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Special: बूंदी में हेलमेट सिस्टम बना सिर फुटव्वल, आमजन कर रहे विरोध, कलेक्टर ने कहा फिर से करेंगे विचार

सड़क हादसों में जीवन रक्षक बनने वाले हेलमेट के ही विरोध में अब बूंदी के कुछ लोग खड़े हो गए हैं. जहां देश में 4 मिनट एक शख्स की जान सड़क दुर्घटना में जाती है, वहीं इस देश में इसके विरोध में लोग अपने-अपने तर्क दे रहे हैं. आलम ये है कि बूंदी में जहां 16 सितंबर से हेलमेट सिस्टम लागू होने वाला है, लेकिन आमजन और प्रशासन में यह हेलमेट सिस्टम सिर फुटव्वल बन गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Bundi helmet system latest news,  Helmet system opposed in Bundi
बूंदी में हेलमेट सिस्टम बना सिर फुटव्वल
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Published : Sep 16, 2020, 10:14 PM IST

बूंदी. देश की सड़कों पर होने वाले हादसे कुछ नए नहीं हैं. हर मिनट पर देश में एक सड़क दुर्घटना होती है. हर चार मिनट में इसके चलते एक मौत होती है. जान गंवाने वालों में से 72 फीसदी लोग 15 से 44 साल की उम्र के होते हैं. अनुमान के मुताबिक देश में हर साल करीब 1 लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं की बलि चढ़ते हैं. ये सारे आंकड़े देश की बिगड़ती परिवहन व्यवस्था और सुरक्षा की चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं.

बूंदी में हेलमेट सिस्टम बना सिर फुटव्वल

बूंदी यातायात सलाहकार समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि 16 सितंबर से बूंदी शहर में हेलमेट प्रक्रिया लागू होगी. लेकिन आमजन और प्रशासन में यह हेलमेट सिस्टम सिर फुटव्वल बन गया है. प्रशासन के इस सिस्टम को लेकर आमजन में विरोध शुरू हो गया है और लोग खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि, बूंदी जिला कलेक्टर ने इस सिस्टम को लेकर एक बार फिर से समीक्षा करने की बात कही है.

Bundi helmet system latest news,  Helmet system opposed in Bundi
हेलमेट खरीदने के लिए लोगों की भीड़

पढ़ें- Exclusive : चोरी के वाहन बरामद कर मालिक को सौंपने की बजाए जयपुर पुलिस ने कर दिए नीलाम

बता दें कि इससे पहले भी अभिभाषक परिषद ने खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना को शहर में हेलमेट लागू नहीं करने की मांग की थी. साथ ही कुछ सामाजिक लोगों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी इस मामले में पत्र लिखा था. ऐसे में आम जनता और सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन को हेलमेट के मामले में पूरी तरह से घेर लिया है.

Bundi helmet system latest news,  Helmet system opposed in Bundi
ट्रैफिक लाइट

बूंदी की सामाजिक संस्थाओं ने बनाया छोटी काशी विकास मोर्चा

बूंदी शहर 3 किलोमीटर के एरिया में फैला है, जहां पर छोटी-छोटी गलियां और सकरी गलियां है वहां पर हेलमेट सिस्टम लागू करना एक चुनौती है. इसको लेकर बूंदी के कई राजनीतिक दल, सामाजिक संस्थाएं और आमजनों ने मिलकर इस हेलमेट सिस्टम को लगाने के लिए एक मोर्चा का गठन कर दिया, जिसको छोटी काशी विकास मोर्चा नाम दिया गया है. इस बैनर तले बूंदी जिला कलेक्टर से प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर हेलमेट सिस्टम लागू नहीं करने की मांग की है. उनका कहना है कि यदि बूंदी शहर में हेलमेट सिस्टम को बिना व्यवस्थाओं के लागू किया जाता है तो यह संगठन प्रशासन के सामने खुलकर विरोध करेगा.

Bundi helmet system latest news,  Helmet system opposed in Bundi
हेलमेट खरीदते लोग

छोटी काशी विकास मोर्चा के सदस्यों ने बताया कि शहर की भौगोलिक स्थिति ऐसी नहीं है, जहां पर हेलमेट सिस्टम लागू किया जाए. हेलमेट सिस्टम लागू करने के लिए बड़ी सड़क होना जरूरी है और उसका मापदंड होना जरूरी है. उनका कहना है कि लेकिन बूंदी प्रशासन ने बिना व्यवस्था की जांच किए ही हेलमेट सिस्टम को लागू करने की बात कह रही है.

