बूंदी. गांधी-नेहरू परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के चार साल पुराने मामले में सोमवार को फिल्म अभिनेत्री और बिग बॉस फेम पायल रोहतगी न्यायालय में पेश हुई. वह बीते लंबे समय से अपनी पेशियों को टाल रही थीं. अभिनेत्री अपने पति संग्राम सिंह के साथ बूंदी पहुंचीं. पायल रोहतगी ने बीते साल 11 जुलाई को होने वाली पेशी को विवाह का हवाला देकर टाल दिया था. इसके साथ ही इस साल 22 मार्च को भी उनकी पेशी थी. जिसमें वे गैर हाजिर रही थी और हाजिरी माफी के दौरान न्यायाधीश ने तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें अगली पेशी 24 अप्रैल को उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया था. इसी के चलते आज पायल रोहतगी न्यायालय में पेश हुई है.
समर वेकेशन का हवाला देकर लंबी डेट के लिए किया आग्रह : पायल रोहतगी का कहना हैं कि उनके पास आज पेशी के दौरान एडवोकेट नहीं था. उनके पास कोई एडवोकेट वर्तमान में नहीं है, पुराने एडवोकेट से पहले ही एनओसी ले ली थी. ऐसे में उन्होंने खुद ही उपस्थित होना जरूरी समझा. रोहतगी का कहना हैं कि उन्होंने न्यायाधीश से गर्मी की छुट्टियों के चलते लंबी तारीख देने के लिए आग्रह किया है. साथ ही यह भी कहना है कि आज ही राजस्थान हाईकोर्ट में उनके मामले की सुनवाई भी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब उनकी अग्रिम पेशी 10 जुलाई को है. न्यायालय में चल रहे गांधी नेहरू परिवार की टिप्पणी के मामले में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इस समय में इस पर कुछ भी जवाब नहीं देगी.
वीडियो जारी कर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी : बूंदी के देवपुरा थाने में कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने चार साल पहले फिल्म अदाकारा पायल रोहतगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. बॉलीवुड अदाकारा और बिग बॉस फेम पायल रोहतगी ने 21 सितंबर 2019 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें गांधी-नेहरू परिवार के बारे में आपत्तिजनक बातें कही गईं थीं. कांग्रेस नेता शर्मा की शिकायत पर 10 अक्टूबर 2019 को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था.
एक दिन बिताई थी बूंदी जेल में : इस मामले में 15 दिसंबर 2019 को पायल रोहतगी को गुजरात से गिरफ्तार भी किया गया था. इसके बाद 16 दिसंबर को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 24 दिसंबर 2019 तक न्यायालय ने जेल भेज दिया था. पायल रोहतगी ने न्यायिक अभिरक्षा के आदेश पर जमानत अर्जी डीजे कोर्ट में दाखिल की थी, जिस पर न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी. ऐसे में 17 दिसंबर को उन्हें जेल से रिहा किया गया था. हालांकि 16 दिसंबर को एक दिन वह बूंदी जेल में ही रही थीं.