कपासन (चित्तौड़गढ़). जिले के कपासन में प्रशासन ने ईंट-भट्टों पर कार्यरत श्रमिक परिवारों को उनके गृह निवास उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली को की गई शिकायत के संबंध में लक्ष्मी ब्रिक्स उद्योग मुंगाना पर कार्यरत श्रमिकों को घर जाने की शिकायत जांच के लिए उपखंड अधिकारी विनोद कुमार के निर्देशन में चित्तौड़गढ़ श्रम निरीक्षक हेमंत शुक्ला, तहसीलदार मोखम सिंह मय टीम मौके पर पहुंची.
जहां उत्तर प्रदेश के कार्यरत श्रमिकों को घर जाने संबंधी समस्या होने की बात बताई गई. जिसमें समस्त श्रमिकों को व्यवस्था कर गृह स्थान के लिए रवाना किया गया. जानकारी के अनुसार पता चला है कि वहां कुल 9 परिवार के लगभग 22 श्रमिक कार्यरत थे. साथ ही बच्चों सहित कुल 39 सदस्य यहां रह रहे थे. जिसमें उक्त श्रमिक किसी ठेकेदार के मार्फत कार्य कर रहे थे.
इसी प्रकार भोपालसागर उपखंड क्षेत्र के गांव जाशमा में संचालित मातेश्वरी ब्रिक्स उद्योग पर कार्यरत 5 श्रमिक परिवार के वयस्क और अवयस्क 22 लोगों को तहसीलदार अशोक कुमार सोनी ने मुक्त कराकर उनके पैतृक गांव के लिए रवाना किया है. इसमें बताया गया है कि प्रशासन को शिकायतकर्ता देवेंद्र से सूचना मिली थी कि जाशमा कस्बे में स्थित मातेश्वरी ब्रिक्स उद्योग ईंट-भट्टे पर भट्टा मालिक की ओर से कुछ श्रमिकों को बंधक बनाकर जबरन ईंट बनाने का कार्य करवाया जा रहा है.
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सूचना पर तहसीलदार सोनी ने भूपालसागर थाना पुलिस की मौजूदगी में ईंट भट्टे पर कार्रवाई की है. कार्रवाई के दौरान तहसीलदार सोनी ने सभी श्रमिकों से उक्त शिकायत की पुष्टि की है. जिस पर शिकायकर्ता मौके पर नहीं मिला वह पहले की उत्तर प्रदेश अपने गांव जा चुका था. तहसीलदार सोनी के आदेश पर भट्टा मालिक और श्रमिकों की आपसी सहमति से भट्टा मालिक ने सभी मजदूरों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान कर सभी श्रमिकों को उनके पैतृक निवास के लिए अपने खर्चे पर भेजा है.