चितौड़गढ़. चितौड़गढ़ जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित श्री सांवलिया सेठ के दरबार में अब तक का सबसे बड़ा चढ़ावा चढ़ा है. यहां एक भक्त ने अपनी आस्था दिखाते हुए भगवान को अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत चढ़ावा एक करोड़ 38 लाख रुपए का ड्राफ्ट भेंट किया है. जो किसी भी श्रद्धालु की और से दिया गया अब तक का सबसे बड़ा दान है. भक्त ने अपने कर्मचारी को ड्राफ्ट लेकर भेजा और नाम उजागर नहीं करने का भी आग्रह किया. लेकिन जानकारी के अनुसार यह श्रद्धालु इंदौर का रहने वाला बताया जा रहा है. मंदिर लॉकडाउन के चलते बंद है लेकिन श्रद्धालु अपनी आस्था दिखाने में कोई कमी नहीं कर रहें हैं.
जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रकोप के चलते प्रदेश भर में लॉकडाउन लागू है और पिछले ढाई महीनों से अधिकांश धर्मस्थल बंद हैं. इसके बावजूद चित्तौड़गढ़ जिले के प्रख्यात कृष्णधाम में एक श्रद्धालु ने चढ़ावे की बड़ी राशि के रूप में 1 करोड 38 लाख का डीडी मंदिर कार्यालय में भेंट की है.
बताया जा रहा है कि यह अब तक के चढ़ावे की सबसे बड़ी व्यक्तिगत राशि मानी जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार श्री सांवलियाजी मंदिर लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं. श्रद्धालुओं के नहीं आने की वजह से चढ़ावे की राशि नहीं के बराबर हैं. इसके बावजूद भी कुछ श्रद्धालु मंदिर मंडल के खातों में ऑनलाइन चढ़ावा भेज रहें हैं.
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इस लॉकडाउन के दौरान एक श्रद्धालु ने शुक्रवार को 1 करोड़ 38 लाख रुपए का डीडी अपने कर्मचारी के माध्यम से मंदिर कार्यालय में जमा करवाया. यह राशि जमा होने की पुष्टि मंदिर मंडल अध्यक्ष कन्हैयादास ने भी की है. हालांकि मंदिर कोष में लॉकडाउन के चलते श्रद्धालु नहीं आने से चढ़ावे की राशि के विभिन्न स्रोतों से 20 से 25 करोड़ का नुकसान 3 महीनों में हो चुका है. चढ़ावे के नुकसान की पुष्टि मंदिर मंडल सीईओ मुकेश कलाल ने भी की है. लेकिन 1 करोड़ 38 लाख का ड्राफ्ट मंदिर प्रशासन के लिए राहत भरी खबर है.
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गौरतलब है कि एक तरफ जहां मंदिर की आय बंद है वहीं दूसरी तरफ कोरोना काल में मंदिर प्रशासन भी सहयोग में आगे आया है. मुख्यमंत्री सहायता कोष और पीएम केयर्स फंड में 1 करोड़ 52 लाख की आर्थिक सहायता दी है. गरीबों को सूखे राशन के अलावा भोजन के पैकेट भी दिए हैं. इतना ही नहीं राहत केंद्र खोल प्रवासियों को भी रुकवाया है, जिसमें बड़ी राशि खर्च की है.