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बूंदी: श्रमिकों पर मधुमक्खियों ने किया हमला, विकलांग मेट गम्भीर रूप से जख्मी

बूंदी के केशवरायपाटन में एक गांव में मंगलवार की दोपहर में नहर पर मस्टरोल में काम करते समय मधुमक्खियों के झुंड ने श्रमिकों पर हमला कर दिया. इस दौरान सभी श्रमिकों ने मौके से भाग कर अपनी जान बचाई, लेकिन एक श्रमिक इस हमले में फंस गया और घायल हो गया. जिसे अन्य श्रमिकों ने अस्पताल पहुंचाया.

बूंदी की खबर, मधुमक्खी हमला, Honeycomb
मधुमक्खियों के डंक से घायल हुआ युवक
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Published : Mar 17, 2020, 6:34 PM IST

केशवरायपाटन (बूंदी). जिले में कापरेन क्षेत्र के चरड़ाना ग्राम पंचायत के अरड़ाना गांव में मंगलवार दोपहर को नहर पर चल रही मस्टरोल में काम करते समय मधुमक्खियों के झुंड ने श्रमिकों पर जानलेवा हमला कर दिया.

मधुमक्खियों के डंक से घायल हुआ युवक

जानकारी के अनुसार नहर पर मनरेगा का काम चल रहा था. इस दौरान नहर के किनारे लगे सफेदे के पेड़ की टहनी पर मधुमक्खी का छत्ता बना हुआ था, जो टूटकर नीचे गिर गया. छत्ता गिरते ही मधुमक्खियों ने श्रमिकों पर हमला कर दिया. जिसके बाद दौड़कर श्रमिकों ने अपनी जान बचाई, लेकिन मनरेगा मेट गोविंद मीणा आयु 35 साल विकलांग होने के कारण वहां से नहीं निकल पाया और मधुमक्खियों ने उसे अपनी चपेट में ले लिया.

पढ़ें- बूंदीः जेल में भी कोरोना का डर, पुलिस वाले कैदियों के साथ-साथ कोरोना की भी कर रहे पहरेदारी

इस दौरान हमले से बचने के लिए मीणा ने नहर में छलांग लगा दी. बाद में उसे ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया और राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय कापरेन लेकर आए. यहां चिकित्सकों ने उसे कोटा के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे कापरेन के ही निजी चिकित्सालय लेकर गए. यहां चिकित्सकों ने पीड़ित के शरीर से 1 हजार मधुमक्खियों के डंक निकाले. फिलहाल पीड़ित की हालत में सुधार है और उपचार जारी है.

केशवरायपाटन (बूंदी). जिले में कापरेन क्षेत्र के चरड़ाना ग्राम पंचायत के अरड़ाना गांव में मंगलवार दोपहर को नहर पर चल रही मस्टरोल में काम करते समय मधुमक्खियों के झुंड ने श्रमिकों पर जानलेवा हमला कर दिया.

मधुमक्खियों के डंक से घायल हुआ युवक

जानकारी के अनुसार नहर पर मनरेगा का काम चल रहा था. इस दौरान नहर के किनारे लगे सफेदे के पेड़ की टहनी पर मधुमक्खी का छत्ता बना हुआ था, जो टूटकर नीचे गिर गया. छत्ता गिरते ही मधुमक्खियों ने श्रमिकों पर हमला कर दिया. जिसके बाद दौड़कर श्रमिकों ने अपनी जान बचाई, लेकिन मनरेगा मेट गोविंद मीणा आयु 35 साल विकलांग होने के कारण वहां से नहीं निकल पाया और मधुमक्खियों ने उसे अपनी चपेट में ले लिया.

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इस दौरान हमले से बचने के लिए मीणा ने नहर में छलांग लगा दी. बाद में उसे ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया और राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय कापरेन लेकर आए. यहां चिकित्सकों ने उसे कोटा के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे कापरेन के ही निजी चिकित्सालय लेकर गए. यहां चिकित्सकों ने पीड़ित के शरीर से 1 हजार मधुमक्खियों के डंक निकाले. फिलहाल पीड़ित की हालत में सुधार है और उपचार जारी है.

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