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रम बनाने वाली 'जवान XXX' कंपनी ने बदल दी यहां रहने वाली महिलाओं की जिंदगी

केरल में तिरुवल्ला की सरकारी टीएससीएल डिस्टिलरी महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ ही ग्राहकों को अवैध शराब से दूर कर रही है.

HOME OF JAWAN TRIPLE X RUM
तिरुवल्ला की सरकारी टीएससीएल डिस्टिलरी में काम करती महिलाएं.( वीडियो से लिया गया स्क्रीन ग्रैब) (PTI)
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By PTI

Published : Nov 30, 2024, 1:05 PM IST

कोट्टायम: केरल, देश की सबसे सस्ती शराबों में से एक फेमस 'जवान' ट्रिपल एक्स रम का घर है. तिरुवल्ला में राज्य सरकार की त्रावणकोर शुगर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड में बनने वाली इस रम को अब क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान बढ़ने वाली मांग को पूरा करने के लिए स्टॉक किया जा रहा है. कई लोगों का मानना है कि डिस्टिलरी ने न केवल राज्य के अंदर अवैध शराब के कारोबार को कम करने में मदद की है, बल्कि कुदुम्बश्री कार्यक्रम के जरिए स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी दिया है, जिसका मकसद महिलाओं को सशक्त बनाना है.

टीएससीएल के उप प्रबंधक अरुण कुमार ने कहा कि पिछले 15 सालों से हमने कुदुम्बश्री सदस्यों को बॉटलिंग लाइन में काम करने के लिए भर्ती किया है. सदस्यों का चयन पुलिकेझु ब्लॉक पंचायत की सीमा से सटे पांच पंचायतों से किया जाता है. तो एक बेल्ट में, हमारे पास लगभग 25 लोग काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समझौते के अनुसार, सूची में शामिल 28 सदस्यों में से कम से कम 25 सदस्य हर रोज काम करने चाहिए. तो लगभग 150 सदस्य छह कन्वेयर बेल्ट का संचालन कर रहे हैं.

तिरुवल्ला की सरकारी टीएससीएल डिस्टिलरी में काम करती महिलाएं. (PTI)

कुदुम्बश्री कार्यक्रम के जरिए डिस्टिलरी में काम करने वाली कई महिलाओं ने इस बात पर खुशी जताई कि इस पहल ने उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है. कुदुम्बश्री सदस्य प्रिया ने कहा कि हम सभी कुदुम्बश्री की सदस्य हैं. पंचायत में अलग-अलग वार्डों के लिए टेंडर आते हैं और जिस वार्ड को टेंडर मिलता है, उस वार्ड से 28 सदस्यों की भर्ती की जाती है. एक दिन की कमाई के बारे में पूछने पर प्रिया ने बताया कि एक दिन में हमें 2000 केस (बॉक्स) पूरे करने होते हैं. एक केस के लिए हमें 8.8 रुपये मिलते हैं, जिसे हमें सबमें बांटना होता है.

जब प्रिया से यह पूछा गया कि क्या आपका वेतन आपको जीवनयापन में मदद करता है? तो उन्होंने कहा कि हां, निश्चित रूप से यह कमाई का एक अच्छा जरिया है. कुदुम्बश्री की एक और सदस्य ने कहा कि मैं पिछले दो साल से ये काम कर रही हूं. क्या सभी कुदुम्बश्री सदस्य इस काम से खुश हैं? कुदुम्बश्री के सभी सदस्यों की आजीविका इसी काम से चलती है. ये हर सदस्य के लिए कमाई का बहुत अच्छा स्रोत है. काम अच्छा है और हमें हर दिन 2000 केस पूरे करने होते हैं, बशर्ते कि हर कोई काम पर आए. डिस्टिलरी के अधिकारियों ने बताया कि यहां बनने वाली रम फूड क्वालिटी के सभी मानकों को पूरा करे, इसके लिए नियमित गुणवत्ता जांच की जाती है.

कैसे बनती है फेमस 'जवान' ट्रिपल एक्स रम : टीएससीएल के उप प्रबंधक अरुण कुमार ने कहा कि सबसे पहले, ईएनए (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) जैसे कच्चे माल को, जो ई-टेंडर के जरिए दूसरे राज्यों से खरीदा जाता है. फिर उसे रासायनिक परीक्षण के लिए रखा जाता है ताकि ये पक्का किया जा सके कि ये इंसानों के पीने लायक है या नहीं. फिर रंगीन पिगमेंटेड कारमेल, स्वाद के लिए फ्लेवर, डी-मिनरलाइज्ड पानी को एक साथ मिलाया जाता है. फिर दोबारा रासायनिक परीक्षण के जरिए ये पक्का किया जाता है कि ये इंसानों के पीने लायक है और रासायनिक परीक्षण प्रमाण पत्र मिलने के बाद, इन मिश्रणों को एक साथ बोतलबंद किया जाता है.

