भीलवाड़ा. जिले की कोर्ट परिसर में सोमवार को उस समय अचानक हड़कंप मच गया. जब एक अधेड़ ने मजिस्ट्रेट को सुसाइड नोट थमाया और उसके बाद कुछ ही देर में वह अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ा.
आनन-फानन में कोर्ट परिसर में मौजूद सुरक्षा प्रहरियों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां उसने मीडिया से बातचीत करते हुए पुलिस और 5 से अधिक ज्वेलर्स व्यापारियों पर परेशान करने और पुलिस द्वारा उसके पुत्र को जबरन गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है.
जानिए पूरा मामला?
मुलतया शाहपुरा निवासी राजेश सोनी सोमवार दोपहर महिला उत्पीड़न कोट भीलवाड़ा पहुंचा. जहां उसने मजिस्ट्रेट हिमांगी गोल्ड के समक्ष सुसाइड नोट रख दिया और वहीं पर अचेत हो गया. आशंका जताई जा रही है कि कोर्ट के बाहर उसने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया. बाद में उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया.
अस्पताल में भर्ती सोनी ने कहा कि वह 11 अप्रैल को जयपुर से विकास ज्वेलर्स से 18 लाख रुपए का सोना खरीदा था. उसके बदले सोनी ने विकास को 12 अप्रैल के दिन चेक काटकर दे दिया. लेकिन सोनी के अकाउंट में उस समय पूरे रुपए चुकता करने भर के पैसे न होने के कारण उसने एक-दो दिन रुकने के लिए कहा. ऐसे में जब जयपुर वाली पार्टी ने रुकने के लिए मना कर दिया तो उसने उनका माल लौटने के लिए शाहपुरा बुलाया और 325 ग्राम सोना लौटाते हुए शेष पेमेंट 2 दिन के भीतर देने का वादा किया. इसके बाद भी जयपुर वाली पार्टी ने शाहपुरा पुलिस को रुपए देकर पीड़ित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई दी और बाद में पुलिस ने पीड़ित सोनी के पुत्र और उसकी गाड़ी को जब्त कर लिया. साथ ही सोनी पर दबाव बनाया जा रहा था कि वह उनको रुपए दे दे.
यही नहीं जयपुर वाली पार्टी की ओर से सोनी के घर पर रोजाना कुछ व्यक्ति भेजे जा रहे थे, जो सोनी को और उसकी पत्नी को धमकी देकर पैसे लौटाने के लिए कह रहे थे. इसके कारण सोमवार को उसने कोर्ट परिसर में पहुंचकर जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया. पीड़ित सोनी ने कहा कि उसके बेटे को छोड़ दिया जाए और उसे परेशान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.