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कृषक कल्याण फीस बढ़ाने के विरोध में उतरे मंडी कारोबारी, सरकार को दी चेतावनी

राजस्थान के मंडी कारोबारी कृषक कल्याण फीस बढ़ाने के विरोध में है. इसके विरोध में प्रदेश की सभी मंडियां चार दिन के लिए बंद रहेगी.

Mandi traders on agitation
कृषक कल्याण फीस बढ़ाने के विरोध में उतरे मंडी कारोबारी (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 30, 2024, 1:02 PM IST

Updated : Nov 30, 2024, 1:57 PM IST

जयपुर. कृषक कल्याण फीस में बढ़ोतरी के विरोध में अब प्रदेश भर के मंडी कारोबारी उतर गए हैं. इन मंडी कारोबारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार कृषक कल्याण फीस में बढ़ोतरी के फैसले को वापस नहीं लेती तो प्रदेश की 247 मंडियों में कारोबार बंद रखा जाएगा. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की जयपुर में राजधानी मण्डी के एसोसिएशन हॉल में एक बैठक आयोजित की गई. इसके बाद व्यापार संघ ने निर्णय किया कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो एक दिसंबर से चार दिसंबर तक प्रदेश भर की मंडियों में हड़ताल रहेगी.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार कृषक कल्याण फीस 1 दिसम्बर से 1 प्रतिशत करने करने जा रही है. यह निर्णय सरकार को वापस लेना चाहिए. साथ ही आयातित माल पर उद्योगों से मण्डी सेस वसूलने और नई मिल्स की तरह पुरानी मिल्स को रिप्स में छूट देने की मांग भी सरकार से की गई है. उन्होंने बताया कि इसके विरोध में 1 से 4 दिसम्बर तक व्यापार बंद रखने का निर्णय किया गया है.

पढ़ें: सरकार ने कृषक कल्याण फीस आधी की, मंडी कारोबारियों ने हड़ताल वापस ली

पूरे मामले को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ की ओर से बैठक आयोजित की गई. इसमें 247 मण्डियों के प्रतिनिधि, आटा मिल, दाल मिल, तेल मिल, मसाला उद्योग के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में मौजूद सदस्यों ने रोष व्यक्त किया कि राज्य सरकार कृषक कल्याण के नाम पर कृषि जिंसों के क्रय-विक्रय पर 1 प्रतिशत बोझ डाल रही है. इसका कोई औचित्य नहीं है. राजस्थान आटा रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविन्द ग्रोवर ने बताया कि दाल मिलों, तेल ​मिलों व मसाला उद्योगों की तरह ही आटा मिलों का कारोबार पहले से ही आयातित माल पर मण्डी सेस लगने के कारण प्रभावित हो रहा है. कृषक कल्याण फीस का बोझ उद्योग पर और डाला गया है, जो अनुचित है.

आमसभा में होगी आगे की रणनीति: गुप्ता ने बताया कि चार दिसम्बर को फिर से आमसभा होगी. इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. यदि सरकार अपना निर्णय वापस लेती है तो मंडियों में प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया जाएगा.

जयपुर. कृषक कल्याण फीस में बढ़ोतरी के विरोध में अब प्रदेश भर के मंडी कारोबारी उतर गए हैं. इन मंडी कारोबारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार कृषक कल्याण फीस में बढ़ोतरी के फैसले को वापस नहीं लेती तो प्रदेश की 247 मंडियों में कारोबार बंद रखा जाएगा. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की जयपुर में राजधानी मण्डी के एसोसिएशन हॉल में एक बैठक आयोजित की गई. इसके बाद व्यापार संघ ने निर्णय किया कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो एक दिसंबर से चार दिसंबर तक प्रदेश भर की मंडियों में हड़ताल रहेगी.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार कृषक कल्याण फीस 1 दिसम्बर से 1 प्रतिशत करने करने जा रही है. यह निर्णय सरकार को वापस लेना चाहिए. साथ ही आयातित माल पर उद्योगों से मण्डी सेस वसूलने और नई मिल्स की तरह पुरानी मिल्स को रिप्स में छूट देने की मांग भी सरकार से की गई है. उन्होंने बताया कि इसके विरोध में 1 से 4 दिसम्बर तक व्यापार बंद रखने का निर्णय किया गया है.

पढ़ें: सरकार ने कृषक कल्याण फीस आधी की, मंडी कारोबारियों ने हड़ताल वापस ली

पूरे मामले को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ की ओर से बैठक आयोजित की गई. इसमें 247 मण्डियों के प्रतिनिधि, आटा मिल, दाल मिल, तेल मिल, मसाला उद्योग के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में मौजूद सदस्यों ने रोष व्यक्त किया कि राज्य सरकार कृषक कल्याण के नाम पर कृषि जिंसों के क्रय-विक्रय पर 1 प्रतिशत बोझ डाल रही है. इसका कोई औचित्य नहीं है. राजस्थान आटा रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविन्द ग्रोवर ने बताया कि दाल मिलों, तेल ​मिलों व मसाला उद्योगों की तरह ही आटा मिलों का कारोबार पहले से ही आयातित माल पर मण्डी सेस लगने के कारण प्रभावित हो रहा है. कृषक कल्याण फीस का बोझ उद्योग पर और डाला गया है, जो अनुचित है.

आमसभा में होगी आगे की रणनीति: गुप्ता ने बताया कि चार दिसम्बर को फिर से आमसभा होगी. इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. यदि सरकार अपना निर्णय वापस लेती है तो मंडियों में प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया जाएगा.

Last Updated : Nov 30, 2024, 1:57 PM IST
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