चित्तौड़गढ़. शहर में स्थित महिला एवं बाल चिकित्सालय के पालना गृह में करीब 1 सप्ताह पूर्व लावारिस मिले बालक को बाल कल्याण समिति की ओर से आवासित करने की कार्रवाई शुक्रवार को की गई. इस बालक को आवासित करते हुए जिला मुख्यालय स्थित बाल गृह भेजा गया जहां अब उसकी देखरेख होगी. इसके साथ ही नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
आवासित करने की कार्रवाई को लेकर बाल कल्याण समिति की टीम भी बाल चिकित्सालय पहुंची थी. वहीं यह बालक महावीर जयंती के एक दिन पहले मिला था. ऐसे में बाल कल्याण समिति ने इस बालक का नामकरण 'जिनेन्द्र' किया है. जानकारी में सामने आया कि गत 23 अप्रैल को पालना गृह की घंटी बजी थी. नर्सिंग स्टाफ ने पालना गृह में जाकर देखा तो वहां पर एक नवजात बालक था. माता-पिता ने इसका सुरक्षित परित्याग किया था. बालक के स्वास्थ्य को लेकर उसे स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में भर्ती करवा दिया गया था.
इस मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति को भी दी गई थी. इसके बाद बाल कल्याण समिति की टीम महिला एवं बाल चिकित्सालय पहुंची थी. वहीं अब 8 दिन बाद यह बालक पूरी तरह से स्वस्थ है. ऐसे में इसे आवासित करने की कार्रवाई की गई. इस बालक को महिला एवं बाल चिकित्सालय के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट से निकालकर आवासित किया गया है. इसे फिलहाल चित्तौड़गढ़ मुख्यालय के बाल गृह में भेजा है. इस कार्रवाई के दौरान बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष रमेशचंद्र दशोरा सहित टीम चिकित्सालय पहुंची थी. यहां चिकित्सक से बालक के स्वास्थ्य की जानकारी ली है. बाद में इस बालक को चिकित्सालय प्रशासन से लिया गया और जिला मुख्यालय के बाल गृह भेजा है. इस बारे में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र दशोरा ने बताया कि यह बालक महावीर जयंती के एक दिन पहले मिला था. ऐसे में इसका नाम जिनेंद्र रखा गया है. इसे शहर के पंचवटी क्षेत्र में संचालित बाल गृह में भेज दिया गया है.
भगवती बाल गृह के तीन बालक संक्रमित
चित्तौड़गढ़ जिले के भगवती बाल गृह में रह रहे तीन बालकों की गत दिनों कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचन्द्र दशोरा ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि तीनों बच्चों के पॉजिटिव आने की सूचना पर बस्सी जाकर निरीक्षण भी किया था. इतनी सुरक्षा के निर्देश के बावजूद बच्चों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई जो गंभीर बात है. बालकों को आईसोलेट कर उपचार किया जा रहा है.