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रिटायर्ड कार्मिक की मौत पर बवाल: परिजनों ने मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर दिया धरना, सहमति बनने पर लिया शव - RETIRED EMPLOYEE DEATH CASE

चूरू में रिटायर्ड कार्मिक की मौत के बाद परिजन धरने पर बैठ गए. तीन दौर की वार्ता के बाद सह​मति बनी और शव लिया गया.

relatives of deceased staged a sit-in protest
मांगों को लेकर मृतक के परिजनों ने दिया धरना (ETV Bharat Churu)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 26, 2025, 8:22 PM IST

चूरू: सेवानिवृत्त सहायक वनपाल की मौत मामले में सर्वसमाज के लोग बुधवार को लामबद्ध हो गए और धरने पर बैठ गए. उन्होंने जिला अस्पताल परिसर में वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. इस दौरान तीन दौर में हुई वार्ता के पश्चात मांगों पर सहमति बनने पर आंदोलन समाप्त कर दिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया.

मामले के अनुसार शहर के वार्ड 40 निवासी 60 वर्षीय सुशील कुमार पंवार वन विभाग में सहायक वनपाल के पद से गत 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे. सोमवार की रात बिना बताए घर से निकल गए, जो मंगलवार की शाम समाज कल्याण विभाग के छात्रावास के पास अचेत हालत में मिले. सुशील कुमार को परिजन जिला अस्पताल लेकर आए, जहां पर उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई. बुधवार सुबह सर्व समाज के लोग लामबद्ध हो गए तथा जिला अस्पताल में धरना देकर आक्रोश जताया.

पढ़ें: स्कूल कुंड में बच्चियों की मौत का मामला : चार दिन बाद बनी सहमति, आज होगा अंतिम संस्कार - GIRLS DROWNED IN SCHOOL TANK

धरने की सूचना पर विधायक पूसाराम गोदारा, एसडीएम रामकुमार वर्मा, तहसीलदार सज्जनकुमार लाटा, सीआई दिलीपसिंह सहित वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा आक्रोशित लोगों से वार्ता की. लेकिन दो दौर की हुई वार्ता में सहमति नहीं बनी तथा प्रदर्शन जारी रहा.

पढ़ें: युवक के अपहरण व हत्या मामला: दिनभर चले धरना-प्रदर्शन के बीच एडीएम की मौजूदगी में हुई सुलह - PROTEST ENDS AFTER AGREEMENT

तीसरे दौर की वार्ता में मुख्यमंत्री सहायता कोष से मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलवाने, मृतक के एक परिजन को संविदा पर नगरपालिका में नौकरी, 31 मार्च तक पेंशन से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण कर राशि दिलवाने एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच करवाने का आश्वासन दिया गया, तब जाकर धरना समाप्त हुआ. धरने पर बैठे हुए लोगों ने आरोप लगाया कि सुशील कुमार को सेवानिवृत्त के बाद मिलने वाले परिलाभों से अधिकारियों द्वारा वंचित रखा जा रहा था. उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.

पढ़ें: Rajasthan: 21 घंटे बाद धरना समाप्त, मंत्री किरोड़ी लाल की वार्ता से बनी सहमति, टाइगर ने ली थी ग्रामीण की जान - SAWAI MADHOPUR PROTEST

DFO ने कहा नहीं कोई बकाया: चूरू डीएफओ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सुशील कुमार 31 जनवरी को रिटायर हुए थे. उनके यहां कोई बकाया नहीं है. इनका पुराना मामला बीकानेर से पेंडिंग चल रहा है. वहां से आते ही मैं 7 दिन में अपना काम पूरा कर दूंगा. मेरे यहां ज्वाइन करने के बाद किसी भी रिटायर्ड कर्मचारियों का कोई भी काम बाकी नहीं रहा है.

चूरू: सेवानिवृत्त सहायक वनपाल की मौत मामले में सर्वसमाज के लोग बुधवार को लामबद्ध हो गए और धरने पर बैठ गए. उन्होंने जिला अस्पताल परिसर में वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. इस दौरान तीन दौर में हुई वार्ता के पश्चात मांगों पर सहमति बनने पर आंदोलन समाप्त कर दिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया.

मामले के अनुसार शहर के वार्ड 40 निवासी 60 वर्षीय सुशील कुमार पंवार वन विभाग में सहायक वनपाल के पद से गत 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे. सोमवार की रात बिना बताए घर से निकल गए, जो मंगलवार की शाम समाज कल्याण विभाग के छात्रावास के पास अचेत हालत में मिले. सुशील कुमार को परिजन जिला अस्पताल लेकर आए, जहां पर उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई. बुधवार सुबह सर्व समाज के लोग लामबद्ध हो गए तथा जिला अस्पताल में धरना देकर आक्रोश जताया.

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धरने की सूचना पर विधायक पूसाराम गोदारा, एसडीएम रामकुमार वर्मा, तहसीलदार सज्जनकुमार लाटा, सीआई दिलीपसिंह सहित वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा आक्रोशित लोगों से वार्ता की. लेकिन दो दौर की हुई वार्ता में सहमति नहीं बनी तथा प्रदर्शन जारी रहा.

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तीसरे दौर की वार्ता में मुख्यमंत्री सहायता कोष से मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलवाने, मृतक के एक परिजन को संविदा पर नगरपालिका में नौकरी, 31 मार्च तक पेंशन से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण कर राशि दिलवाने एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच करवाने का आश्वासन दिया गया, तब जाकर धरना समाप्त हुआ. धरने पर बैठे हुए लोगों ने आरोप लगाया कि सुशील कुमार को सेवानिवृत्त के बाद मिलने वाले परिलाभों से अधिकारियों द्वारा वंचित रखा जा रहा था. उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.

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DFO ने कहा नहीं कोई बकाया: चूरू डीएफओ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सुशील कुमार 31 जनवरी को रिटायर हुए थे. उनके यहां कोई बकाया नहीं है. इनका पुराना मामला बीकानेर से पेंडिंग चल रहा है. वहां से आते ही मैं 7 दिन में अपना काम पूरा कर दूंगा. मेरे यहां ज्वाइन करने के बाद किसी भी रिटायर्ड कर्मचारियों का कोई भी काम बाकी नहीं रहा है.

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