पढ़ें- Special: मस्जिद और मंदिर खुल गए लेकिन नहीं शुरू हुई व्यापारियों की बरकत

इसकी जगह विकास मोर्चा ने प्रशासन को सुझाव दिया है कि वह बूंदी शहर में हेलमेट सिस्टम को लागू नहीं कर शहर के आसपास इलाके में निकल रहे हाईवे पर यह प्रणाली लागू करें, ताकि वहां आए दिन हो रहे हादसों से लोगों को निजात मिल सके. विकास समिति के लोगों का कहना है कि शहर में अब तक दर्जनों बार हेलमेट प्रक्रिया लागू किए जाने की आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन वह ठंडे बस्ते में गए हैं.

शहर में एकमात्र ट्रैफिक लाइट, जगह-जगह पर खराब सड़कें

बूंदी शहर में एकमात्र कोटा रोड पर ट्रैफिक लाइट है और वह भी काफी लंबे समय बाद शुरू हुई है. लोग कभी-कभी इस ट्रैफिक लाइट का प्रयोग करते हैं. पूरे शहर में अधिकतर जगहों पर सीवरेज लाइन के कारण बड़े-बड़े गड्ढे भी हो रहे हैं, जो आए दिन हादसों का न्योता देते हैं.

शहर के देवपुरा से कोटा रोड तक बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जहां पर आए दिन लोग गिरते रहते हैं. इसी तरह शहर के मीरा गेट रोड होते हुए जैतसागर और दलेलपुरा की सड़क पूरी तरह से जर्जर है. साथ ही शहर के सदर बाजार और नागदी बाजार में भी इसी तरह हालात हो रही है. यहां के रास्ते और गलियां सकड़ी होने के बाद भी प्रशासन की ओर से हेलमेट सिस्टम लागू किया गया है.

शहर में हेलमेट लागू करने के आदेश जारी होने के बाद हेलमेट की बढ़ी बिक्री

बूंदी शहर में जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता की ओर से हेलमेट सिस्टम का आदेश लागू करने के साथ ही हेलमेट की बिक्री बढ़ गई है. पहले हेलमेट बेचने वाले दुकानदारों के पास इक्का-दुक्का लोग आया करते थे, लेकिन वर्तमान में सड़कों पर ठेलों की फेरी लगाकर हेलमेट बेचने वालों के यहां पर रोज 10 से 15 ग्राहक हेलमेट लेने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि, आदेश के बाद से शहर के अधिकतर लोग हेलमेट को लगाकर भी निकल रहे हैं और पूरी पालना कर रहे हैं.

बूंदी. देश की सड़कों पर होने वाले हादसे कुछ नए नहीं हैं. हर मिनट पर देश में एक सड़क दुर्घटना होती है. हर चार मिनट में इसके चलते एक मौत होती है. जान गंवाने वालों में से 72 फीसदी लोग 15 से 44 साल की उम्र के होते हैं. अनुमान के मुताबिक देश में हर साल करीब 1 लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं की बलि चढ़ते हैं. ये सारे आंकड़े देश की बिगड़ती परिवहन व्यवस्था और सुरक्षा की चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं.

बूंदी में हेलमेट सिस्टम बना सिर फुटव्वल

बूंदी यातायात सलाहकार समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि 16 सितंबर से बूंदी शहर में हेलमेट प्रक्रिया लागू होगी. लेकिन आमजन और प्रशासन में यह हेलमेट सिस्टम सिर फुटव्वल बन गया है. प्रशासन के इस सिस्टम को लेकर आमजन में विरोध शुरू हो गया है और लोग खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि, बूंदी जिला कलेक्टर ने इस सिस्टम को लेकर एक बार फिर से समीक्षा करने की बात कही है.

Bundi helmet system latest news,  Helmet system opposed in Bundi
हेलमेट खरीदने के लिए लोगों की भीड़

पढ़ें- Exclusive : चोरी के वाहन बरामद कर मालिक को सौंपने की बजाए जयपुर पुलिस ने कर दिए नीलाम

बता दें कि इससे पहले भी अभिभाषक परिषद ने खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना को शहर में हेलमेट लागू नहीं करने की मांग की थी. साथ ही कुछ सामाजिक लोगों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी इस मामले में पत्र लिखा था. ऐसे में आम जनता और सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन को हेलमेट के मामले में पूरी तरह से घेर लिया है.

