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दक्षिण भारत में बढ़ी अलवर के लाल प्याज की डिमांड, खिले किसानों के चेहरे - RED ONION DEMAND

दक्षिणी राज्यों से आई लाल प्याज की डिमांड. खिले किसानों के चेहरे. अलवर मंडी में मिल रहे अच्छे भाव.

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अलवर के लाल प्याज की डिमांड (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2024, 10:38 AM IST

अलवर : महाराष्ट्र के नासिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी अलवर से पहली बार लाल प्याज की डिमांड दक्षिणी राज्यों में हो रही है. इसके चलते किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. कारण है कि इस साल पहली बार अलवर की लाल प्याज को दक्षिण के राज्यों से डिमांड मिली है, जिसके चलते आने वाले सालों में भी अब यहां से रेगुलर डिमांड होने की आस जगी है. इससे पहले अलवर का प्याज देश के करीब 16 प्रदेशों व 7 से ज्यादा बाहरी देशों में जाता रहा है. अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि दक्षिणी राज्यों के लिए प्याज ट्रकों में भरकर रवाना हो चुके हैं. जल्द ही यह अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे.

अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि इन दिनों अलवर मंडी में बहुतायात में प्याज की आवक हो रही है. वहीं, रोजाना आने वाला प्याज व्यापारियों के माध्यम से डिमांड के अनुसार बाहर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले बांग्लादेश और नेपाल भी बड़ी मात्रा में अलवर के लाल प्याज जाते थे. वर्तमान में बांग्लादेश में चल रहे गतिरोध के चलते अलवर का लाल प्याज बांग्लादेश नहीं जा पा रहा है. इसके चलते कुछ समय तक प्याज में मंदी भी दिखाई दी.

अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी (ETV BHARAT ALWAR)

इसे भी पढ़ें - अलवर मंडी में प्याज की आवक बढ़ी, नमी के चलते मांग में कमी, भाव भी जा रहा नीचे

हालांकि, पहली बार दक्षिणी राज्यों से प्याज की डिमांड होने से अब किसान खुश है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को करीब 30 से 35 हजार प्याज कट्टो की आवक रही. वहीं, प्याज के भाव के बारे में मंडी संरक्षक ने बताया कि किसानों को गुरुवार को 30 से 40 रुपए तक प्याज के दाम मिले. प्याज की फसल को देखते हुए किसानों को प्याज का उचित मूल्य मिल रहा है.

यहां से आ रही डिमांड : मंडी संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि अलवर के लाल प्याज की खासियत के चलते इस साल दक्षिणी राज्यों में भी प्याज जाना शुरू हुआ है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ट्रक के माध्यम से अलवर का लाल प्याज विशाखापट्टनम, मदुरई, विजयवाड़ा, राउरकेला सहित अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया दक्षिणी राज्यों में भी प्याज की अच्छी पैदावार होती है, लेकिन इस बार मौसम की करवट के चलते वहां प्याज की फसल कुछ हदतक खराब हुई, जिसके चलते अलवर से प्याज की डिमांड को पूरा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अलवर प्याज मंडी से रोजाना लाल प्याज हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जा रहा है.

इसे भी पढ़ें - देश की दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी में रोजाना हो रही 15 हजार कट्टों की आवक, पहुंचने लगे देशभर के व्यापारी

इस कारण भावों में दिख रही अस्थिरता : पप्पू सैनी ने बताया कि वर्तमान में अलवर प्याज मंडी में आने वाले प्याजों की कीमत उनकी नमी की मात्रा के अनुसार लगाई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से मंडी में आने वाले प्याज में गीलापन रहा, जिसके चलते प्याज के भाव में अस्थिरता देखी गई. सूखे प्याज के भाव किसानों को 40 रुपए तक मिल रहे हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि अपनी प्याज को सुखाकर मंडी लाएं, जिससे प्याज के सही दाम मिल सके.

अलवर : महाराष्ट्र के नासिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी अलवर से पहली बार लाल प्याज की डिमांड दक्षिणी राज्यों में हो रही है. इसके चलते किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. कारण है कि इस साल पहली बार अलवर की लाल प्याज को दक्षिण के राज्यों से डिमांड मिली है, जिसके चलते आने वाले सालों में भी अब यहां से रेगुलर डिमांड होने की आस जगी है. इससे पहले अलवर का प्याज देश के करीब 16 प्रदेशों व 7 से ज्यादा बाहरी देशों में जाता रहा है. अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि दक्षिणी राज्यों के लिए प्याज ट्रकों में भरकर रवाना हो चुके हैं. जल्द ही यह अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे.

अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि इन दिनों अलवर मंडी में बहुतायात में प्याज की आवक हो रही है. वहीं, रोजाना आने वाला प्याज व्यापारियों के माध्यम से डिमांड के अनुसार बाहर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले बांग्लादेश और नेपाल भी बड़ी मात्रा में अलवर के लाल प्याज जाते थे. वर्तमान में बांग्लादेश में चल रहे गतिरोध के चलते अलवर का लाल प्याज बांग्लादेश नहीं जा पा रहा है. इसके चलते कुछ समय तक प्याज में मंदी भी दिखाई दी.

अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी (ETV BHARAT ALWAR)

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हालांकि, पहली बार दक्षिणी राज्यों से प्याज की डिमांड होने से अब किसान खुश है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को करीब 30 से 35 हजार प्याज कट्टो की आवक रही. वहीं, प्याज के भाव के बारे में मंडी संरक्षक ने बताया कि किसानों को गुरुवार को 30 से 40 रुपए तक प्याज के दाम मिले. प्याज की फसल को देखते हुए किसानों को प्याज का उचित मूल्य मिल रहा है.

यहां से आ रही डिमांड : मंडी संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि अलवर के लाल प्याज की खासियत के चलते इस साल दक्षिणी राज्यों में भी प्याज जाना शुरू हुआ है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ट्रक के माध्यम से अलवर का लाल प्याज विशाखापट्टनम, मदुरई, विजयवाड़ा, राउरकेला सहित अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया दक्षिणी राज्यों में भी प्याज की अच्छी पैदावार होती है, लेकिन इस बार मौसम की करवट के चलते वहां प्याज की फसल कुछ हदतक खराब हुई, जिसके चलते अलवर से प्याज की डिमांड को पूरा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अलवर प्याज मंडी से रोजाना लाल प्याज हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जा रहा है.

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इस कारण भावों में दिख रही अस्थिरता : पप्पू सैनी ने बताया कि वर्तमान में अलवर प्याज मंडी में आने वाले प्याजों की कीमत उनकी नमी की मात्रा के अनुसार लगाई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से मंडी में आने वाले प्याज में गीलापन रहा, जिसके चलते प्याज के भाव में अस्थिरता देखी गई. सूखे प्याज के भाव किसानों को 40 रुपए तक मिल रहे हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि अपनी प्याज को सुखाकर मंडी लाएं, जिससे प्याज के सही दाम मिल सके.

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