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बाड़मेर: पंचों ने परिवार को समाज से किया बहिष्कृत, कार्रवाई नहीं होने पर SP के पास पहुंचा पीड़ित पक्ष

बाड़मेर के सिणधरी इलाके में पंचों ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया है. साथ ही परिवार पर 5 लाख का आर्थिक दंड भी लगाया. इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर अब पीड़ित पक्ष ने एसपी को ज्ञापन देकर जांच अधिकारी बदलने की मांग की गई है.

Memorandum submitted to SP, Panches ostracized from society
SP को पीड़ित पक्ष ने दिया ज्ञापन
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Published : Aug 24, 2020, 6:55 PM IST

बाड़मेर. जिले के सिणधरी क्षेत्र में पंचों ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर 5 लाख का आर्थिक दंड लगाया है. इस पूरे मामले में सिणधरी थाने में प्रकरण दर्ज करवाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने के चलते अब पीड़ित ने एसपी ऑफिस पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है.

SP को पीड़ित पक्ष ने दिया ज्ञापन

पीड़ित ने बताया कि आपसी रंजिश के चलते 6 जुलाई को जातीय पंचों ने पूरे परिवार पर झूठे और गलत आरोप लगाकर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया. इसके अलावा उन पर 5 लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया. पीड़ित ने बताया कि पंचों ने कोरोना महामारी के समय में अवैध रूप से हमारे घर में करीबन 200 लोगों को इकट्ठा कर सरकार की गाइडलाइन की अवहेलना की. साथ ही 50 हजार रुपए का खर्चा भी करवाया. जिसको लेकर पीड़ित पक्ष ने सिणधरी थाने में मामला दर्ज करवाया था.

पढ़ें- HC का फैसला, कहा- स्पीकर करें मामले की सुनवाई, दिलावर की याचिका खारिज करने का आदेश रद्द

लेकिन 1 महीने के बाद भी जांच अधिकारी द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि हमारी ओर से पंचायत के वीडियो और फोटो भी पेश किए गए हैं. गवाहों के बयान भी दर्ज करवाए गए. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसकी वजह से आरोपी लगातार उन्हें धमकियां दे रहे हैं. जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है. ऐसे में पीड़ित पक्ष ने एसपी को ज्ञापन देकर प्रकरण में जांच अधिकारी बदलकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. इस पर एसपी ने पूरे मामले को लेकर निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

बाड़मेर. जिले के सिणधरी क्षेत्र में पंचों ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर 5 लाख का आर्थिक दंड लगाया है. इस पूरे मामले में सिणधरी थाने में प्रकरण दर्ज करवाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने के चलते अब पीड़ित ने एसपी ऑफिस पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है.

SP को पीड़ित पक्ष ने दिया ज्ञापन

पीड़ित ने बताया कि आपसी रंजिश के चलते 6 जुलाई को जातीय पंचों ने पूरे परिवार पर झूठे और गलत आरोप लगाकर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया. इसके अलावा उन पर 5 लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया. पीड़ित ने बताया कि पंचों ने कोरोना महामारी के समय में अवैध रूप से हमारे घर में करीबन 200 लोगों को इकट्ठा कर सरकार की गाइडलाइन की अवहेलना की. साथ ही 50 हजार रुपए का खर्चा भी करवाया. जिसको लेकर पीड़ित पक्ष ने सिणधरी थाने में मामला दर्ज करवाया था.

पढ़ें- HC का फैसला, कहा- स्पीकर करें मामले की सुनवाई, दिलावर की याचिका खारिज करने का आदेश रद्द

लेकिन 1 महीने के बाद भी जांच अधिकारी द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि हमारी ओर से पंचायत के वीडियो और फोटो भी पेश किए गए हैं. गवाहों के बयान भी दर्ज करवाए गए. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसकी वजह से आरोपी लगातार उन्हें धमकियां दे रहे हैं. जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है. ऐसे में पीड़ित पक्ष ने एसपी को ज्ञापन देकर प्रकरण में जांच अधिकारी बदलकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. इस पर एसपी ने पूरे मामले को लेकर निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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