से राशि एकत्र कर गौशाला बनवाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगवाए. इसके साथ ही शिक्षा के चूरू में दो विद्यालय भी खुलवाए. वहीं बालिकाओं के लिए पुत्री पाठशाला और छात्रों के लिए कबीर पाठशाला खुलवाई.

चूरू. वैश्विक महामारी कोविड 19 से देश में 90 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित है तो करीब तीन हजार लोगों की जान जा चुकी है. इस संक्रमण का खौफ इतना है कि देश में कोविड 19 से मौत के शिकार हुए कई लोगों के परिजन उनका अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा ही मंजर 104 साल पहले प्लेग महामारी के दौरान चूरू में देखने को मिला था. उस समय चूरू में प्लेग महामारी से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. तब इस महामारी को मात देने के लिए आयुर्वेद के जानकार और समाज सुधारक स्वामी गोपालदास आगे आए. जिन्होंने उस समय प्लेग से संक्रमित लोगों का इलाज किया था. साथ ही मौत के शिकार लोगों का अंतिम संस्कार भी किया करते थे.

प्लेग महामारी के हीरो

पढ़ेंः चूरू में गलघोंटू रोग से बचाव के लिए पशुओं का टीकाकरण शुरू, ऐसे करें बचाव

परिजन नहीं करते थे दाह संस्कार
वरिष्ठ इतिहासकार भंवर सिंह सामौर बताते हैं कि प्लेग महामारी छूत की बीमारी मानी जाती थी. जिसे स्थानीय भाषा में मरी कहते थे. इस बीमारी के डर से उस दौरान कई गांव एकाएक खाली हो गए थे. वहीं इस महामारी से बचने के लिए लोग अपनों का अंतिम संस्कार तक नहीं करते थे.ऐसे समय में स्वामी गोपालदास प्लेग के रोगियों का इलाज भी करते थे और जिन मृत लोगों के परिजन उनका अंतिम संस्कार नहीं करते थे. गोपालदास खुद उनका अंतिम संस्कार करते थे.

चूरू प्लेग महामारी खबर,  Corona infection news
प्लेग महामारी से हुई थी सैकड़ों मौत

महान समाज सुधारक
स्वामी गोपालदास चूरू के महान समाज सुधारक थे. जिन्होंने रचनात्मक कार्यों के लिए 1907 में चूरू में सर्व हितकारिणी सभा गठित की. इसके अलावा की गांव में पानी के कुंड बनवाए, भामाशाहों से राशि एकत्र कर गौशाला बनवाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगवाए. इसके साथ ही शिक्षा के चूरू में दो विद्यालय भी खुलवाए. वहीं बालिकाओं के लिए पुत्री पाठशाला और छात्रों के लिए कबीर पाठशाला खुलवाई.

Last Updated : May 17, 2020, 2:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.