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चित्तौड़गढ़ जिले में बढ़े 11 प्रतिशत अपराध, एसपी ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड

चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने गुरुवार दोपहर साल भर का लेखा-जोखा पेश किया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में साल 2018 के मुकाबले साल 2019 में 11.44 फिसदी मुकदमे ज्यादा दर्ज हुए हैं

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एसपी ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड
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Published : Jan 9, 2020, 10:41 PM IST

चित्तौड़गढ़. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने गुरुवार दोपहर साल भर का लेखा-जोखा पेश किया. इसमें मुख्य रूप से साल 2018 के मुकाबले साल 2019 में दर्ज अपराधों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि सरकार के आदेश पर सभी प्रकरण दर्ज कर रहे हैं. वहीं महिला अत्याचारों के मामले में 40 फिसदी की वृद्धि हुई है. इसके उलट जिले में अनुसुचित जााति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत साल भर में दर्ज मामलों में से एक तिहाई मामले फर्जी पाए गए हैं.

एसपी ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में साल 2018 के मुकाबले साल 2019 में 11.44 फिसदी मुकदमे ज्यादा दर्ज हुए हैं. वहीं सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के आंकड़े में भी कमी आई है. सड़क हादसों में मृत्यु के मामले में कमी आने का मुख्य कारण पुलिस की सजगता बताते हुए उन्होंने कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाईयों से इस आंकड़े में कमी आई है. पुलिस आने वाले समय में लगातार ये कार्रवाई करती रहेगी. उन्होंने बताया कि साल 2018 में सड़क दुर्घटनाओं में 270 व्यक्तियों की जिले में मृत्यु हुई थी, जबकि साल 2019 में ये आंकड़ा 245 हो गया.

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने की जनसुनवाई

अपराधियों की धर पकड़ के मामले में पुलिस अधीक्षक ने जानकारी दी कि जिले के प्रत्येक थाने में दस अपराधियों की बनाई सूची के अनुसार 250 अपराधी चिन्हित किए थे. वहीं इसमें से 84 अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिनमें हार्डकोर अपराधियों में शामिल 35 हजार रूपए का इनामी बदमाश शोएब लाला भी शामिल है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले के विभिन्न थानों में हत्या के कुल 31 मामले दर्ज कर 16 में चालान दिया गया और 7 फर्जी पाए गये. बलात्कार के कुल 138 मामले इस साल दर्ज किये गए, जबकि साल 2019 में 98 मामले दर्ज हुए थे. इस साल सम्पत्ति संबंधी अपराधों में डकैती का एक, लूट के 51, नकबजनी के 225 व चोरी के 873 मामले दर्ज किये गये. यह मामले साल 2018 की तुलना में करीब 15 फिसदी अधिक है.

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ में निजीकरण का विरोध, कई संगठन बैठी धरने पर

एसपी ने बताया कि जिले में अनुसुचित जाति जनजाति वर्ग पर अत्याचारों से संबंधित विभिन्न धाराओं में कुल 124 मामले दर्ज किये गये गये. जिनमें से 41 मामले फर्जी पाए गये और 64 मामलों में आरोप पत्र पेश कर दिया गया. जबकि साल 2019 में 111 मामले दर्ज कर 62 में आरोप पत्र पेश किया और 37 फर्जी पाए गये. उन्होंने बताया कि इस एक्ट के तहत बलात्कार की धारा में कुल 19 मामले दर्ज किये जिनमें से 4 फर्जी पाए गये और 12 में आरोप पत्र पेश कर दिया गया. जबकि साल 2018 में कुल 11 मामलों में से 6 में चालान दिया गया और 4 फर्जी पाए गये.

