भीलवाड़ा. एक तरफ जहां पूरी दुनिया में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. वहीं भीलवाड़ा के डक्टरों ने वो कमाल कर दिखाया है, जिसका तोड़ आज हर कोई ढूंढ रहा है. इन डॉक्टरों ने कोरोना की चेन को तोड़ने में सफलता हासिल कर ली है.
26 में से 17 की रिपोर्ट नेगेटिव
एक समय था जब जिले में 26 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. अब इनमें से 17 की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. उनमें से 17 में से 9 लोगों की 3 चरणों की जांच रिपोर्ट भी नेगेटिव पाई गई है. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद शनिवार को महात्मा गांधी अस्पताल से सभी 9 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया. इन सभी को पूरे 14 दिनों तक घर में ही रहने को कहा गया है. जिला कलेक्टर ने इन्हें गुलाब का फूल देकर बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए विदा किया.
इस दौरान संक्रमण मुक्त इन लोगों ने मीडिया से बातचीत की और कोरोना के खिलाफ जंग के अनुभव साझा किए. ठीक हुए मरीजों ने बताया कि अब वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं, लेकिन अभी डॉक्टरों के परामर्श और सलाह के अनुसार ही वे अपनी दिनचर्या रखेंगे.
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परिवार से मिलने की है खुशी
उपचार के बाद स्वस्थ हुए एक रोगी ने बताया कि उन्हें आइसोलेशन वार्ड से स्वस्थ होकर लौटने की खुशी है. हम बहुत दिनों बाद अपने परिवारवालों से मिल पाएंगे. मरीज बताते हैं कि महात्मा गांधी अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकाल के अनुसार उन्हें उपचार दिया गया. डॉक्टरों की अथक मेहनत से वह इस महामारी से उबर कर घर लौटे हैं. एक महिला ने कहा कि कोरोना की जंग उन्होंने डॉक्टरों के साथ मिलकर जीत ली है. इसके लिए वे सभी डॉक्टरों को दिल से शुक्रिया कहना चाहती हैं. मुझे घर जाने की बेहद खुशी है.
मरीज ने कहा- लॉकडाउन के नियमों का करें पालन
कोरोना को हराकर वापस घर लौटे एक मरीज ने लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि सभी लोग लॉकडाउन और कर्फ्यू के नियमों का पूरी तरह से पालन करें, ताकि हमारे देश के कोरोनावीरों को बेफिजूल की मशक्कत न करनी पड़े.
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धरती के भगवान को शुक्रिया
जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कोरोना से लड़ने में जुटे हुए चिकित्सा विभाग के सभी डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कार्मिकों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मानवता को बचाने की इस लड़ाई में दिन-रात लगकर चिकित्सकों ने फिर से सिद्ध कर दिया है कि धरती पर उन्हें भगवान यूं ही नहीं कहा जाता.
उन्होंने चिकित्सकों की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि भीलवाड़ा कोरोना वायरस की चेन ब्रेक करने की दिशा में देशभर में एक मिसाल बना है. उन्होंने स्वयं तालियां बजाकर पूरी टीम का उत्साहवर्द्धन किया और टीम लीडर पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ और मेडिकल कालेज प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा को बधाई दी.
ऐसे किया नियंत्रण
कलेक्टर ने बताया कि भीलवाड़ा ने पूरे विश्व के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है. यहां के चिकित्सा विभाग की टीम ने भीलवाड़ा में कोरोना के पहले रोगी का पता लगते ही गंभीरता से लिया और सभी आवश्यक चिकित्सा प्रबंधन किए और स्थिति को नियंत्राण में रखा. यहां तक की 10 दिन का 'महा कर्फ्यू' भी लगा दिया गया. जिससे हमें बीमारी को नियंत्रित करने में मदद मिली.
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14 दिन रहेंगे होम क्वॉरेंटाइन
भीलवाड़ा जिला कलेक्टर ने सभी को गुलाब का फूल भेंट कर अपने-अपने घर के लिए रवाना किया. उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे सोशल डिस्टेंस बनाए रखें और स्वच्छता की आदतें अपनाएं. इसके साथ ही अपने और अपने परिवार को कोरोना से बचाने के सभी यथासंभव उपाय करें. प्रशासन द्वारा लागू निषेधाज्ञा का पालन करते हुए अपने घरों में ही रहें. डिस्चार्ज किए गए सभी लोगों को 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन में रहने की हिदायत देते हुए उनके हाथों पर मोहर लगाई गई.