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करोड़ों की ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा, चार शातिर गिरफ्तार

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Published : Dec 16, 2019, 8:41 PM IST

करोड़ों की ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को उच्चैन थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस गिरोह के आरोपियों ने अन्य लोगों से अब तक करीब चार करोड़ रुपए की ठगी की है.

भरतपुर की खबर, SP Hyder Ali Zaidi चार आरोपी गिरफ्तार
ऑनलाइन ठगी से करीब 4 करोड़ की ठगी

भरतपुर. ऑनलाइन तरीके से लोगों को सस्ते वाहन, जैविक खाद की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की वारदात करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को उच्चैन थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें दो आरोपियों को पुलिस ने अलवर जिले में उनके घरों पर दबिश देकर पकड़ा है जबकि दो अन्य को सोमवार को शहर के सेवर चौराहे से धर दबोचा.

जांच में सामने आया है कि ये ऑनलाइन ठगी वाला बड़ा रैकेट है. गिरोह के सदस्य कई लोगों को शिकार बना चुके हैं. इनके बैंक स्टेटमेंट की जांच करने पर करीब 4 करोड़ रुपए की ठगी करने का अभी तक खुलासा हुआ है. पुलिस को पूछताछ में ठगी की कई वारदातें खुलने की संभावना है.

ऑनलाइन ठगी से करीब 4 करोड़ की ठगी

पढ़ेंः शाहपुरा पुलिस ने बाइक चोरी मामले में 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार

उच्चैन थाना प्रभारी रामचंद्र मीणा ने बताया कि कुम्हेर के गांव महरावर निवासी राहुल कुमार गोयल ने पिछले 19 अक्टूबर को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें बताया कि पिछले 24 सितम्बर को एक वेबसाइट पर कार विज्ञापन देख उसने कथित मालिक अजयराज सिंह शेखावत निवासी जगदम्बा कॉलोनी वैशालीनगर जयपुर के मोबाइल पर बात कर खरीद के लिए 1.50 लाख रुपए में सौदा तय किया.

इसके बाद सम्बन्धित व्यक्ति ने अपना नाम योगेश सैनी बताते हुए आधार, आर्मी कार्ड और पैन कार्ड आदि के कागजात उसे भेजे और उसे एक अकाउंट नम्बर में 52 सौ रुपए जमा करने के लिए कहा. जिस पर दूसरे दिन ऑनलाइन भुगतान कर दिया. दूसरे दिन सुबह संजय नामक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि उनकी कार अलवर आ गई और उन्हें आधी रकम जमा करानी होगी.

पढ़ेंः नागौर: नरेंद्र हत्याकांड में कोतवाली पुलिस ने 2 और बदमाशों को किया गिरफ्तार

जिस पर खाते में उसने एक बार 37 हजार 500 रुपए और दूसरी बार में भी 37 हजार 500 रुपए पिछले 27 सितम्बर को जमा कर दिए. इसके बाद फोन आया कि बकाया पूरी राशि जमा कराने पर ही कार ही डिलेवरी होगी. जिस पर उसने गाड़ी अपने नाम करवाने पर राशि देने की बात कही. लेकिन, उसके बाद से संबंधित ने नम्बर बंद कर लिए. जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों को दी और रिपोर्ट दर्ज कराई.

एसपी हैदर अली जैदी ने प्रकरण की जांच के लिए एएसपी (एडीएफ) सुरेश खींची के निर्देशन में उच्चैन थाना प्रभारी रामचंद्र मीणा के नेतृत्व में टीम गठित की. टीम ने जांच शुरू की, जिस पर अंरराज्यीय गिरोह के ठगी की वारदातों को अंजाम देने की बात सामने आई. आरोपियों की तलाश में टीम ने अलवर, आमला और एमपी के बैतूल में जांच की. जांच में गिरोह के कुछ साथियों के अलवर में छिपे होने की सूचना मिली. जिस पर अलवर पुलिस की मदद से उद्योगनगर थाना क्षेत्र के गांव केसरोली में 15 दिसम्बर की सुबह दबिश दी.

पढ़ें- कामां पंचायत समिति कार्यालय में बंदरों का आतंक

दबिश के दौरान सेहरून मेव और फिरोज मेव केसरोली को पुलिस ने दबोच लिया. जिनसे पूछताछ के बाद गिरोह के दो अन्य साथी दलखान मेव निवासी भट्टपुरा थाना नगर भरतपुर और तैयब मेव निवासी ठेंगो का बास सोडोली थाना उद्योगनगर अलवर को सोमवार को सेवर चौराहे से पकड़ लिया. इनके कब्जे से एक कार भी बरामद की है. इनके बैंक खातों की जांच की गई तो उसमें करीब 4 करोड़ रुपए की जानकारी मिली.