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ः पत्नी को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के अभियुक्त पति को सात वर्ष का कारावास

हत्या का मात्र 1 मामला दर्ज हुआ और उसमें भी चालान दे दिया गया. पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि जिले में पिछले साल 31 हत्या के मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 7 मामलों में हत्या नहीं होना पाया गया और शेष 24 में से 23 मामलों का खुलासा करने में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है. जिसमें 16 मामलों में चालान भी किया जा चुका है. पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल एक्ट के मामलों में वृद्धि हुई है. पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त पुलिस उप अधीक्षक सरितासिंह, पुलिस उप अधीक्षक शाहना खानम भी मौजूद थी.

चित्तौड़गढ़. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने गुरुवार दोपहर साल भर का लेखा-जोखा पेश किया. इसमें मुख्य रूप से साल 2018 के मुकाबले साल 2019 में दर्ज अपराधों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि सरकार के आदेश पर सभी प्रकरण दर्ज कर रहे हैं. वहीं महिला अत्याचारों के मामले में 40 फिसदी की वृद्धि हुई है. इसके उलट जिले में अनुसुचित जााति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत साल भर में दर्ज मामलों में से एक तिहाई मामले फर्जी पाए गए हैं.

एसपी ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में साल 2018 के मुकाबले साल 2019 में 11.44 फिसदी मुकदमे ज्यादा दर्ज हुए हैं. वहीं सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के आंकड़े में भी कमी आई है. सड़क हादसों में मृत्यु के मामले में कमी आने का मुख्य कारण पुलिस की सजगता बताते हुए उन्होंने कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाईयों से इस आंकड़े में कमी आई है. पुलिस आने वाले समय में लगातार ये कार्रवाई करती रहेगी. उन्होंने बताया कि साल 2018 में सड़क दुर्घटनाओं में 270 व्यक्तियों की जिले में मृत्यु हुई थी, जबकि साल 2019 में ये आंकड़ा 245 हो गया.

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने की जनसुनवाई

अपराधियों की धर पकड़ के मामले में पुलिस अधीक्षक ने जानकारी दी कि जिले के प्रत्येक थाने में दस अपराधियों की बनाई सूची के अनुसार 250 अपराधी चिन्हित किए थे. वहीं इसमें से 84 अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिनमें हार्डकोर अपराधियों में शामिल 35 हजार रूपए का इनामी बदमाश शोएब लाला भी शामिल है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले के विभिन्न थानों में हत्या के कुल 31 मामले दर्ज कर 16 में चालान दिया गया और 7 फर्जी पाए गये. बलात्कार के कुल 138 मामले इस साल दर्ज किये गए, जबकि साल 2019 में 98 मामले दर्ज हुए थे. इस साल सम्पत्ति संबंधी अपराधों में डकैती का एक, लूट के 51, नकबजनी के 225 व चोरी के 873 मामले दर्ज किये गये. यह मामले साल 2018 की तुलना में करीब 15 फिसदी अधिक है.

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एसपी ने बताया कि जिले में अनुसुचित जाति जनजाति वर्ग पर अत्याचारों से संबंधित विभिन्न धाराओं में कुल 124 मामले दर्ज किये गये गये. जिनमें से 41 मामले फर्जी पाए गये और 64 मामलों में आरोप पत्र पेश कर दिया गया. जबकि साल 2019 में 111 मामले दर्ज कर 62 में आरोप पत्र पेश किया और 37 फर्जी पाए गये. उन्होंने बताया कि इस एक्ट के तहत बलात्कार की धारा में कुल 19 मामले दर्ज किये जिनमें से 4 फर्जी पाए गये और 12 में आरोप पत्र पेश कर दिया गया. जबकि साल 2018 में कुल 11 मामलों में से 6 में चालान दिया गया और 4 फर्जी पाए गये.

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ः पत्नी को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के अभियुक्त पति को सात वर्ष का कारावास

हत्या का मात्र 1 मामला दर्ज हुआ और उसमें भी चालान दे दिया गया. पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि जिले में पिछले साल 31 हत्या के मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 7 मामलों में हत्या नहीं होना पाया गया और शेष 24 में से 23 मामलों का खुलासा करने में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है. जिसमें 16 मामलों में चालान भी किया जा चुका है. पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल एक्ट के मामलों में वृद्धि हुई है. पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त पुलिस उप अधीक्षक सरितासिंह, पुलिस उप अधीक्षक शाहना खानम भी मौजूद थी.

