बाड़मेर. जिले बिशाला क्षेत्र में रहने वाले तीन परिवारों को गांव के पंचों ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए गांव से बहिष्कृत कर दिया. क्योंकि इन परिवारों के दो लोगों पर ब्लाइंड मर्डर का आरोप है. जिनके गुनाहों की सजा तीन परिवार के 50 सदस्य भुगत रहे हैं.
गांव के पंचों ने बैठक कर आरोपियों के परिवारों को बहिष्कृत करने का फरमान सुना दिया. जिसके बाद करीब डेढ़ हजार गांव वालों ने रैली निकाल कर इन परिवारों के घर पर पथराव कर दिया. ऐसे में इस परिवार को मजबूरी में अपना घर छोड़ना पड़ा. तीन परिवार के 50 सदस्य दर-दर की ठोकर खाते हुए बाड़मेर शहर आ गए और दो माह से अलग रिश्तेदारों के यहां रह कर गुजर बसर करने लगे.
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इस मामले को बाड़मेर पुलिस अधीक्षक ने संज्ञान में लेकर तत्परता दिखाई और पीड़ित परिवारों को उनके गांव में छुड़वाया. एसपी शरद चौधरी का कहना है कि पीड़ित परिवार उनसे कभी नहीं मिला. जब मामले का पता चला तो DSP को भेज कर मामले की जांच करने के निर्देश दिए और पीड़ित परिवार को गांव में छुड़वाया. एसपी शरद चौधरी का कहना है कि अगर पीड़ित परिवार सुरक्षा की मांग करेगा तो उन्हें सुरक्षा भी दी जाएगी.
गौरतलब है कि एक नहीं तीन-तीन परिवारों को बिना किसी अपराध के गांव के पंचों ने सजा सुनाते हुए गांव से बहिष्कृत कर दिया गया. अब पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लेकर तत्परता दिखाते हुए पीड़ित परिवार को सुरक्षा के साथ उनके गांव छोड़ा है.