भरतपुर. ऑनलाइन तरीके से लोगों को सस्ते वाहन, जैविक खाद की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की वारदात करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को उच्चैन थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें दो आरोपियों को पुलिस ने अलवर जिले में उनके घरों पर दबिश देकर पकड़ा है जबकि दो अन्य को सोमवार को शहर के सेवर चौराहे से धर दबोचा.

जांच में सामने आया है कि ये ऑनलाइन ठगी वाला बड़ा रैकेट है. गिरोह के सदस्य कई लोगों को शिकार बना चुके हैं. इनके बैंक स्टेटमेंट की जांच करने पर करीब 4 करोड़ रुपए की ठगी करने का अभी तक खुलासा हुआ है. पुलिस को पूछताछ में ठगी की कई वारदातें खुलने की संभावना है.

ऑनलाइन ठगी से करीब 4 करोड़ की ठगी

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उच्चैन थाना प्रभारी रामचंद्र मीणा ने बताया कि कुम्हेर के गांव महरावर निवासी राहुल कुमार गोयल ने पिछले 19 अक्टूबर को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें बताया कि पिछले 24 सितम्बर को एक वेबसाइट पर कार विज्ञापन देख उसने कथित मालिक अजयराज सिंह शेखावत निवासी जगदम्बा कॉलोनी वैशालीनगर जयपुर के मोबाइल पर बात कर खरीद के लिए 1.50 लाख रुपए में सौदा तय किया.

इसके बाद सम्बन्धित व्यक्ति ने अपना नाम योगेश सैनी बताते हुए आधार, आर्मी कार्ड और पैन कार्ड आदि के कागजात उसे भेजे और उसे एक अकाउंट नम्बर में 52 सौ रुपए जमा करने के लिए कहा. जिस पर दूसरे दिन ऑनलाइन भुगतान कर दिया. दूसरे दिन सुबह संजय नामक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि उनकी कार अलवर आ गई और उन्हें आधी रकम जमा करानी होगी.

पढ़ेंः नागौर: नरेंद्र हत्याकांड में कोतवाली पुलिस ने 2 और बदमाशों को किया गिरफ्तार

जिस पर खाते में उसने एक बार 37 हजार 500 रुपए और दूसरी बार में भी 37 हजार 500 रुपए पिछले 27 सितम्बर को जमा कर दिए. इसके बाद फोन आया कि बकाया पूरी राशि जमा कराने पर ही कार ही डिलेवरी होगी. जिस पर उसने गाड़ी अपने नाम करवाने पर राशि देने की बात कही. लेकिन, उसके बाद से संबंधित ने नम्बर बंद कर लिए. जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों को दी और रिपोर्ट दर्ज कराई.

एसपी हैदर अली जैदी ने प्रकरण की जांच के लिए एएसपी (एडीएफ) सुरेश खींची के निर्देशन में उच्चैन थाना प्रभारी रामचंद्र मीणा के नेतृत्व में टीम गठित की. टीम ने जांच शुरू की, जिस पर अंरराज्यीय गिरोह के ठगी की वारदातों को अंजाम देने की बात सामने आई. आरोपियों की तलाश में टीम ने अलवर, आमला और एमपी के बैतूल में जांच की. जांच में गिरोह के कुछ साथियों के अलवर में छिपे होने की सूचना मिली. जिस पर अलवर पुलिस की मदद से उद्योगनगर थाना क्षेत्र के गांव केसरोली में 15 दिसम्बर की सुबह दबिश दी.

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दबिश के दौरान सेहरून मेव और फिरोज मेव केसरोली को पुलिस ने दबोच लिया. जिनसे पूछताछ के बाद गिरोह के दो अन्य साथी दलखान मेव निवासी भट्टपुरा थाना नगर भरतपुर और तैयब मेव निवासी ठेंगो का बास सोडोली थाना उद्योगनगर अलवर को सोमवार को सेवर चौराहे से पकड़ लिया. इनके कब्जे से एक कार भी बरामद की है. इनके बैंक खातों की जांच की गई तो उसमें करीब 4 करोड़ रुपए की जानकारी मिली.