Intro:चित्तौडग़ढ़। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चित्तौडग़ढ़ पुलिस अधीाक अनिल कयाल ने गुरुवार दोपहर साल भर का लेखा-जोखा पेश किया। इसमें मुख्य रूप से वर्ष 2018 के मुकाबले 2019 में दर्ज अपराधों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि सरकार के आदेश पर सभी प्रकरण दर्ज कर रहे हैं। वहीं महिला अत्याचारों के मामले में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके उलट जिले में अनुसुचित जााति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत साल भर में दर्ज मामलों में से एक तिहाई मामले फर्जी पाए गए हैं।Body:पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष के मुकाबले 2019 में 11.44 प्रतिशत मुकदमे ज्यादा दर्ज हुए हैं। वहीं सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के आंकड़े में कमी आई है। सड़क हादसों में मृत्यु के मामले में कमी आने का मुख्य कारण पुलिस की सजगता बताते हुए उन्होंने कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ की गई कार्यवाहियों से इस आंकड़े में कमी आई है और पुलिस आने वाले समय में लगातार ये कार्यवाही करती रहेगी। उन्होंने बताया कि 2018 में सड़क दुर्घटनाओं में 270 व्यक्तियों की जिले में मृत्यु हुई थी, जबकि 2019 में ये आंकड़ा 25 कम होते हुए 245 रह गया, जो एक अच्छा संकेत है। अपराधियों की धर पकड़ के मामले में पुलिस अधीक्षक ने जानकारी दी कि जिले के प्रत्येक थाने में दस अपराधियों की बनाई सूची के अनुसार 250 अपराधी चिन्हित किए थे और इसमें से 84 अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें हार्डकोर अपराधियों में शामिल 35 हजार रूपए का इनामी बदमाश शोएब लाला भी शामिल है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले के विभिन्न थानों में हत्या के कुल 31 मामले दर्ज कर 16 में चालान दिया गया व 7 फर्जी पाए गये। बलात्कार के कुल 138 मामले इस वर्ष दर्ज किये गए, जबकि गत वर्ष 98 मामले दर्ज हुए थे। इस वर्ष सम्पत्ति संबंधी अपराधों में डकैती का एक, लूट के 51, नकबजनी के 225 व चोरी के 873 मामले दर्ज किये गये जो वर्ष 2018 की तुलना में करीब 15 प्रतिशत अधिक है। एसपी ने बताया कि जिले में अनुसुचित जाति जनजाति वर्ग पर अत्याचारों से संबंधित विभिन्न धाराओं में कुल 124 मामले दर्ज किये गये गये जिनमें से 41 मामले फर्जी पाए गये और 64 मामलों में आरोप पत्र पेश कर दिया गया, जबकि वर्ष 2019 में 111 मामले दर्ज कर 62 में आरोप पत्र पेश किया और 37 फर्जी पाए गये, उन्होंने बताया कि इस एक्ट के तहत बलात्कार की धारा में कुल 19 मामले दर्ज किये जिनमें से 4 फर्जी पाए गये और 12 में आरोप पत्र पेश कर दिया गया जबकि वर्ष 2018 में कुल 11 मामलों में से 6 में चालान दिया गया व 4 फर्जी पाए गये, हत्या का मात्र 1 मामला दर्ज हुआ और उसमें भी चालान दे दिया गया। पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष 31 हत्या के मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 7 मामलों में हत्या नहीं होना पाया गया और शेष 24 में से 23 मामलों का खुलासा करने में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है और 16 मामलों में चालान भी किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक्ट के मामलों में वृद्धि हुई है। पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त पुलिस उप अधीक्षक सरितासिंह, पुलिस उप अधीक्षक शाहना खानम भी मौजूद थी।Conclusion:बाइट - अनिल कयाल, पुलिस अधीक्षक चितौड़गढ़
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