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Junaid Nasir Murder Case : नासिर-जुनैद के परिजनों की मांग, मोनू मानेसर व अन्य आरोपियों को दी जाए फांसी

Junaid Nasir Murder Case में पुलिस ने आरोपी मोनू मानेसर को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 15 दिनों की जेल हिरासत में भेज दिया गया. वहीं, मामले में अब परिजनों ने मोनू मानेसर समेत अन्य सभी आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है.

Junaid Nasir Murder Case
Junaid Nasir Murder Case
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 15, 2023, 3:39 PM IST

परिजनों ने की फांसी की सजा की मांग

भरतपुर. नासिर-जुनैद हत्याकांड मामले में परिजनों का बयान सामने आया है. गिरफ्तार किए गए मोनू मानेसर को नासिर-जुनैद की पत्नियों ने फांसी देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को फांसी होनी चाहिए. उधर, गुरुवार को मोनू मानेसर को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल में भेज दिया है. उसे सेवर जेल शिफ्ट किया गया है.

गोपालगढ़ थाना क्षेत्र के घाटमीका निवासी जुनैद की पत्नी साजिदा ने कहा कि राजस्थान सरकार और राजस्थान पुलिस का पूरा सहयोग मिल रहा है. मुख्य आरोपी मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर राजस्थान पुलिस भरतपुर लाई है. ऐसे में हमारी मांग है कि मोनू मानेसर और हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों को फांसी दी जाए.

इसे भी पढ़ें - Nasir Junaid Murder Case: मोनू मानेसर की गिरफ्तारी पर बोली नासिर की पत्नी, गुनहगारों के साथ भी हो वैसा ही सलूक

वहीं, नासिर की पत्नी वरफिरना ने कहा कि आरोपियों ने उनके पति को जिंदा जला दिया था. ऐसे आरोपियों के खिलाफ राजस्थान सरकार को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सजा देनी चाहिए. मोनू मानेसर और हत्या में शामिल अन्य आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. जुनैद की पत्नी का कहना है कि राजस्थान सरकार की तरफ से मुआवजे की जो घोषणा की गई थी, वह बच्चों के खाते में डाल दिया गया है, लेकिन वह पैसा जब बच्चे 18 साल के हो जाएंगे तब निकाला जा सकेगा. इसके इतर उन्हें फिलहाल तक सरकार से अन्य कोई मदद नहीं मिली है. घर में कोई कमाने वाला नहीं है और ऐसे में परिवार को पालना उनके लिए कठिन हो रहा है.

इसे भी पढ़ें - Nasir Junaid murder case : मुख्य आरोपी मोनू मानेसर को न्यायालय ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

ये था घटनाक्रम - गौरतलब है कि 13 फरवरी की रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर और जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर-नूंह सीमा पर नाकाबंदी की थी, लेकिन उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ और गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अल सुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. ऐसे में तीनों टीमें एकजुट हो गईं. इन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में उनसे मारपीट की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की. इस बीच आरोपियों ने नासिर और जुनैद की लाठी, सरिया से पिटाई भी की, जिसमें वो गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.

उसके बाद सभी आरोपी, नासिर और जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे, लेकिन दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया था. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया तो आरोपी उन्हें भिवानी लेकर आए, जहां पहले नासिर की हत्या की गई. जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया. हत्याकांड मामले में अब तक पुलिस मोनू मानेसर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

परिजनों ने की फांसी की सजा की मांग

भरतपुर. नासिर-जुनैद हत्याकांड मामले में परिजनों का बयान सामने आया है. गिरफ्तार किए गए मोनू मानेसर को नासिर-जुनैद की पत्नियों ने फांसी देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को फांसी होनी चाहिए. उधर, गुरुवार को मोनू मानेसर को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल में भेज दिया है. उसे सेवर जेल शिफ्ट किया गया है.

गोपालगढ़ थाना क्षेत्र के घाटमीका निवासी जुनैद की पत्नी साजिदा ने कहा कि राजस्थान सरकार और राजस्थान पुलिस का पूरा सहयोग मिल रहा है. मुख्य आरोपी मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर राजस्थान पुलिस भरतपुर लाई है. ऐसे में हमारी मांग है कि मोनू मानेसर और हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों को फांसी दी जाए.

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वहीं, नासिर की पत्नी वरफिरना ने कहा कि आरोपियों ने उनके पति को जिंदा जला दिया था. ऐसे आरोपियों के खिलाफ राजस्थान सरकार को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सजा देनी चाहिए. मोनू मानेसर और हत्या में शामिल अन्य आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. जुनैद की पत्नी का कहना है कि राजस्थान सरकार की तरफ से मुआवजे की जो घोषणा की गई थी, वह बच्चों के खाते में डाल दिया गया है, लेकिन वह पैसा जब बच्चे 18 साल के हो जाएंगे तब निकाला जा सकेगा. इसके इतर उन्हें फिलहाल तक सरकार से अन्य कोई मदद नहीं मिली है. घर में कोई कमाने वाला नहीं है और ऐसे में परिवार को पालना उनके लिए कठिन हो रहा है.

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ये था घटनाक्रम - गौरतलब है कि 13 फरवरी की रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर और जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर-नूंह सीमा पर नाकाबंदी की थी, लेकिन उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ और गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अल सुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. ऐसे में तीनों टीमें एकजुट हो गईं. इन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में उनसे मारपीट की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की. इस बीच आरोपियों ने नासिर और जुनैद की लाठी, सरिया से पिटाई भी की, जिसमें वो गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.

उसके बाद सभी आरोपी, नासिर और जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे, लेकिन दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया था. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया तो आरोपी उन्हें भिवानी लेकर आए, जहां पहले नासिर की हत्या की गई. जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया. हत्याकांड मामले में अब तक पुलिस मोनू मानेसर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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