Intro:भरतपुर. ऑनलाइन के जरिए लोगों को सस्ते वाहन, जैविक खाद की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की वारदात करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को उच्चैन थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें दो आरोपियों को पुलिस ने अलवर जिले में उनके घरों पर दबिश देकर पकड़ा है जबकि दो अन्य को सोमवार को शहर के सेवर चौराहे से धरदबोचा। जांच में सामने आया कि ये ऑनलाइन ठगी का बड़ा रैकेट है और गिरोह ने अभी तक काफी लोगों को शिकार बना चुके हैं। इनके बैंक स्टेटमेंट की जांच करने पर करीब 4 करोड़ रुपए की ठगी करने का अभी तक खुलासा हुआ है। पुलिस को पूछताछ में ठगी की कई वारदातें खुलने की संभावना है।Body:उच्चैन थाना प्रभारी रामचंद्र मीणा ने बताया कि कुम्हेर के गांव महरावर निवासी राहुल कुमार गोयल ने गत 19 अक्टूबर को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि गत 24 सितम्बर को एक वेबसाइट पर कार विज्ञापन देख उसने कथित मालिक अजयराज सिंह शेखावत निवासी जगदम्बा कॉलोनी वैशालीनगर जयपुर के मोबाइल पर बात कर खरीद के लिए 1.50 लाख रुपए में सौदा तय किया। इसके बाद संबंधिक्त व्यक्ति ने अपना नाम योगेश सैनी बताते हुए आधार, आर्मी कार्ड व पैन कार्ड आदि के कागजात उसे भेजे और उसे एक अकाउंट नम्बर में 5200 रुपए जमा करने के लिए कहा। जिस पर दूसरे दिन ऑनलाइन भुगतान कर दिया। दूसरे दिन सुबह संजय नामक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि उनकी कार अलवर आ गई और उन्हें आधी रकम जमा करानी होगी। जिस पर खाते में उसने 37500-37500 रुपए गत 27 सितम्बर को जमा कर दिए। इसके बाद फोन आया कि बकाया पूरी राशि जमा कराने पर ही कार की डिलेवरी होगी, जिस पर उसने गाड़ी अपने नाम करवाने पर राशि देने की बात कही, लेकिन उसके बाद से संबंधित ने नम्बर बंद कर लिए। जिसकी शिकायत पीडि़त ने पुलिस अधिकारियों को दी और रिपोर्ट दर्ज कराई।

एसपी हैदर अली जैदी ने प्रकरण की जांच के लिए एएसपी (एडीएफ) सुरेश खींची के निर्देशन में उच्चैन थाना प्रभारी रामचंद्र मीणा के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम ने जांच शुरू की, जिस पर अंतरराज्यीय गिरोह के ठगी की वारदातों को अंजाम देने की बात सामने आई। आरोपियों की तलाश में टीम ने अलवर, आमला व एमपी के बैतूल में जांच की। जांच में गिरोह के कुछ साथियों के अलवर में छिपे होने की सूचना मिली। जिस पर अलवर पुलिस की मदद से उद्योगनगर थाना क्षेत्र के गांव केसरोली में 15 दिसम्बर की सुबह दबिश दी। जिस पर मौके से सेहरून मेव व फिरोज मेव केसरोली को धरदबोचा लिया। पूछताछ के बाद गिरोह के दो साथी दलखान मेव निवासी भट्टपुरा थाना नगर भरतपुर व तैयब मेव निासी ठेंगो का बास सोडोली थाना उद्योगनगर अलवर को सोमवार को सेवर चौराहे से पकड़ लिया। इनके कब्जे से एक कार भी बरामद की है। इनके बैंक खातों की जांच की तो उसमें करीब 4 करोड़ रुपए की जानकारी मिली। जिस पर पुलिस को गिरोह के करोड़ों रुपए की ठगी करने की बात सामने आई है।

यूं फंसाते थे लोगों को
गिरोह की तीन अलग-अलग टीम हैं और इनके कार्य बंटे हुए हैं। पहला गिरोह लोगों को झांसे में लेकर खाते खुलवा एवं उनके एटीएम व चैकबुक ले लेते हैं और अपना मोबाइल नम्बर खाते में रजिस्टर करवाकर लापता हो जाते हैं। दूसरा गिरोह ऑनलाइन के जरिए लोगों को सस्ते वाहन, नौकरी व ऋण दिलाने का लालच देकर ऑनलाइन राशि फर्जी खातों व पेटीएम अकाण्उटों में डलवाते हैं और तीसरा गिरोह ठगी की राशि को गिरोह में बंटवारे के लिए नकद भुगतान के लिए रूप में एटीएम कार्ड, पेटीएम, यूपीआई, आईएमपीएस के जरिए नकदी निकालता है।Conclusion:गौरतलब है कि अलवर और भरतपुर के मेवात क्षेत्र में आए दिन लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार होते हैं।

बाइट - रामचंद्र मीणा, थाना प्रभारी उच्चैन, भरतपुर.
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