भरतपुर. जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान शिक्षकों से पूछा कि क्या तबादलों के लिए उन्हें पैसे देने पड़ते हैं. इस पर शिक्षकों ने कहा कि हां उन्हें पैसे देने पड़ते हैं. समारोह के दौरान हुए इस घटनाक्रम पर एक महिला आरएएस अफसर की ओर से सोशल मीडिया पर किए गए कमेंट ने सियासी भूचाल ला दिया है.
महिला अधिकारी नीलिमा तक्षक ने यह कमेंट भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ शैलेश सिंह के फेसबुक पोस्ट पर किया है, जिसमें राज्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले एक पार्षद पर जमकर निशाना साधा गया है. भरतपुर नगर निगम की आयुक्त और भरतपुर यूआईटी सचिव रहीं आरएएस अधिकारी नीलिमा तक्षक ने एक राज्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले पार्षद के खिलाफ सवाल उठाते हुए लिखा है कि 30 हजार रुपए के मजदूर के पास चुनाव के लिए तीन करोड़ कहां से आ गए?. असल में भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. शैलेश दिगंबर सिंह की फेसबुक आईडी से डाली गई पोस्ट में लिखा है कि 'अशोक गहलोत जी शिक्षकों से ट्रांसफर के पैसे तो नहीं देने पड़ते? शिक्षक- देने पड़ते हैं. इस पोस्ट पर आरएएस अधिकारी आयुक्त नीलिमा तक्षक ने एक कमेंट में पार्षद को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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साथ ही एक अन्य कमेंट में दो अन्य लोगों पर भी आरोप लगाए हैं. साथ ही पार्षद पर कमेंट किया है कि इसे पुलिस, शिक्षा विभाग,नगर निगम और यूआईटी में दलाली के लिए खुला छोड़ रखा है. इनके आका के आंख पर पट्टी बंध रही है. गौरतलब है कि महिला आरएएस अधिकारी नीलिमा तक्षक भरतपुर में नगर निगम आयुक्त और यूआईटी सचिव रह चुकी हैं. नगर निगम आयुक्त के बाद इन्हें यूआईटी में सचिव बनाया गया. यहां पर एक यूआईटी ठेकेदार से नियमों को लेकर काफी समय विवाद चला, जिसके बाद नीलिमा तक्षक का फिर से तबादला कर दिया गया.