केशवरायपाटन (बूंदी). कस्बे में गौरव पथ शिव वाटिका के सामने नगर पालिका के द्वारा जेसीबी की सहायता से नगर पालिका की खाली भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटा दिया गया है. नगर पालिका की भूमि पर संबंधित लोगों द्वारा आवंटित जमीन से अधिक जमीन पर कब्जा कर लोहे की गुमटी रख अस्थाई निर्माण कार्य कर लिया था. नगर पालिका के पार्षदों एवं उपाध्यक्ष सहित अन्य लोगों ने इस मामले में नगर पालिका प्रशासन को ज्ञापन दिया था. ज्ञापन के तथ्यात्मक सच्चाई को जानने के बाद नगर पालिका प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण विरोधी दस्ते के साथ जेसीबी की सहायता से अतिक्रमण हटा दिया है.
इस दौरान अतिक्रमण करने वाली महिला तथा अन्य परिजनों ने भी अतिक्रमण हटाने का विरोध किया, लेकिन महिला पुलिस की टीम ने परिजनों से समझाईश कर मामला शांत करवाया. केशवरायपाटन शहर के मुख्य मार्ग पर सीएडी कार्यालय के सामने विवाद का कारण बनी नगरपालिका की खांचा भूमि में दुकान लगाने की स्वीकृति देना नगर पालिका के ईओ को भारी पड़ गया. इसमें उन्हें पार्षदों की ओर से फजीहत का सामना करना पड़ा. फर्जी दस्तावेज के आधार पर पार्षदों में स्वीकृति देने का मसला गर्मा रहा था. इसमें दुकानदार की बेवा धापूबाई सोनी ने ईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके बाद से पार्षद दबाव बनाए हुए थे. इसके चलते पालिका प्रशासन ने दुकान को अतिक्रमण मानते हुए पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया.
यह भी पढ़ें- दूध के टैंकर में लेकर जा रहे थे 50 लाख की अवैध शराब, पुलिस ने की जब्त
ईओ मनोज मालव ने नाथीबाई सोनी को वार्ड 22 के मुख्य मार्ग पर खांचा भूमि में दुकान के लिए बकाया राशि जमा करवाने पर अस्थाई दुकान की स्वीकृति जारी कर दी थी. इस भूमि पर नाथीबाई के ससुर मोहनलाल सोनी दुकान लगाते थे. उनकी बेवा धापूबाई ने ईओ और अपनी पुत्रवधु पर फर्जी दस्तावेज के जरिए दुकान को नाम करने का आरोप लगाकर दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसी मामले को लेकर वाइस चेयरमैन राजविंता गोचर सहित भाजपा और कांग्रेस के 17 पार्षदों ने ईओ पर कथित मिलीभगत के आरोप को मुद्दा बना लिया था और दुकान की स्वीकृति निरस्त करने और भूमि पर रखी लोहे की अस्थाई गुमटी को हटाने की मांग की थी.