बीकानेर. हिन्दू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि का महत्व में बतलाया गया है. साल में आने वाली 24 एकादशी का अलग-अलग महत्व है और चैत्र शुक्ल एकादशी यानी कि रामनवमी के बाद में आने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है.
कार्य सिद्ध और कामना पूर्ति : कामदा एकादशी का अभिप्राय कार्य की सिद्धि की प्राप्ति और कामना की पूर्ति से है. माना जाता है कि इस दिन एकाग्र चित्त होकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और भक्ति भाव से एकादशी तिथि के व्रत का फल मिलता है. किसी भी प्रकार की मनवांछित कामना के लिए कामदा एकादशी का महत्व बताया गया है.
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भगवान विष्णु की पूजा अर्चना : कामदा एकादशी के दिन शुभ है भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए और भगवान को पीले वस्त्र , नैवैद्य और पीले फूल पूजा में अर्पित करने चाहिए. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक करना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा अर्चना में विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए. बहू हो तो इस दिन श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा अर्चना में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करने से फल मिलता है.
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शनिवार का संयोग : शनिवार को एकादशी तिथि का संयोग विशेष माना जाता है और इस दिन शनि एकादशी होने पर शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना अभिषेक करना चाहिए इससे बीमारियों से छुटकारा मिलता है और किसी भी ग्रह के दोष से मुक्ति मिलती है.