चित्तौड़गढ़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बुधवार को ग्राम पंचायत नारेला के ग्राम विकास अधिकारी को रिश्वत लेते ट्रैप किया. आरोपी ने बिल के भुगतान की एवज में 4200 रुपए की रिश्वत की मांग की थी.
एसीबी के उपमहानिरीक्षक उदयपुर रेंज राजेंद्र प्रसाद गोयल के निर्देशन में चित्तौड़गढ़ चौकी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह सांधू ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. सांधू ने बताया कि ठेकेदार काठोड़िया, ग्राम पंचायत नारेला निवासी देवीलाल गुर्जर द्वारा ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी संदीप सिपानी जैन पुत्र सुरेंद्र कुमार के खिलाफ परिवाद पेश किया गया था. परिवाद में कहा गया कि नारेला में पूर्व में कराए गए एक निर्माण कार्य की एवज में 5 प्रतिशत कमीशन राशि 15000 रुपए पूर्व में दिए गए और शेष 2 प्रतिशत राशि ऑडिटर एवं समायोजन के नाम से तथा परिवादी की फर्म के नरेगा सीसी रोड का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र के नाम पर 6000 रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है.
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21 जुलाई और 24 जुलाई को शिकायत का मोबाइल और आमने- सामने की वार्ता से सत्यापन हो गया. बातचीत के दौरान 4200 नकद और 1800 रुपए जेसीबी के एडजस्टमेंट पर डील हो गई और नकद राशि बुधवार को देना तय हुआ. परिवादी उक्त राशि और जेसीबी का बिल लेकर पंचायत समिति प्रांगण में पहुंचा जहां जैसे ही परिवादी ने सिपानी को राशि थमाई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जाल बिछाए बैठी एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी के कब्जे से 4200 रुपए और 1800 रुपए का जेसीबी का बिल बरामद कर लिया गया. कार्रवाई टीम में हेड कांस्टेबल दलपत सिंह, सहायक पुलिस उप निरीक्षक नेमीचंद, हेड कांस्टेबल श्यामलाल, ओम प्रकाश शर्मा, कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार, जितेंद्र सिंह और मानसिंह शामिल थे.