भीलवाड़ा. बढ़ती गर्मी के साथ ही कोरोना के प्रभाव कम होने के भ्रम को लेकर ईटीवी भारत की टीम इसके भ्रम को दूर करने के लिए भीलवाड़ा की राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने बताया कि कोरोना पर सर्दी-गर्मी के प्रभाव का कोई फर्क नहीं पड़ता है. यह पहली बार विश्व के अंदर महामारी आई है. इस पर वर्तमान में स्टडी चल रही है.
देश में जब फरवरी मार्च माह में कोरोना संक्रमण के मरीज पाए गए थे, तो उस समय देशवासियों को भ्रम था कि बढ़ती गर्मी के साथ ही कोरोना सक्रमण की गति में कमी आएगी, लेकिन इस जून माह में भी कोरोना पोजिटिव मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है.
लोगों के भ्रम दूर करने के लिए ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा की राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी विश्व में पहली बार आई है. जब शुरू में फरवरी मार्च माह में पहले केस आने लगे तब लोगों का मनना था कि जब गर्मी बढ़ेगी तब इसके वायरस का प्रकोप कम हो जाएगा. ऐसा कुछ नहीं हुआ. आज की तारीख में भी उसी स्पीड से मरीज आ रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि ऐसा लगता कि कोरोना के ऊपर गर्मी-सर्दी का प्रभाव नहीं है. वर्षा ऋतु के बारे में सवाल पर डॉक्टर नंदा ने कहा कि वर्षा ऋतु के बारे में कुछ भी नहीं कह सकते हैं. आगे आने वाले वक्त में इस पर स्टडी चल रही है. वर्तमान समय में जो कोरोना के केस आ रहे हैं उसमें बहुत सारे केस ऐसे हैं उनमें कोई लक्षण नहीं पाए जाते हैं. फिर भी कोरोना पोजिटिव आ रहे हैं. ये मरीज सोसाइटी के लिए ज्यादा खतरनाक है.