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चित्तौड़गढ़ में दीपदान के साथ फोर्ट फेस्टिवल का समापन, सांस्कृतिक संध्या ने बनाया यादगार - सांस्कृतिक कार्यक्रम

चित्तौड़गढ़ में दो दिवसीय फोर्ट फेस्टिवल दीपदान के साथ संपन्न हो गया. हालांकि दिनभर कई प्रकार के कार्यक्रम चले, लेकिन सांस्कृतिक संध्या इसे यादगार बना गई.

Chittorgarh news, Fort Festival completed
चित्तौड़गढ़ में दीपदान के साथ फोर्ट फेस्टिवल का समापन
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Published : Mar 14, 2021, 7:01 AM IST

चित्तौड़गढ़. दो दिवसीय फोर्ट फेस्टिवल दीपदान के साथ शनिवार को संपन्न हो गया. हालांकि दिन भर कई प्रकार के कार्यक्रम चले, लेकिन सांस्कृतिक संध्या इसे यादगार बना गई. हालांकि यह कार्यक्रम लोक संस्कृति को समर्पित था, लेकिन इसमें भी स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया.

चित्तौड़गढ़ में दीपदान के साथ फोर्ट फेस्टिवल का समापन

विदेशी बालाओं ने अपनी प्रस्तुतियों से वहां मौजूद हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं अन्य कलाकारों ने भी अपना बेहतर देने में कोई कसर नहीं रखी. कलाकारों को अंत तक रहकर शहर के लोगों ने भी मोटिवेट किया. सांसद सीपी जोशी भी कार्यक्रम में पहुंचे, फेस्टिवल के दूसरे और अंतिम दिन गोरा बादल स्टेडियम में सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई.

यह भी पढ़ें- धर्म और उससे जुड़े मूल्य कभी भी अप्रासंगिक नहीं हो सकते हैं: राज्यपाल मिश्र

हरियाणवी नृत्य, सूफी गायन, एकल नृत्य, कविता पाठ के दौरान महाराणा उदय सिंह के प्राण बचाने वाले कीरत वारी का कैनवास पर चित्रण, ओडिसी नृत्य, नाइजीरियन नृत्य, बांसुरी वादन , घूमर आदि ने शहर के लोगों को आनंदित कर दिया. जिला कलेक्टर केके शर्मा ने ध्वज उतारकर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की.

चित्तौड़गढ़. दो दिवसीय फोर्ट फेस्टिवल दीपदान के साथ शनिवार को संपन्न हो गया. हालांकि दिन भर कई प्रकार के कार्यक्रम चले, लेकिन सांस्कृतिक संध्या इसे यादगार बना गई. हालांकि यह कार्यक्रम लोक संस्कृति को समर्पित था, लेकिन इसमें भी स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया.

चित्तौड़गढ़ में दीपदान के साथ फोर्ट फेस्टिवल का समापन

विदेशी बालाओं ने अपनी प्रस्तुतियों से वहां मौजूद हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं अन्य कलाकारों ने भी अपना बेहतर देने में कोई कसर नहीं रखी. कलाकारों को अंत तक रहकर शहर के लोगों ने भी मोटिवेट किया. सांसद सीपी जोशी भी कार्यक्रम में पहुंचे, फेस्टिवल के दूसरे और अंतिम दिन गोरा बादल स्टेडियम में सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई.

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