बाड़मेर. जिले के सिणधरी क्षेत्र में पंचों ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए एक परिवार को समाज से बहिष्कृत कर 5 लाख का आर्थिक दंड लगाया है. इस पूरे मामले में सिणधरी थाने में प्रकरण दर्ज करवाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने के चलते अब पीड़ित ने एसपी ऑफिस पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़ित ने बताया कि आपसी रंजिश के चलते 6 जुलाई को जातीय पंचों ने पूरे परिवार पर झूठे और गलत आरोप लगाकर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया. इसके अलावा उन पर 5 लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया. पीड़ित ने बताया कि पंचों ने कोरोना महामारी के समय में अवैध रूप से हमारे घर में करीबन 200 लोगों को इकट्ठा कर सरकार की गाइडलाइन की अवहेलना की. साथ ही 50 हजार रुपए का खर्चा भी करवाया. जिसको लेकर पीड़ित पक्ष ने सिणधरी थाने में मामला दर्ज करवाया था.
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लेकिन 1 महीने के बाद भी जांच अधिकारी द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि हमारी ओर से पंचायत के वीडियो और फोटो भी पेश किए गए हैं. गवाहों के बयान भी दर्ज करवाए गए. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसकी वजह से आरोपी लगातार उन्हें धमकियां दे रहे हैं. जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है. ऐसे में पीड़ित पक्ष ने एसपी को ज्ञापन देकर प्रकरण में जांच अधिकारी बदलकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. इस पर एसपी ने पूरे मामले को लेकर निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है.