नई दिल्ली: आयकर अधिनियम 1961 का स्थान लेने वाला इनकम टैक्स बिल 2025 गुरुवार को संसद में पेश किया जाएगा. इस बिल का मकसद आम आदमी के लिए इनकम टैक्स से जुड़े कानूनों को आसान बनाना है. नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा और यह 64 साल पुराने कानून की जगह लेगा.
बता दें कि पिछले हफ्ते कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दी थी. इसे अब संसद में पेश किया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि इससे टैक्सपेयर्स और सरकार दोनों को फायदा होगा. इससे अस्पष्ट नियमों के कारण होने वाले विवाद कम होंगे और टैक्स सिस्टम को लागू करना आसान होगा.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार आयकर अधिनियम 2025 का उद्देश्य भाषा को सरल बनाना है. बिल कोई नया टैक्स नहीं लगाता है. यह सिर्फ आयकर अधिनियम 1961 में दिए गए टैक्स-देयता प्रावधानों को एक साथ रखता है. इसमें केवल 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां शामिल हैं, जबकि पुराने कानून में 819 धाराएं थीं. इसके अलावा, शब्दों की संख्या भी 5 लाख से घटाकर 2.5 लाख कर दी गई है, जिससे अनावश्यक जटिलताएं खत्म करने में मदद मिलेगी.
टैक्स सिस्टम ट्रांसपेरेंट बनेगा
नए आयकर बिल में पुरानी और गैर जरूरी छूटों को हटाने की योजना है, जिससे टैक्स सिस्टम और पारदर्शी बने. पुराने कानून के तहत टैक्सपेयर्स को नियम समझने और उनका पालन करने में कठिनाई होती है. इससे कारोबार की कंप्लायंस कोस्ट बढ़ती है और टैक्स अधिकारियों पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है. वहीं, नया बिल इन समस्याओं को हल करने के लिए तैयार किया गया है.
ग्लोबल टैक्स सिस्टम के अनुरूप बदलाव
नए टैक्स ढांचे को दुनियाभर में सफल कर मॉडलों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जिससे भारत का टैक्स सिस्टम अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुरूप हो. इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और भारत विदेशी निवेशकों को आकर्षिच करेगा.इसके अलावा आसान और फ्री टैक्स सिस्टम से व्यापारियों को फैसले लेने में आसानी होगी.
कब से लागू होगा नया कानून
नया बिल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड स्क्रूटनी , डिजिटल फाइलिंग और अन्य वित्तीय सिस्टम को प्रोत्साहित करेगा. इससे टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा.इस अधिनियम के अधिसूचित होने के बाद नियम लागू किए जाएंगे.