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कोरोना से जंग में मंदिर ने खोले अपने कपाट, जरुरमंदों के लिए बढ़ाए हाथ

कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन के चलते सारा कामकाज ठप है. ऐसे में गरीब लोगों के भरण-पोषण में कोई परेशानी ना हो इस बात को ध्यान में रखा जा रहा है. विभिन्न जगहों पर सामाजिक कार्यकर्ता, भामाशाह और कई लोग अपने स्तर पर जरुरतमंद की मदद के प्रयास में लगे हैं.

चितौड़गढ़ की खबर, covid-19
जरुरतमंद लोगों के लिए भोजन बनाते भामाशाह
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Published : Apr 4, 2020, 9:40 PM IST

चितौड़गढ़. कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में जिले में सभी जगह कामकाज ठप है. जिसके चलते निर्धन एवं गरीब लोगों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है.

लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले में श्री सांवलिया सेठ अब तक सबसे बड़े दानदाता के रूप में सामने आया है. मंदिर प्रशासन ने 25 लाख का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया था. वहीं अब नियमित सहायता केंद्र चला कर बाहरी मजदूरों को भोजन एवं कस्बे के आस-पास क्षेत्र में गरीबों को भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं. प्रतिदिन 100 से अधिक लोगों को यहां से भोजन के पैकेट की व्यवस्था की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक इस वैश्विक आपदा के समय जिले में भी कई भामाशाह आगे आए हैं. जिले में कई बड़े उद्योग है लेकिन इतनी मदद अभी तक किसी भी इंडस्ट्री ने नहीं की जितनी श्री सांवलियाजी मंदिर प्रशासन ने की है.

दरअसल, जिला प्रशासन के आग्रह पर कई स्थानों पर राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से भेजे गए बाहरी श्रमिकों सांवलियाजी मंदिर की धर्मशालाओं में रुकवाया गया है. इन्हें दोनों समय भोजन व सुबह चाय का सेवन कराया जा रहा है. साथ ही कस्बे के आस-पास के गांव में भी गरीब व निर्धन लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं.

पढ़ें: CORONA: चित्तौड़गढ़ में शुरू हुआ कंट्रोल रूम, 24 घंटे करेगा काम

सुबह शाम मंदिर की भोजनशाला में शुद्ध व ताजा भोजन तैयार कर भोजन के पैकेट वाहनों के माध्यम से घर-घर भेजे जा रहे हैं. श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी कैलाशचंद्र दाधीच ने बताया कि प्रशासन की ओर से यहां निगरानी के लिए अधिकारी तक नियुक्त किए हुए हैं. उनकी निगरानी में राहत केंद्र भी चलाया जा रहा है.

चितौड़गढ़. कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में जिले में सभी जगह कामकाज ठप है. जिसके चलते निर्धन एवं गरीब लोगों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है.

लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले में श्री सांवलिया सेठ अब तक सबसे बड़े दानदाता के रूप में सामने आया है. मंदिर प्रशासन ने 25 लाख का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया था. वहीं अब नियमित सहायता केंद्र चला कर बाहरी मजदूरों को भोजन एवं कस्बे के आस-पास क्षेत्र में गरीबों को भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं. प्रतिदिन 100 से अधिक लोगों को यहां से भोजन के पैकेट की व्यवस्था की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक इस वैश्विक आपदा के समय जिले में भी कई भामाशाह आगे आए हैं. जिले में कई बड़े उद्योग है लेकिन इतनी मदद अभी तक किसी भी इंडस्ट्री ने नहीं की जितनी श्री सांवलियाजी मंदिर प्रशासन ने की है.

दरअसल, जिला प्रशासन के आग्रह पर कई स्थानों पर राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से भेजे गए बाहरी श्रमिकों सांवलियाजी मंदिर की धर्मशालाओं में रुकवाया गया है. इन्हें दोनों समय भोजन व सुबह चाय का सेवन कराया जा रहा है. साथ ही कस्बे के आस-पास के गांव में भी गरीब व निर्धन लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं.

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सुबह शाम मंदिर की भोजनशाला में शुद्ध व ताजा भोजन तैयार कर भोजन के पैकेट वाहनों के माध्यम से घर-घर भेजे जा रहे हैं. श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी कैलाशचंद्र दाधीच ने बताया कि प्रशासन की ओर से यहां निगरानी के लिए अधिकारी तक नियुक्त किए हुए हैं. उनकी निगरानी में राहत केंद्र भी चलाया जा रहा है.

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