टीएससीएल फिलहाल हर दिन लगभग 13,000 केस का उत्पादन करता है. हर केस में एक लीटर की नौ बोतलें होती हैं. इस प्लांट की क्षमता हर दिन 15,000 केस की है. बाजार में उत्पाद की बढ़ती मांग को देखते हुए, प्लांट अपने उत्पादन का विस्तार करने की योजना बना रहा है.

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टीएससीएल के उप प्रबंधक अरुण कुमार ने कहा कि पिछले 15 सालों से हमने कुदुम्बश्री सदस्यों को बॉटलिंग लाइन में काम करने के लिए भर्ती किया है. सदस्यों का चयन पुलिकेझु ब्लॉक पंचायत की सीमा से सटे पांच पंचायतों से किया जाता है. तो एक बेल्ट में, हमारे पास लगभग 25 लोग काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समझौते के अनुसार, सूची में शामिल 28 सदस्यों में से कम से कम 25 सदस्य हर रोज काम करने चाहिए. तो लगभग 150 सदस्य छह कन्वेयर बेल्ट का संचालन कर रहे हैं.

तिरुवल्ला की सरकारी टीएससीएल डिस्टिलरी में काम करती महिलाएं. (PTI)

कुदुम्बश्री कार्यक्रम के जरिए डिस्टिलरी में काम करने वाली कई महिलाओं ने इस बात पर खुशी जताई कि इस पहल ने उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है. कुदुम्बश्री सदस्य प्रिया ने कहा कि हम सभी कुदुम्बश्री की सदस्य हैं. पंचायत में अलग-अलग वार्डों के लिए टेंडर आते हैं और जिस वार्ड को टेंडर मिलता है, उस वार्ड से 28 सदस्यों की भर्ती की जाती है. एक दिन की कमाई के बारे में पूछने पर प्रिया ने बताया कि एक दिन में हमें 2000 केस (बॉक्स) पूरे करने होते हैं. एक केस के लिए हमें 8.8 रुपये मिलते हैं, जिसे हमें सबमें बांटना होता है.

जब प्रिया से यह पूछा गया कि क्या आपका वेतन आपको जीवनयापन में मदद करता है? तो उन्होंने कहा कि हां, निश्चित रूप से यह कमाई का एक अच्छा जरिया है. कुदुम्बश्री की एक और सदस्य ने कहा कि मैं पिछले दो साल से ये काम कर रही हूं. क्या सभी कुदुम्बश्री सदस्य इस काम से खुश हैं? कुदुम्बश्री के सभी सदस्यों की आजीविका इसी काम से चलती है. ये हर सदस्य के लिए कमाई का बहुत अच्छा स्रोत है. काम अच्छा है और हमें हर दिन 2000 केस पूरे करने होते हैं, बशर्ते कि हर कोई काम पर आए. डिस्टिलरी के अधिकारियों ने बताया कि यहां बनने वाली रम फूड क्वालिटी के सभी मानकों को पूरा करे, इसके लिए नियमित गुणवत्ता जांच की जाती है.

कैसे बनती है फेमस 'जवान' ट्रिपल एक्स रम : टीएससीएल के उप प्रबंधक अरुण कुमार ने कहा कि सबसे पहले, ईएनए (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) जैसे कच्चे माल को, जो ई-टेंडर के जरिए दूसरे राज्यों से खरीदा जाता है. फिर उसे रासायनिक परीक्षण के लिए रखा जाता है ताकि ये पक्का किया जा सके कि ये इंसानों के पीने लायक है या नहीं. फिर रंगीन पिगमेंटेड कारमेल, स्वाद के लिए फ्लेवर, डी-मिनरलाइज्ड पानी को एक साथ मिलाया जाता है. फिर दोबारा रासायनिक परीक्षण के जरिए ये पक्का किया जाता है कि ये इंसानों के पीने लायक है और रासायनिक परीक्षण प्रमाण पत्र मिलने के बाद, इन मिश्रणों को एक साथ बोतलबंद किया जाता है.

टीएससीएल फिलहाल हर दिन लगभग 13,000 केस का उत्पादन करता है. हर केस में एक लीटर की नौ बोतलें होती हैं. इस प्लांट की क्षमता हर दिन 15,000 केस की है. बाजार में उत्पाद की बढ़ती मांग को देखते हुए, प्लांट अपने उत्पादन का विस्तार करने की योजना बना रहा है.

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