Bundi helmet system latest news,  Helmet system opposed in Bundi
ट्रैफिक लाइट

बूंदी की सामाजिक संस्थाओं ने बनाया छोटी काशी विकास मोर्चा

बूंदी शहर 3 किलोमीटर के एरिया में फैला है, जहां पर छोटी-छोटी गलियां और सकरी गलियां है वहां पर हेलमेट सिस्टम लागू करना एक चुनौती है. इसको लेकर बूंदी के कई राजनीतिक दल, सामाजिक संस्थाएं और आमजनों ने मिलकर इस हेलमेट सिस्टम को लगाने के लिए एक मोर्चा का गठन कर दिया, जिसको छोटी काशी विकास मोर्चा नाम दिया गया है. इस बैनर तले बूंदी जिला कलेक्टर से प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर हेलमेट सिस्टम लागू नहीं करने की मांग की है. उनका कहना है कि यदि बूंदी शहर में हेलमेट सिस्टम को बिना व्यवस्थाओं के लागू किया जाता है तो यह संगठन प्रशासन के सामने खुलकर विरोध करेगा.

Bundi helmet system latest news,  Helmet system opposed in Bundi
हेलमेट खरीदते लोग

छोटी काशी विकास मोर्चा के सदस्यों ने बताया कि शहर की भौगोलिक स्थिति ऐसी नहीं है, जहां पर हेलमेट सिस्टम लागू किया जाए. हेलमेट सिस्टम लागू करने के लिए बड़ी सड़क होना जरूरी है और उसका मापदंड होना जरूरी है. उनका कहना है कि लेकिन बूंदी प्रशासन ने बिना व्यवस्था की जांच किए ही हेलमेट सिस्टम को लागू करने की बात कह रही है.

पढ़ें- Special: मस्जिद और मंदिर खुल गए लेकिन नहीं शुरू हुई व्यापारियों की बरकत

इसकी जगह विकास मोर्चा ने प्रशासन को सुझाव दिया है कि वह बूंदी शहर में हेलमेट सिस्टम को लागू नहीं कर शहर के आसपास इलाके में निकल रहे हाईवे पर यह प्रणाली लागू करें, ताकि वहां आए दिन हो रहे हादसों से लोगों को निजात मिल सके. विकास समिति के लोगों का कहना है कि शहर में अब तक दर्जनों बार हेलमेट प्रक्रिया लागू किए जाने की आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन वह ठंडे बस्ते में गए हैं.

शहर में एकमात्र ट्रैफिक लाइट, जगह-जगह पर खराब सड़कें

बूंदी शहर में एकमात्र कोटा रोड पर ट्रैफिक लाइट है और वह भी काफी लंबे समय बाद शुरू हुई है. लोग कभी-कभी इस ट्रैफिक लाइट का प्रयोग करते हैं. पूरे शहर में अधिकतर जगहों पर सीवरेज लाइन के कारण बड़े-बड़े गड्ढे भी हो रहे हैं, जो आए दिन हादसों का न्योता देते हैं.

शहर के देवपुरा से कोटा रोड तक बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जहां पर आए दिन लोग गिरते रहते हैं. इसी तरह शहर के मीरा गेट रोड होते हुए जैतसागर और दलेलपुरा की सड़क पूरी तरह से जर्जर है. साथ ही शहर के सदर बाजार और नागदी बाजार में भी इसी तरह हालात हो रही है. यहां के रास्ते और गलियां सकड़ी होने के बाद भी प्रशासन की ओर से हेलमेट सिस्टम लागू किया गया है.

शहर में हेलमेट लागू करने के आदेश जारी होने के बाद हेलमेट की बढ़ी बिक्री

बूंदी शहर में जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता की ओर से हेलमेट सिस्टम का आदेश लागू करने के साथ ही हेलमेट की बिक्री बढ़ गई है. पहले हेलमेट बेचने वाले दुकानदारों के पास इक्का-दुक्का लोग आया करते थे, लेकिन वर्तमान में सड़कों पर ठेलों की फेरी लगाकर हेलमेट बेचने वालों के यहां पर रोज 10 से 15 ग्राहक हेलमेट लेने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि, आदेश के बाद से शहर के अधिकतर लोग हेलमेट को लगाकर भी निकल रहे हैं और पूरी पालना कर रहे हैं.

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