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कोरोना इफेक्ट: लगातार दूसरे साल नहीं भरेगा सांवलिया सेठ के जलझूलनी का मेला - Jaljhulani Ekadashi

कोरोना की वजह से इस बार भी सांवलिया सेठ का जलझूलनी मेला (Sanwalia Seth Jaljhulani Mela) नहीं लगेगा. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका (Corona Effect) के बीच प्रशासन की ओर से यह कदम उठाया गया है.

Corona effect on jaljhulani mela
लगातार दूसरे साल नहीं भरेगा सांवलिया सेठ के जलझूलनी का मेला
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Published : Sep 11, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 2:28 PM IST

चित्तौड़गढ़: कोरोना संक्रमण की संभावनाओं को देखते हुए सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं बड़े कार्यक्रमों पर अब भी रोक लगाई जा रही है. वहीं कोरोना की तीसरी लहर की आशंका (Amid Fear Of Third Wave Of Corona)को देखते हुए आगामी कार्यक्रमों को भी निरस्त किया गया है. इसी के चलते लगातार दूसरे वर्ष भी श्री सांवलियाजी के जलझूलनी (jaljhulani fair) एकादशी को भरने वाले मेले को भी रद्द कर दिया गया है.

धौलपुर में नहीं लगा ऋषि पंचमी पर लगने वाला देव छठ का लक्की मेला, श्रद्धालुओं में निराशा

दो दिन पहले ही प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना को लेकर नई गाइड लाइन का ऐलान किया गया है. जिसके चलते चित्तौड़गढ़ के श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल ने भी वर्तमान में कोविड-19 की संभावना को देखते हुए मेले को निरस्त रखने का निर्णय किया है.

श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार स्वामी ने आदेश जारी किया है. इसमें बताया कि प्रतिवर्ष जलझूलनी एकादशी (Jaljhulani Ekadashi) के अवसर पर भगवान श्री सांवलिया सेठ का तीन दिवसीय मेला आयोजित होता है. वहीं राजस्थान सरकार की कोविड-19 की नवीनतम गाइड लाइन की पालना में मंदिर मंडल की ओर से होने वाले मेले का आयोजन भी नहीं (Corona Effect On Jaljhulani Mela) होगा.

इसी क्रम में तेजा दशमी व जलझूलनी एकादशी (Sanwalia Seth Jaljhulani Mela) के अवसर पर यात्रियों की अत्यधिक भीड़ को ध्यान में रखते हुए 16 व 17 सितंबर को मंदिर में दर्शन व्यवस्था श्रद्धालुओं व यात्रियों के लिए पूरी तरह से बंद रहेगी. मेले के अवसर पर पूजा अर्चना परंपरागत व पूर्ववत होगी. लेकिन किसी भी प्रकार के जुलूस आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा.

गौरतलब है कि, चित्तौड़गढ़ जिले के मण्डफिया कस्बे में स्थित प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी मंदिर में हर वर्ष जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता है. इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं. लेकिन गत वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते मेले का आयोजन नहीं किया गया था.

चित्तौड़गढ़: कोरोना संक्रमण की संभावनाओं को देखते हुए सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं बड़े कार्यक्रमों पर अब भी रोक लगाई जा रही है. वहीं कोरोना की तीसरी लहर की आशंका (Amid Fear Of Third Wave Of Corona)को देखते हुए आगामी कार्यक्रमों को भी निरस्त किया गया है. इसी के चलते लगातार दूसरे वर्ष भी श्री सांवलियाजी के जलझूलनी (jaljhulani fair) एकादशी को भरने वाले मेले को भी रद्द कर दिया गया है.

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दो दिन पहले ही प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना को लेकर नई गाइड लाइन का ऐलान किया गया है. जिसके चलते चित्तौड़गढ़ के श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल ने भी वर्तमान में कोविड-19 की संभावना को देखते हुए मेले को निरस्त रखने का निर्णय किया है.

श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार स्वामी ने आदेश जारी किया है. इसमें बताया कि प्रतिवर्ष जलझूलनी एकादशी (Jaljhulani Ekadashi) के अवसर पर भगवान श्री सांवलिया सेठ का तीन दिवसीय मेला आयोजित होता है. वहीं राजस्थान सरकार की कोविड-19 की नवीनतम गाइड लाइन की पालना में मंदिर मंडल की ओर से होने वाले मेले का आयोजन भी नहीं (Corona Effect On Jaljhulani Mela) होगा.

इसी क्रम में तेजा दशमी व जलझूलनी एकादशी (Sanwalia Seth Jaljhulani Mela) के अवसर पर यात्रियों की अत्यधिक भीड़ को ध्यान में रखते हुए 16 व 17 सितंबर को मंदिर में दर्शन व्यवस्था श्रद्धालुओं व यात्रियों के लिए पूरी तरह से बंद रहेगी. मेले के अवसर पर पूजा अर्चना परंपरागत व पूर्ववत होगी. लेकिन किसी भी प्रकार के जुलूस आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा.

गौरतलब है कि, चित्तौड़गढ़ जिले के मण्डफिया कस्बे में स्थित प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी मंदिर में हर वर्ष जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता है. इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं. लेकिन गत वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते मेले का आयोजन नहीं किया गया था.

Last Updated : Sep 11, 2021, 2:28 PM IST
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